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अमीर बनने की चाहत में छोड़ी फौज की नौकरी, नकली नोट बनाने के धंधे में चढ़ा पुलिस के हत्थे

अमीर बनने की चाहत में फौज की नौकरी छोड़ नकली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड फौजी को पुलिस के गिरफ्तार किया है. लोगों को दोगुने रूपये बना देने का झांसा देकर ठगी करता था.

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नकली नोट छापने का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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Published : Dec 26, 2019, 9:53 PM IST

श्योपुर। अमीर बनने की चाहत में फौज की नौकरी छोड़ नकली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह के मास्टरमांइड फौजी को पुलिस के गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये गिरोह लोगों को दोगुने रूपये करने का लालच दिया करता था. इस मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को करीब सात महीने पहले ही पकड़ा था.

नकली नोट छापने का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि पुलिस के हाथ आया मास्टरमाइंड पहले फौज में नौकरी करता था. जानकारी के मुताबिक, 31 मई को चिमलका गांव निवासी जोगिंदर सरदार ने मानपुर थाने में शिकायत की थी कि केशव पाठक, सुरजीत सरदार, साबिल खान, रामवीर उर्फ फौजी पंडित, देवभान सिकरवार, अजब सिंह, रघुराज गुर्जर और राजू धोबी उसके घर आए और कांच की एक प्लेट और केमिकल दिखाते हुए कहा कि, वो नोटों से नोट बना देते हैं. पीड़ित ने बताया कि इन ठगों ने उसे रुपए दोगुने करने का झांसा दिया और 55 हजार रुपए ठग लिए. इन 55 हजार रुपए के बदले एक लाख 10 हजार रुपए देने का झांसा दिया था.

पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने आठ आरोपियों को दबोच लिया था. लेकिन रामवीर उर्फ फौजी पंडित तब से फरार चल रहा था. जिस पर एसपी नगेन्द्र सिंह ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था.

अमीर बनने की चाह में छोड़ी थी फौज की नौकरी
मास्टर माइंड फौजी पंडित सीआरपीएफ का जवान था और आठ साल तक फौज में नौकरी की. लेकिन अमीर बनने की चाहत में फौज की नौकरी छोड़ दी. करीब 20 साल पहले फौज की नौकरी छोड़ कुछ ऐसे धंधे ढ़ढूने लगा, जिससे वो जल्द ही अमीर बन जाए फिर उसने नकली नोट बनाने का काम शुरू कर दिया.

श्योपुर। अमीर बनने की चाहत में फौज की नौकरी छोड़ नकली नोट का कारोबार करने वाले गिरोह के मास्टरमांइड फौजी को पुलिस के गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये गिरोह लोगों को दोगुने रूपये करने का लालच दिया करता था. इस मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को करीब सात महीने पहले ही पकड़ा था.

नकली नोट छापने का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि पुलिस के हाथ आया मास्टरमाइंड पहले फौज में नौकरी करता था. जानकारी के मुताबिक, 31 मई को चिमलका गांव निवासी जोगिंदर सरदार ने मानपुर थाने में शिकायत की थी कि केशव पाठक, सुरजीत सरदार, साबिल खान, रामवीर उर्फ फौजी पंडित, देवभान सिकरवार, अजब सिंह, रघुराज गुर्जर और राजू धोबी उसके घर आए और कांच की एक प्लेट और केमिकल दिखाते हुए कहा कि, वो नोटों से नोट बना देते हैं. पीड़ित ने बताया कि इन ठगों ने उसे रुपए दोगुने करने का झांसा दिया और 55 हजार रुपए ठग लिए. इन 55 हजार रुपए के बदले एक लाख 10 हजार रुपए देने का झांसा दिया था.

पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने आठ आरोपियों को दबोच लिया था. लेकिन रामवीर उर्फ फौजी पंडित तब से फरार चल रहा था. जिस पर एसपी नगेन्द्र सिंह ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था.

अमीर बनने की चाह में छोड़ी थी फौज की नौकरी
मास्टर माइंड फौजी पंडित सीआरपीएफ का जवान था और आठ साल तक फौज में नौकरी की. लेकिन अमीर बनने की चाहत में फौज की नौकरी छोड़ दी. करीब 20 साल पहले फौज की नौकरी छोड़ कुछ ऐसे धंधे ढ़ढूने लगा, जिससे वो जल्द ही अमीर बन जाए फिर उसने नकली नोट बनाने का काम शुरू कर दिया.

Intro:एंकर
श्योपुर,रुपयों को दोगुने करने का झांसा देकर ठगी करने और नकली नोट बनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइण्ड को मानपुर पुलिस ने जौरा से पकड़ लिया। इस गिरोह ने मानपुर क्षेत्र में कुछ लोगों को रुपए दोगुने करने का झांसा देकर ठग लिया। इस मामले में पुलिस अाठ आरोपियों को करीब सात महीने पहले ही पकड़ चुकी है। पुलिस के हाथ आया मास्टरमाइण्ड पहले फौज का जवान था।
Body:गौरतलब है कि 31 मई को चिमलका गांव निवासी गुरुनाम पुत्र जोगिंदर सरदार ने मानपुर थाने में शिकायत की कि, केशव पाठक, सुरजीत सरदार, साबिल खान, रामवीर उर्फ फौजी पण्डित, देवभान सिकरवार, अजब सिंह, रघुराज गुर्जर और राजू धोबी उसके घर आए और कांच की एक प्लेट व केमिकल दिखाते हुए कहा कि, वह नोटों से नोट बनादेते हैं। गुरुनाम ने बताया कि इन ठगों ने उसे रुपए दोगुने करने का झांसा दिया और 55 हजार रुपए ठग लिए। इन 55 हजार रुपए के बदले एक लाख 10 हजार रुपए देने का झांसा दिया था। इस शिकायत के बाद पुलिस ने आठ आरोपियों को दबोच लिया लेकिन रामवीर उर्फ फौजी पण्डित फरार हो गया, जिस पर एसपी नगेन्द्र सिंह ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। इस इनामी ठग को मानपुर पुलिस ने बुधवार को जौरा से पकड़ा है।


Conclusion:रईस बनने की चाह में छोड़ दी फौज
मास्टर माइण्ड फाैजी पण्डित पूरे 08 साल तक फौज में रहा है। वह केन्द्रीय रिजर्व फोर्स (सीआरएफ) का जवान था और 08 साल की नौकरी के दौरान वह अयोध्या, मंदसौर, अजमेर आदि जगहों पर पदस्थ रहा है। रईस बनने की चाहत रखने वाले फौजी पण्डित को फौज की नौकरी पसंद नहीं आई और करीब 20 साल पहले फौज की नौकरी को छोड़कर उल्टे-सीधे धंधे करने लगा। इस दौरान वह नकली नोट बनाने का काम भी करने लगा और उसी के लिए मानपुर में जाल फैला रहे थे, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

बाइट-सतीश कुमार साहू (उपपुलिस अधीक्षक)
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