श्योपुर। विजयपुर विकासखंड क्षेत्र के सहसराम, बुढ़ेरा, बहटा, कोटा, फरारा, खुर्रका, सेहला, मगरदा, अगरा, कदवई सहित 12 से ज्यादा गांवों में इन दिनों सर्दी-खांसी, बुखार सहित अन्य बीमारियों का प्रकोप तेजी के साथ बढता जा रहा है. जिसे लेकर लोगों को कोरोना संक्रमण का डर सताने लगा है. यही वजह है कि, स्वास्थ्य महकमे ने पिछले 2 दिनों में विजयपुर के जिन गांवों में पहुंचकर कोरोना जांच की हैं. वहां एक तिहाई के करीब मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकली है. इसे लेकर गांवों में हडकंप की स्थिति बनी हुई है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला वहां जरुरी जांचें और इलाज मुहैया नहीं करवा रहा है. जिससे गांवों में दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है.
- गांव के सभी घरों में कोरोना संक्रमण के लक्षण
ग्रामीणों ने बताया कि, सहसराम और अगरा इलाके के दर्जन भर के करीब गांव इन दिनों बीमारियों की चपेट में हैं. इन गांवों में सबसे ज्यादा वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ा है. जिसके लक्षण ठीक कोरोना संक्रमित मरीजों जैसे हैं. इस वजह से ग्रामीण भी डरे हुए हैं, क्योंकि इन गांवों में शायद ही ऐसा कोई घर होगा जिनमें कोई न कोई व्यक्ति बीमार नहीं हो. क्षेत्र के कुछ अधिकारी-कर्मचारी भी दबी जुवान से यह बात स्वीकार रहे हैं कि, इन गांवों में कोरोना संक्रमित मरीज भी भारी संख्या में निकलेंगे. फिर भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन गांवों में टीमें नहीं भिजवा रहे हैं.
खौफ या सजगता! कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के प्रति ग्रामीण हुए गंभीर
- झोलाछापों को मुंह मांगी फीस चुकाने को मजबूर
विजयपुर इलाके के सहसराम और अगरा के दर्जन भर के करीब गांवों में फैली बीमारियों का इलाज नियमानुसार तो स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को गांवों में पहुंचकर करना चाहिए, ताकि इलाज के साथ कोरोना जांच किए जाने से यह भी पता लग जाए. लेकिन जिम्मेदार लगातार उदासीन बने हुए हैं. इससे इलाके में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. कोरोना के डर से लोग प्राइवेट लैब और झोलाछाप डॉक्टरों को मुंह मांगी फीस देने को मजबूर है.