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दुनिया में आने से पहले ही गर्भस्थ शिशु को थी मारने की तैयारी, जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर

श्योपुर जिला अस्पताल में एक गर्भस्थ शिशु की जान जाते-जाते बची. दरअसल नर्सों ने बिना सोनोग्राफी रिपोर्ट देखे ही गर्भवती महिला को गर्भपात कराने को कह दिया. वो तो गनीमत रही कि वक्त पर नर्सों की गलती सामने आ गई और गर्भस्थ शिशु की जान बच गई.

जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर
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Published : Mar 30, 2019, 11:58 AM IST

श्योपुर। जिले के सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. वहीं डॉक्टर्स और स्टाफ की लापरवाही के कारण मरीजों की जान पर बन आई है. ताज़ा मामले में अस्पताल की नर्सों ने बिना रिपोर्ट देखे ही एक गर्भवती महिला को गर्भपात कराने की सलाह दे डाली. गनीमत ये रही कि उनकी यह लापरवाही सही समय पर सामने आ गई, वरना नर्सों की लापरवाही से एक मासूम को जिंदगी मिलने से पहले ही मौत के घाट उतार दिया जाता.

जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर


दरअसल भेरू खेडली की रहने वाली गर्भवती महिला रीना वैरवा और उसका पति जांच के लिए श्योपुर जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में सोनोग्राफी हुई और रिपोर्ट भी नॉर्मल आई, लेकिन अस्पताल की नर्सों ने उन्हें प्रेग्नेंसी में कुछ समस्या बताकर महिला को गर्भपात कराने को कह डाला. महिला घबरा गई और रोने लगी. पीड़ित दंपति ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी. इधर अस्पताल में महिला के ऑपरेशन की तैयरियां की जा रही थी, उधर पति कुछ सामान लेने बाहर चला गया. पति-पत्नी कम पढ़े-लिखे थे, इसलिए वे रिपोर्ट को नहीं समझ सके.


इधर महिला के पति विनोद को रास्ते में उसके एक पढ़े-लिखे परिचित मिले. विनोद ने रिपार्ट दिखाकर अपनी समस्या उन्हें बताई. रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें कुछ संदेह हुआ और उन्होंने विनोद को दोबारा जांच कराने को कहा. विनोद दौड़कर अस्पताल वापस आया और दोबारा रिपोर्ट डॉक्टर को चेक कराया. डॉक्टर ने सभी रिपार्ट को नॉर्मल बताया. जब डॉक्टर ने इस लापरवाही के बारे में नर्सों से बात की, तो वह इसी नाम की दूसरी महिला का अबॉर्शन होने की बात कहकर वहां से चली गई. अब इस घटना से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल की स्थिति क्या है.

श्योपुर। जिले के सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. वहीं डॉक्टर्स और स्टाफ की लापरवाही के कारण मरीजों की जान पर बन आई है. ताज़ा मामले में अस्पताल की नर्सों ने बिना रिपोर्ट देखे ही एक गर्भवती महिला को गर्भपात कराने की सलाह दे डाली. गनीमत ये रही कि उनकी यह लापरवाही सही समय पर सामने आ गई, वरना नर्सों की लापरवाही से एक मासूम को जिंदगी मिलने से पहले ही मौत के घाट उतार दिया जाता.

जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर


दरअसल भेरू खेडली की रहने वाली गर्भवती महिला रीना वैरवा और उसका पति जांच के लिए श्योपुर जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में सोनोग्राफी हुई और रिपोर्ट भी नॉर्मल आई, लेकिन अस्पताल की नर्सों ने उन्हें प्रेग्नेंसी में कुछ समस्या बताकर महिला को गर्भपात कराने को कह डाला. महिला घबरा गई और रोने लगी. पीड़ित दंपति ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी. इधर अस्पताल में महिला के ऑपरेशन की तैयरियां की जा रही थी, उधर पति कुछ सामान लेने बाहर चला गया. पति-पत्नी कम पढ़े-लिखे थे, इसलिए वे रिपोर्ट को नहीं समझ सके.


