शिवपुरी। करैरा के ग्रामीण अंचल में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टरों के यहां बुखार, खांसी और जुकाम के मरीज पहुंच रहे हैं, जिनका बिना कोविड टेस्ट के उपचार किया जा रहा. मामले की जानकारी लगते ही प्रशासन ने मौके पर पहुंच चार क्लिनिक और एक पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया है.
चार क्लीनिक और एक पैथोलॉजी लैब सील
दरअसल, करैरा के गांव अमोलपठा में योग्यता नहीं होने के बाद भी क्लीनिक खोलकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ आज एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की है. एसडीएम अंकुर रवि गुप्ता और मेडीकल ऑफिसर डॉ सुनील जैन ने टीम के साथ पहुंचकर 4 क्लीनिक और एक पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया है. जिन चार चिकित्सकों के क्लीनिक सील किए गए हैं, उनमें पप्पू बघेल, सुरजीत श्रीवास्तव, वेदप्रकाश जैन, रामनिवास शर्मा के साथ इंद्रपाल, विक्की कोली की दुकानें भी सील की गईं हैं.
बिना डिग्री चल रहा था उपचार
जांच के दौरान इन अस्पतालों में नर्सिंग होम एक्ट एवं कोरोना महामारी एक्ट का उल्लंघन किया जा रह था. अमोलपठा इलाके में कई ऐसे डॉक्टर हैं, जिनके पास वैध डिग्री नहीं थी और मरीजों का उपचार कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. आज भी जब टीम पहुंची तो बगैर डिग्री लिए कई नीम हकीम भी क्लीनिक खोलकर इलाज करते पाए गए. कई ऐसे फर्जी डॉक्टर भी मिले जो बगैर डिग्री लिए मरीजों का इलाज किसी विशेषज्ञ की तरह कर रहे थे.
क्लिनिक बंद कर भागे डॉक्टर
गांव मे स्वास्थ्य विभाग और एसडीएम की टीम झोलाछाप डॉक्टरों की खैर-खबर लेने निकली तो, इसकी खबर पूरे गांव में फैल गई. इस दौरान कई डॉक्टर अपना क्लीनिक बंद कर भागते नजर आए.
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कोविड टेस्टिंग के लिए दिए निर्देश
एसडीएम ने प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र अमोल में कोविड-19 टेस्टिंग का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोविड-19 टेस्ट किया जाए, जिससे संक्रमित व्यक्ति की पहचान हो सके. साथ ही मरीज का समय पर उपचार किया जा सके. इस दौरान एसडीएम ने ग्रामीणो को बताया कि मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन कोविड-19 की टेस्टिंग की जा रही है. सभी अस्वस्थ लोग कोविड-19 का परीक्षण आवश्यक रूप से करवाएं व समय पर उपचार लें.