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शिवपुरीः किसानों की समस्याओं पर भारतीय किसान संघ ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

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Published : Sep 17, 2020, 4:15 PM IST

शिवपुरी जिले में किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान संघ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें विभिन्न मांगों को पूरी करने की बात कही गई है.

Indian farmers association submitted memorandum
भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी। किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में बताया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाओं में खेत को ईकाई माना जाए. कृषि कार्य में लगने वाले सभी उपकरणों, यंत्रों, रासायनिक, दवाइयों, बीज पर जीएसटी की दर न्यून्तम की जाए. बैंकों द्वारा कृषि लो और केसीसी देने की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ ऑनलाईन की जाए, किसानों को परेशान करने पर जवाब देही निश्चित की जाए. मुद्रा लोन की तरह किसानों को कृषि लोन देने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए.

इसी प्रकार कृषि कार्य में लगने वाले डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. वर्षा मापक यंत्र को सभी पंचायतों में लगाया जाए. सर्मथन मूल्य पर फसल खरीदी की बकाया राशि किसानों को तत्काल दी जाए. फसल नुकसान का पारदर्शिता से सर्वे कराकर उसका एक प्रतिशत हिस्सा किसान को उपलब्ध कराया जाए. कृषि उपज मंडी में विक्रय के लिए आने वाले वाहनों की संख्या की बाध्यता को भी खत्म किया जाए. कृषि यंत्रों की खरीदी में अनुदान का कोटा बढ़ाया जाए. प्रदेश में किसानों के लिए राहत कोष बनाया जाए. मनरेगा को कृषि कार्यों से जोड़ा जाए.

शिवपुरी। किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में बताया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाओं में खेत को ईकाई माना जाए. कृषि कार्य में लगने वाले सभी उपकरणों, यंत्रों, रासायनिक, दवाइयों, बीज पर जीएसटी की दर न्यून्तम की जाए. बैंकों द्वारा कृषि लो और केसीसी देने की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ ऑनलाईन की जाए, किसानों को परेशान करने पर जवाब देही निश्चित की जाए. मुद्रा लोन की तरह किसानों को कृषि लोन देने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए.

इसी प्रकार कृषि कार्य में लगने वाले डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. वर्षा मापक यंत्र को सभी पंचायतों में लगाया जाए. सर्मथन मूल्य पर फसल खरीदी की बकाया राशि किसानों को तत्काल दी जाए. फसल नुकसान का पारदर्शिता से सर्वे कराकर उसका एक प्रतिशत हिस्सा किसान को उपलब्ध कराया जाए. कृषि उपज मंडी में विक्रय के लिए आने वाले वाहनों की संख्या की बाध्यता को भी खत्म किया जाए. कृषि यंत्रों की खरीदी में अनुदान का कोटा बढ़ाया जाए. प्रदेश में किसानों के लिए राहत कोष बनाया जाए. मनरेगा को कृषि कार्यों से जोड़ा जाए.

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