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वार्डनों की लड़ाई में रुकी छात्राओं की पढ़ाई, रोजाना होता है हंगामा

शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट बालिका छात्रावास में एक वार्डन ने खूब हंगामा किया. वार्डन को दो महीने पहले छात्रावास से हटाकर नई वार्डन की नियुक्ति कर दी गई है, लेकिन वह आवास छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं है.

बालिका छात्रावास में नई वार्डन की पदस्थापना को लेकर हंगामा
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Published : Oct 20, 2019, 10:06 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 10:36 PM IST

श्योपुर। शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट बालिका छात्रावास में एक वार्डन ने जमकर हंगामा किया. इस वार्डन को दो महीने पहले छात्रावास से हटाकर नई वार्डन की नियुक्ति की गई थी, लेकिन वह आवास छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं है. हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया, लेकिन उसने उनकी भी नहीं मानी, जिसके बाद पुलिस वार्डन को समझाइस देकर वापस लौट गई.

नई वार्डन की पदस्थापना को लेकर हंगामा

नई वार्डन का कहना है कि पुरानी वार्डन गायत्री आर्य को प्रशासन ने दो महीने पहले ही हटा दिया था, लेकिन वह छात्रावास का आवास खाली नहीं कर रही है. यहां तक की उन्हें बैठने की जगह भी नहीं दे रहीं. इसके बजाय वह आए दिन हंगामा खड़ा कर उन्हे और छात्राओं को परेशान कर रही हैं. उन्होंने मांग की है कि पुरानी वार्डन को तत्काल छात्रावास से उसकी मूल पदस्थापना पर भेजा जाए.

वहीं गायत्री का कहना है कि जुलाई का आदेश आया हुआ है, लेकिन नई वार्डन तब नहीं आईं. उसने कहा कि उसकी डिलीवरी हो गई है, जिसके चलते वह उठ-बैठ नहीं पा रहीं. ऐसे में वह चार्ज कैसे दे सकती हैं. वार्डनों के प्रतिदिन हंगामा करने से छात्रावास में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. जिसके चलते छात्राओं की मांग है कि दोनों वार्डनों को हटा दिया जाय और नई वार्डन लाया जाये.

श्योपुर। शासकीय अनुसूचित जाति उत्कृष्ट बालिका छात्रावास में एक वार्डन ने जमकर हंगामा किया. इस वार्डन को दो महीने पहले छात्रावास से हटाकर नई वार्डन की नियुक्ति की गई थी, लेकिन वह आवास छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं है. हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया, लेकिन उसने उनकी भी नहीं मानी, जिसके बाद पुलिस वार्डन को समझाइस देकर वापस लौट गई.

नई वार्डन की पदस्थापना को लेकर हंगामा

नई वार्डन का कहना है कि पुरानी वार्डन गायत्री आर्य को प्रशासन ने दो महीने पहले ही हटा दिया था, लेकिन वह छात्रावास का आवास खाली नहीं कर रही है. यहां तक की उन्हें बैठने की जगह भी नहीं दे रहीं. इसके बजाय वह आए दिन हंगामा खड़ा कर उन्हे और छात्राओं को परेशान कर रही हैं. उन्होंने मांग की है कि पुरानी वार्डन को तत्काल छात्रावास से उसकी मूल पदस्थापना पर भेजा जाए.

वहीं गायत्री का कहना है कि जुलाई का आदेश आया हुआ है, लेकिन नई वार्डन तब नहीं आईं. उसने कहा कि उसकी डिलीवरी हो गई है, जिसके चलते वह उठ-बैठ नहीं पा रहीं. ऐसे में वह चार्ज कैसे दे सकती हैं. वार्डनों के प्रतिदिन हंगामा करने से छात्रावास में छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. जिसके चलते छात्राओं की मांग है कि दोनों वार्डनों को हटा दिया जाय और नई वार्डन लाया जाये.

Intro:ऐंकर
श्योपुर-छात्रावास से हटाई गई अधीक्षिका द्वारा छात्रावास में हंगामा किए जाने का मामला सामने आया है। मामला शहर के बायपास पर स्थित शासकीय अनुसूचित

जाति जिला स्तरीय उत्कृष्ठ बालिका छात्रावास का है जहां बताया जा रहा है कि 02 महीने पहले छात्रावास से हटाई गई तत्कालीन अधीक्षिका गायित्री आर्य ने

Body:रविवार को छात्रावास में जमकर हंगामा कर दिया, जिसकी जानकारी मिलने पर डायल 100 पुलिस और तहसीलदार छात्रावास में पहुंचे जहां नवागत अधीक्षिका

मिथलेश रावत और स्टॉफ ने सारी बात बताई, पुलिस और अधिकारियों ने तत्कालीन अधीक्षिका को छात्रावास खाली करने के लिए कहा लेकिन वह छात्रावास का

ऑफिस और अधीक्षिका का आवास खाली करने के लिए तैयार नहीं हुई। इस वजह से पुलिस और अधिकारियों को समझाइश देकर छात्रावास से लौटना पड़ा।

अधीक्षिका के रोज-रोज हंगामा करने से छात्रावास की नवागत अधीक्षिका और स्टॉफ को जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं छात्राओं की भी

 Conclusion:पढाई-लिखाई पर असर पड़ रहा है। छात्रावास की नवागत अधीक्षिका का कहना है कि तत्कालीन अधीक्षिका को प्रशासन द्वारा 02 महीने पहले हटा दिया गया है। लेकिन वह न छात्रावास का आवास खाली कर रही है और नहीं कार्यालय को उल्टा आए दिन हंगामा खड़ा करके उन्हे और छात्राओं को परेशान कर रही है। जिससे छात्रावास में अशांति का माहौल बना रहता है और छात्राओं की पढाई-लिखाई भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने मांग की है कि छात्रावास में शांति बनाए रखने के लिए तत्कालीन अधीक्षिका को तत्काल छात्रावास से निकलवाकर उसकी मूल पदस्थापना पर भेजा जाए..वही छात्रावास की छात्राओं की मांग है कि अधीक्षिका बने रहने के लिए हंगामा होता है इस लिए दोनों अधीक्षिकाओं को ही हटा दिया जाए ताकि वह ठीक से पढ़ सकें।
Last Updated : Oct 20, 2019, 10:36 PM IST
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