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श्योपुर: मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला, 3 पीठासीन और 6 मतदान अधिकारी संस्पेंड

12 मई को हुए मतदान के दौरान लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर ने 3 पीठासीन और 6 मतदान अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

मतदान के दौरान महिलाएं
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Published : May 19, 2019, 9:35 PM IST

श्योपुर। सहसराम के मतदान केंद्र पर 12 मई को हुए मतदान के दौरान लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर ने 3 पीठासीन और 6 मतदान अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही 20 मई को फिर से मतदान कराने का फैसला लिया गया है.


सहसराम के मतदान केंद्र पर अधिकारियों ने मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को स्ट्रांग रूम पर पहुंचकर जमा करवा दिया, लेकिन फार्म 17 A, इलेक्ट्रोरल कॉपी, मोकपोल स्लिप सहित अन्य सामग्री को वहीं छोड़ आए थे. इस मामले से कैसे बचा जाए इसके लिए कलेक्टर ने भोपाल तक के अधिकारियों से बात की, लेकिन मीडिया को भनक लगने के बाद चुनाव आयोग ने सहसराम में 20 मई को फिर से मतदान किए जाने का फैसला लिया है.

अधिकारी संस्पेंड


निलंबित हुए इन अधिकारी कर्मचारियों में सहसराम के मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी डॉ महेश सिंह सिसोदिया, अधिकारी क्रमांक 1 महावीर बैरवा, अधिकारी नं. 2 आदिराम बघेल, और अधिकारी नं. 3 मोहनलाल शर्मा का नाम शामिल है. मतदान कार्य की ट्रेनिंग ना लेने और मतदान प्रक्रिया को जानबूझकर दूषित करने को लेकर कलेक्टर ने इन अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.


इसके अलावा पांडोला के पीठासीन अधिकारी प्रेम सिंह जादौन और शहर की पानी की टंकी के मतदान केंद्र पर तैनात किए गए पीठासीन अधिकारी रमेश लाल जाटव ने मॉक पोल के 50-50 वोटों को डिलीट किए बगैर मतदान करवा दिया. जिस वजह से जितना मतदान हुआ उससे 50-50 अधिक वोट ईवीएम में डाले गए.

श्योपुर। सहसराम के मतदान केंद्र पर 12 मई को हुए मतदान के दौरान लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर ने 3 पीठासीन और 6 मतदान अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही 20 मई को फिर से मतदान कराने का फैसला लिया गया है.


सहसराम के मतदान केंद्र पर अधिकारियों ने मतदान पूरा होने के बाद ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को स्ट्रांग रूम पर पहुंचकर जमा करवा दिया, लेकिन फार्म 17 A, इलेक्ट्रोरल कॉपी, मोकपोल स्लिप सहित अन्य सामग्री को वहीं छोड़ आए थे. इस मामले से कैसे बचा जाए इसके लिए कलेक्टर ने भोपाल तक के अधिकारियों से बात की, लेकिन मीडिया को भनक लगने के बाद चुनाव आयोग ने सहसराम में 20 मई को फिर से मतदान किए जाने का फैसला लिया है.

अधिकारी संस्पेंड


निलंबित हुए इन अधिकारी कर्मचारियों में सहसराम के मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी डॉ महेश सिंह सिसोदिया, अधिकारी क्रमांक 1 महावीर बैरवा, अधिकारी नं. 2 आदिराम बघेल, और अधिकारी नं. 3 मोहनलाल शर्मा का नाम शामिल है. मतदान कार्य की ट्रेनिंग ना लेने और मतदान प्रक्रिया को जानबूझकर दूषित करने को लेकर कलेक्टर ने इन अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.


इसके अलावा पांडोला के पीठासीन अधिकारी प्रेम सिंह जादौन और शहर की पानी की टंकी के मतदान केंद्र पर तैनात किए गए पीठासीन अधिकारी रमेश लाल जाटव ने मॉक पोल के 50-50 वोटों को डिलीट किए बगैर मतदान करवा दिया. जिस वजह से जितना मतदान हुआ उससे 50-50 अधिक वोट ईवीएम में डाले गए.

Intro:एंकर श्योपुर-3 पीठासीन अधिकारियों समेत 6 मतदान अधिकारियों को निलंबित किए जाने की कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई कलेक्टर बसंत कुर्रे ने की है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 12 मई को आयोजित हुए लोकसभा चुनाव में लापरवाही बरती जिस वजह से निर्वाचन प्रक्रिया दूषित हुई। जिसके लिए इन्हे जिम्मेवार मानते हुए इन सब के खिलाफ कार्रवाई की गई है।


Body:निलंबित हुए इन अधिकारी कर्मचारियों में से सहसराम के मतदान केंद्र पर लगाए गए पीठासीन अधिकारी डॉ महेश सिंह सिसोदिया, अधिकारी क्रमांक 1 महावीर बैरवा, अधिकारी नम्बर 2 आदिराम बघेल, और अधिकारी नम्बर 3 मोहनलाल शर्मा का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों ने मतदान पूर्ण होने के बाद ईवीएम और वीवीपीएटी मशीन को स्ट्रांग रूम पर पहुंचकर जमा करवा दिया लेकिन फार्म 17ए, इलेक्ट्रोरल कॉपी, मोकपोल स्लिप सहित अन्य सामग्री को वही छोड़ आए थे। इसके अलावा पांडोला के पीठासीन अधिकारी प्रेम सिंह जादौन और शहर की पानी की टँकी के मतदान केंद्र पर तैनात किए गए पीठासीन अधिकारी रमेश लाल जाटव ने मोकपोल के 50-50 बोटों को डिलीट किए बगैर मतदान करवा दिया। जिस वजह से जितना मतदान हुआ उससे 50-50 अधिक बोट ईवीएम में डाले गए। इस मामले से कैसे बचा जाए इसके लिए कलेक्टर ने भोपाल तक के अधिकारियों तक बात की लेकिन जब मीडिया को इसकी भनक लग गई, मतदान में हुई गड़बड़ी की खबरे मीडिया द्वारा उठाने के बाद चुनाव आयोग द्वारा सहसराम में 20 मई को पुनः मतदान किए जाने का निर्णय लिया गया।


Conclusion:मतदान कार्य की ट्रेनिंग ना लेने और मतदान प्रक्रिया को जानबूझकर दूषित मान कर आज कलेक्टर ने इन अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया।
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