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सुखद संदेश: दूसरी बेटी के जन्म पर परिजनों ने मनाया उत्सव - 2011 census

शिवपुरी के करेरा के दिनारा में दूसरी बेटी के जन्म पर भी परिजनों ने बेटे होने के रुप में उत्सव मनाया. इस बात को चरितार्थ किया है कि बेटे की तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी होती है.

Demonstrated happiness over Shivpuri having daughter in Kareena
बेटी का ठाटबाट से कराया गृह प्रवेश
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Published : Jan 29, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 3:45 PM IST

शिवपुरी। करैरा में बेटियों के जन्म को लेकर माता पिता भले ही खुशी मनाते हो, लेकिन परिवार के अन्य लोगों में मायूसी हो जाती है. खासतौर पर तब जब पहले से बेटी हो और दूसरी संतान के रूप में भी बेटी ने जन्म लिया हो. लेकिन शिवपुरी के करेरा के दिनारा में दूसरी बेटी के जन्म पर भी परिजनों ने बेटे होने के रुप में उत्सव मनाया. इस बात को चरितार्थ किया है कि बेटे की तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी होती है.

Demonstrated happiness over Shivpuri having daughter in Kareena
ठाटबाट से कराया गृह प्रवेश

2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में लिंगानुपात प्रति 1000 पर 864 है. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. फिर भी परिवार में लड़कों की चाहत को प्राथमिकता दी जाती है यदि पहली संतान बिटिया है और दूसरी संतान भी यदि बिटिया पैदा होती है तो माता पिता का तो खुशी होती है लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों का मन मन बिखर जाती है, लेकिन करेरा के दिनारा में रहने वाले संतोष कनकने की पुत्र-वधु प्राची और शुभम ने दूसरी बार बिटिया को जन्म दिया तो संतोष ने दुगने उत्साह से जन्म का गृह प्रवेश कराया. इसके लिए उन्होंने विशेष तैयारियां की और घर के हर कौन डेकोरेट किया.

बेटी का ठाटबाट से कराया गृह प्रवेश

इस दौरान नातिन को जिस गाड़ी से घर लाया गया उस गाड़ी को भी सजाया गया. इस बीच नातिन का ढोल धमाके के साथ घर में प्रवेश करवाया. दादा संतोष कहते हैं भारतीय समाज को वह बेटा-बेटी को एक सामान मानने का संदेश देना चाहते हैं. वहीं दादी रेखा कहती है कि बेटी दो कुलों का नाम रोशन करती है.

शिवपुरी। करैरा में बेटियों के जन्म को लेकर माता पिता भले ही खुशी मनाते हो, लेकिन परिवार के अन्य लोगों में मायूसी हो जाती है. खासतौर पर तब जब पहले से बेटी हो और दूसरी संतान के रूप में भी बेटी ने जन्म लिया हो. लेकिन शिवपुरी के करेरा के दिनारा में दूसरी बेटी के जन्म पर भी परिजनों ने बेटे होने के रुप में उत्सव मनाया. इस बात को चरितार्थ किया है कि बेटे की तरह बेटियों के जन्म पर भी खुशी होती है.

Demonstrated happiness over Shivpuri having daughter in Kareena
ठाटबाट से कराया गृह प्रवेश

2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में लिंगानुपात प्रति 1000 पर 864 है. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. फिर भी परिवार में लड़कों की चाहत को प्राथमिकता दी जाती है यदि पहली संतान बिटिया है और दूसरी संतान भी यदि बिटिया पैदा होती है तो माता पिता का तो खुशी होती है लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों का मन मन बिखर जाती है, लेकिन करेरा के दिनारा में रहने वाले संतोष कनकने की पुत्र-वधु प्राची और शुभम ने दूसरी बार बिटिया को जन्म दिया तो संतोष ने दुगने उत्साह से जन्म का गृह प्रवेश कराया. इसके लिए उन्होंने विशेष तैयारियां की और घर के हर कौन डेकोरेट किया.

बेटी का ठाटबाट से कराया गृह प्रवेश

इस दौरान नातिन को जिस गाड़ी से घर लाया गया उस गाड़ी को भी सजाया गया. इस बीच नातिन का ढोल धमाके के साथ घर में प्रवेश करवाया. दादा संतोष कहते हैं भारतीय समाज को वह बेटा-बेटी को एक सामान मानने का संदेश देना चाहते हैं. वहीं दादी रेखा कहती है कि बेटी दो कुलों का नाम रोशन करती है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 3:45 PM IST
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