शिवपुरी। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना महामारी (Corona Pendamic) के कारण करीब दो सालों से बंद आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi center opened in MP) मंगलवार से फिर से खोल दिये गए हैं और इन्हें सामान्य रूप से संचालित करने के आदेश भी दे दिए गए है.. लेकिन शिवपुरी में आंगनबाड़ी केंद्र बिना किसी तैयारी के खोले गए हैं, जिसका परिणाम यह हुआ कि कुछ केंद्रों पर नाम मात्र के बच्चे ही पहुंचे तो कुछ केंद्र ऐसे थे जहां पोषण आहार की आस में बच्चे तो पहुंचे लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर मध्याह्न भोजन न पहुंचने से बच्चों को भूख ही वापस घर लौटना पड़ा.
कई केंद्रों से भूखे लौटें बच्चे
दो सालों बाद प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi center) खोले गए है. लेकिन उचित तैयारी नहीं होने के कारण अव्यवस्था का आलम दिखा. शिवपुरी के कुछ केंद्र ऐसे थे, जहां आंगनबाड़ी केंद्रों पर मध्याह्न भोजन (Mid Day Meal) न पहुंचने से बच्चों को भूख ही वापस घर लौटना पड़ा. ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों में जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचल की सैकड़ों आंगनबाड़ी शामिल हैं. पहले ही दिन विभाग की लापरवाही स्पष्ट रूप से देखने को मिली. वार्ड 15 के आंगनबाड़ी केंद्र-39 पर बच्चों को नाश्ते में दलिया देकर लौट दिया गया. यहां दोपहर में खाने की आस में पहुंचे बच्चों को भूखा ही घर लौटना पड़ा. यही हाल इसी वार्ड की सीएमएचओ ऑफिस के पीछे वाली आंगनबाड़ी केंद्र का रहा. ग्राम मझेरा में भी बच्चों को सिर्फ खिचड़ी देकर लौट दिया गया. यहां से भी बच्चे बिना मध्याह्न भोजन खाए ही लौट गए.
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कुछ केंद्रों में मिला भोजन
शहर में कुछ आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भी थे जहां स्व-सहायता समूहों ने पोषण आहार के रूप में मध्याह्न भोजन भेजे गए थे, लेकिन संख्या काफी कम रही. इनमें
-वार्ड क्रमांक 5 की आंगनबाड़ी पर बच्चों को मध्याह्न भोजन के रूप में रोटी, सब्जी दी गयी, लेकिन केंद्र पर पहुंचने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर थी.
-वार्ड क्रमांक-18 में बच्चों को मध्याह्न भोजन पोषण आहार के रूप में पूड़ी सब्जी दी गई.
मझेरा में मिला सड़ा हुआ अनाज
ग्राम मझेरा में बच्चों को पोषण आहार बना कर देने वाले स्व-सहायता समूह दूल्हा सैय्यद की अध्यक्ष सन्नो खान से जब खाना न देने के बारे में बात की गई तो उसका कहना था उन्हें कंट्रोल संचालक ने घुना हुआ गेंहू सप्लाई किया है. चावल और गेंहू में कीड़े भरे हुए हैं. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र पर खाना भेजने में उन्होंने असमर्थता जताई.