श्योपुर। गुरुवार को जिला मुख्यालय की अस्थायी जेल से फरार हुए कैदी ने आज जिला जेल की तीन नंबर बैरक में लगे पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला न्यायालय के न्यायाधीश और प्रभारी अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय, एचएफएल टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रबंधक और कोतवाली पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है, साथ ही कार्रवाई करने की मांग की है.
मृतक बंदी सोनू माली श्योपुर के रेगर मोहल्ले में रहता था, जिसे कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को धारदार हथियार के साथ गिरफ्तार किया और उसे जिला जेल भिजवा दिया था. जिसे जेल प्रबंधक ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए डेंगदम स्थित अस्थायी जेल में बंद किया, जिसके कुछ ही घंटे बाद रात 9 बजे आरोपी वहां से भागकर अपनी मौसी के यहां पहुंच गया. जिसे 1 घंटे के भीतर उसकी मौसी और अन्य रिश्तेदारों ने फिर से कोतवाली थाना पुलिस के हवाले कर दिया था. तभी से उसे जेल प्रबंधक और जिला जेल की बैरक नंबर 3 में बंद कर दिया गया था. जहां आज कैदी ने फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली. मौत जेल के भीतर होने की वजह से जेल प्रबंधन पर आरोप लगने के साथ-साथ उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
प्रभारी अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय का कहना है कि सोनू नाम का युवक दिनांक 15 को जेल आया था, जिसे टेंपरेरी जेल डेंगदम में रखा गया था. उसने आज फांसी लगा ली. जिसकी जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं मृतक बंदी के परिजनों का कहना है कि मोबाइल चोरी के मामले में पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन हथियार रखने के आरोपी में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. साथ ही उन्होंने पुलिस पर चार दिन से रिमांड में लेकर बेरहमी से मारपीट करने का आरोपी लगाया है.