श्योपुर। सहसराम के मतदान केंद्र पर 12 मई को हुए मतदान के दौरान लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर ने 3 पीठासीन और 6 मतदान अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही 20 मई को फिर से मतदान कराने का फैसला लिया गया है.
सहसराम के मतदान केंद्र पर अधिकारियों ने मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को स्ट्रांग रूम पर पहुंचकर जमा करवा दिया, लेकिन फार्म 17 A, इलेक्ट्रोरल कॉपी, मोकपोल स्लिप सहित अन्य सामग्री को वहीं छोड़ आए थे. इस मामले से कैसे बचा जाए इसके लिए कलेक्टर ने भोपाल तक के अधिकारियों से बात की, लेकिन मीडिया को भनक लगने के बाद चुनाव आयोग ने सहसराम में 20 मई को फिर से मतदान किए जाने का फैसला लिया है.
निलंबित हुए इन अधिकारी कर्मचारियों में सहसराम के मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी डॉ महेश सिंह सिसोदिया, अधिकारी क्रमांक 1 महावीर बैरवा, अधिकारी नं. 2 आदिराम बघेल, और अधिकारी नं. 3 मोहनलाल शर्मा का नाम शामिल है. मतदान कार्य की ट्रेनिंग ना लेने और मतदान प्रक्रिया को जानबूझकर दूषित करने को लेकर कलेक्टर ने इन अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.
इसके अलावा पांडोला के पीठासीन अधिकारी प्रेम सिंह जादौन और शहर की पानी की टंकी के मतदान केंद्र पर तैनात किए गए पीठासीन अधिकारी रमेश लाल जाटव ने मॉक पोल के 50-50 वोटों को डिलीट किए बगैर मतदान करवा दिया. जिस वजह से जितना मतदान हुआ उससे 50-50 अधिक वोट ईवीएम में डाले गए.