शिवपुरी। जरा सोचिए अगर आप दुकानदार के पास दो किलो मौसंबी लेने जाते हैं और दुकानदार आपको दो किलो मौसंबी के बदले एक मौसंबी थमा दे, तो शायद आप हैरान जाएंगे. कुछ ऐसी ही हैरानी हमें हुई जब हमने शिवपुरी जिले के बैराड़ में 2 किलो 100 ग्राम वजन की मौसंबी देखी, ये सुनकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं. वे यह मानने को ही तैयार नहीं हैं कि मौसंबी फल का वजन इतना अधिक हो सकता है, लेकिन यह कमाल भदेरा गांव के किसान रामदयाल रावत उर्फ भगतजी ने किया है, जिनकी उद्यानिकी विभाग भी सराहना कर रहा है.
2 किलो 100 ग्राम की उगाई मौसंबी
60 वर्षीय किसान रावत बताते हैं कि उनके भाई ने इजराइल से मौसंबी की पौध लाकर दी, जिसे उन्होंने खेत में रोपा. अब इसी से तैयार हुए पेड़ों से 2 किलो 100 ग्राम वजनी मौसंबी फल मिल रहे हैं. 40 किलो का कटहल और आधा किलो का नींबू भी उगा चुके हैं.
40 किलो का कटहल और आधा किलो का नींबू भी उगा चुके हैं
दरअसल, किसान रामदयाल रावत को अटपटी फसलें उगाने का शौक है. तीन साल पहले उन्होंने अपने भदेरा के इसी खेत में 500 ग्राम से अधिक वजन के नींबू की उत्पादन किया था. इसके बाद 40 किलो वजन के एक कटहल का भी उत्पादन किया. उनके भाई सरदार सिंह रावत भारतीय सेना में कैप्टन हैं. वे इजरायल से मौसंबी की दो पौध लाए, जिसे किसान रामदयाल ने अपने खेत में रोप दिया. अब उसी से तैयार हुए पेड़ों से 2 किलो 100 ग्राम वजनी मौसंबी मिल रही है.
'जिसे विश्वास नहीं मेरे खेत में आकर देख ले'
किसान रामदयाल का दावा है कि उसके खेत में लगे 2 पेड़ों में 50 से अधिक वजनी मौसंबी लगी हैं. इस फसल के उत्पादन के लिए उन्होंने बार-बार पौधे की गहरी जड़ में खाद और पानी दिया. उचित देखभाल के साथ कीटनाशकों का छिड़काव भी किया, जिसका सुखद परिणाम अब मिला है. जिसे विश्वास नहीं, वह हमारे खेत पर आकर देख सकता है. नई किस्म के पेड़-पौधे लगाना मेरा शौक हैं. मेरे कैप्टन भाई ने इजरायल से मौसंबी की पौध लाकर दी, जिसे मैंने खेत में लगा दिया, अब इन्हीं से बने पेड़ों में 2 किलो 100 ग्राम वजनी मौसंबी लगी है.