श्योपुर। बेसहारा महिला के गंभीर रूप से बीमार होने के बाद उसके बच्चों द्वारा सड़कों पर भीख मांगने का मामला सामने आया हैं. बच्चों के चाचा चाची उन बच्चों से भीख मंगवाने व दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा लगवाने का काम करवा रहे थे. जब इस बात की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिली तो महिला सशक्तिकरण विभाग की टीम ने महिला के बच्चों को जिला अस्पताल के वन स्टॉप सेंटर में भर्ती करा दिया, हालांकि विभाग द्वारा भरण पोषण के इंतजाम के लिए मुरैना के महात्मा गांधी सेवा आश्रम में भर्ती कराया जाएगा.
श्योपुर के पकड़ चौराहे की रहने वाली महिला के पति की पिछले साल मौत हो गई थी. जिसके बाद वह अपने चार बच्चों का भरण पोषण अकेले ही कर रही थी लेकिन महिला खुद गंभीर रूप से बीमार हो गई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए पिछले कुछ दिनों ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस दौरान पीड़ित महिला के चारों बच्चे बेसहारा हो गए लेकिन महिला अपने बच्चों को अपने देवर और देवरानी के यहां इस भरोसे पर छोड़ गई कि उसकी गैरहाजिरी में बच्चे महफूज रहेंगे लेकिन हुआ उल्टा, बच्चों के चाचा और चाची ने चारों बच्चों को कमाई का जरिया बनाकर, तीन छोटे बच्चों से शहर में भीख मंगवाने का काम करवाने लगे और एक बेटी से दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा लगवाने का कार्य शुरू करा दिया.
बेसहारा महिला की बच्चों की जानकारी मिलने के बाद विधायक बाबू सिंह जंडेल अस्पताल में बने वन स्टॉप सेंटर में बच्चों से मिलने पहुंचे और उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकारी इन्हीं बच्चों के चाचा चाची ने दी थी और कहा था कि हमारे बच्चों को अस्पताल में ले जाया गया है लेकिन हकीकत तो यह है कि चाचा चाची के द्वारा बच्चों से भीख मंगवाने का काम किया जाता था ऐसे में इन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यह वन स्टॉप सेंटर के अधिकारियों ने अच्छा किया और अब उनके द्वारा किसी संस्थान में भेजा जाएगा.