शिवपुरी। करैरा में बेटियों के जन्म को लेकर माता पिता भले ही खुशी मनाते हो, लेकिन परिवार के अन्य लोगों में मायूसी हो जाती है. खासतौर पर तब जब पहले से बेटी हो और दूसरी संतान के रूप में भी बेटी ने जन्म लिया हो. लेकिन शिवपुरी के करेरा के दिनारा में दूसरी बेटी के जन्म पर भी परिजनों ने बेटे होने के रुप में उत्सव मनाया. इस बात को चरितार्थ किया है कि बेटे की तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी होती है.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में लिंगानुपात प्रति 1000 पर 864 है. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. फिर भी परिवार में लड़कों की चाहत को प्राथमिकता दी जाती है यदि पहली संतान बिटिया है और दूसरी संतान भी यदि बिटिया पैदा होती है तो माता पिता का तो खुशी होती है लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों का मन मन बिखर जाती है, लेकिन करेरा के दिनारा में रहने वाले संतोष कनकने की पुत्र-वधु प्राची और शुभम ने दूसरी बार बिटिया को जन्म दिया तो संतोष ने दुगने उत्साह से जन्म का गृह प्रवेश कराया. इसके लिए उन्होंने विशेष तैयारियां की और घर के हर कौन डेकोरेट किया.
इस दौरान नातिन को जिस गाड़ी से घर लाया गया उस गाड़ी को भी सजाया गया. इस बीच नातिन का ढोल धमाके के साथ घर में प्रवेश करवाया. दादा संतोष कहते हैं भारतीय समाज को वह बेटा-बेटी को एक सामान मानने का संदेश देना चाहते हैं. वहीं दादी रेखा कहती है कि बेटी दो कुलों का नाम रोशन करती है.