शिवपुरी। प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी के चलते मॉडल प्रसव केंद्र अब मवेशियों का ठिकाना बन गया है. जिले की बैराड़ तहसील के जौराई गांव में प्रसूता महिलाओं की सुविधा के लिए सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर मॉडल प्रसव केन्द्र बनाया था, जो कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है. यहां पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के अमले की लापरवाही की चलते प्रसव केन्द्र में इन दिनों ग्रामीण मवेशी बांध रहे हैं. वहीं ग्रामीण महिलाओं को मजबूरी में प्रसव के लिए शिवपुरी या बैराड़ जाना पड़ रहा है.
दअसल जौराई गांव में प्रसूता महिलाओं की सुविधा के लिए सरकार ने मॉडल प्रसव केन्द्र बनवाया था. जिसमें इन दिनों ग्रामीण मवेशी बांध रहे हैं. हालात यह है कि गांव के प्रसव केन्द्र पर पदस्थ महिला एएनएम और सहायक अपने घर रहकर नौकरी कर रहे हैं. जबकि प्रसव के लिए गांव की महिलाओं को बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शिवपुरी तक की भागदौड़ करनी पड़ रही है. इस प्रसव केन्द्र को खोले जाने के लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
सरकार की मंशा पर फिरा पानी
केन्द्र सरकार की मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए करीब 20 लाख की लागत से जौराई उप स्वास्थ्य केन्द्र को मॉडल प्रसव केन्द्र बनाया गया था. जिसमें ग्रामीण महिलाओं को सातों दिन 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई थी. लेकिन, सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई.
तीन साल से बंद पड़ा मॉडल प्रसव केंद्र
जौराई गांव के ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते यह प्रसव केन्द्र बीते 3 साल से बंद पड़ा है. इस केन्द्र के मुख्य द्वार पर ताला लगा है. जबकि, अंदर परिसर में चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हैं. सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर बनाए इस केन्द्र के बंद होने से लोग यहां अपने मवेशी बांध रहे हैं. मॉडल प्रसव केन्द्र खुलने से जौराई सहित बीलपुरा, कैमई, धूम, सुमेढ़, नारायणपुरा, रैयन, जारियाकला, आनंदपुर सहित आसपास के 20 गांव की ग्रामीण महिलाओं को प्रसव सुविधाएं का लाभ मिल सकता है.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
जौराई गांव की निवासी ममता ने बताया कि जौराई के प्रसव केन्द्र पर ताला लगा रहता है. इसके यहां खोले जाने से कोई लाभ नहीं मिल रहा है. गांव की गर्भवती महिला को प्रसव के लिए 1-2 हजार रुपए खर्च कर एम्बुलेंस से शिवपुरी बैराड़ जाना पड़ रहा है. यहां पदस्थ एएनएम महीने में एक-दो बार आकर बाहर से ही चक्कर लगा कर चली जाती हैं. वहीं जौराई से जनपद सदस्य रामसिंह का कहना है कि बीते तीन साल से प्रसव केन्द्र का ताला नहीं खुला है. यहां पदस्थ स्टाफ बाहर से ही घूम कर चला जाता है. जिसकी शिकायत कई बार करने के बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
इस मामले में शिवपुरी सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि बीएमओ को भेज कर जौराई डिलीवरी सेंटर की अव्यवस्थाओं की जांच कराई जाएगी. वहीं दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की भी जाएगी. मैंने इस केन्द्र पर दो कर्मचारी पदस्थ कर दिए हैं. व्यवस्थाओं में सुधार कर जल्द ही प्रसव केन्द्र पर ग्रामीण महिलाओं को प्रसव सुविधाएं उपलब्ध होगी.