इधर महिला के पति विनोद को रास्ते में उसके एक पढ़े-लिखे परिचित मिले. विनोद ने रिपार्ट दिखाकर अपनी समस्या उन्हें बताई. रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें कुछ संदेह हुआ और उन्होंने विनोद को दोबारा जांच कराने को कहा. विनोद दौड़कर अस्पताल वापस आया और दोबारा रिपोर्ट डॉक्टर को चेक कराया. डॉक्टर ने सभी रिपार्ट को नॉर्मल बताया. जब डॉक्टर ने इस लापरवाही के बारे में नर्सों से बात की, तो वह इसी नाम की दूसरी महिला का अबॉर्शन होने की बात कहकर वहां से चली गई. अब इस घटना से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल की स्थिति क्या है.

Intro:एंकर

श्योपुर-जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सो की लापरवाही इस हद तक बढ़ गई है कि आये दिन नॉर्मल मरीजो की भी जान पर बन उठती है।आज भी एक ऐसी ही घटना सामने आई है जिसने डॉक्टर और नर्सो की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है देखिये ये रिपोर्ट......




Body:
वीओ-1
ताजा मामला श्योपुर के जिला अस्पताल का है जहां पांच माह की गर्भवती महिला रीना वैरवा निवासी भेरू खेडली को जिला अस्पताल में जांच करवाना उस वक्त महंगा पड़ गया होता जब सोनोग्राफी रिपोर्ट में सबकुछ ठीक होने के बावजूद भी अस्पताल की नर्से महिला की प्रैग्नेंसी में प्रॉब्लम बताकर महिला का तत्काल अवॉशन करने के लिए कहने लगी और उन्होंने महिला के पति को कुछ कपड़ो का इंतजाम करने के लिए कह दिया।रीना और उसका पति विनोद कम पढ़े लिखे थे जिस वजह से जांच में क्या आया वह समझ नही सके,और जव नर्सो द्वारा उन्हें अवॉशन के लिए कहा तो यह सुनकर रीना रोने लग गई तव विनोद ने उसे समझाया और मायूस होकर कपड़ो का इंतजाम करने के लिए अस्पताल से बाहर आगया।उधर नर्से रीना को ऑपरेशन थियेटर में आने के लिए कहकर चली गई।कुछ ही देर में रीना का अवॉशन होना था लेकिन गनीमत ये रही कि महिला के पति विनोद बैरवा जैसे ही जिला अस्पताल से बाहर निकला वैसे ही उसके परिचित के व्यक्ति नीरू मिल गए जो पढ़े लिखे और काफी समझदार भी थे।उन्होंने जैसे ही विनोद को देखा तो पूछने क्या बात है।विनोद ने सारी बात बताई तव विनोद के परिचित ने एक बार और जांच कराने की सलाह दी और दौनो अस्पताल के अंदर पहुंच गए जहां विनोद के परिचित नीरू ने डॉक्टर से दोबारा जांच की बात की तो डॉक्टर ने हाल में ही हुई सोनोग्राफी रिपोर्ट मंगवाई और देखी तो उसमें सबकुछ नॉर्मल लिखा हुआ था जिसे देख कर डॉक्टर भी सकगे में आगई उन्होंने नर्सो से बात की तब नर्सो ने इसी नाम की दूसरी महिला का अवॉशन होने की बात करते हुए रीना को यह कहकर वहां से भगाने लगी कि वह दूसरी महिला थी जिसे सुनकर रीना और उसके पति की जान में जान आई लेकिन वहां मौजूद सभी लोग हंगामा करने लग गए कि ऐसे तो तुम किसी के साथ भी कुछ कर दोगे।बाद में मामला शांत होगया लेकिन रीना के पति ने नाराजगी जाहिर करते हुए मामले की शिकायत करने की बात कही है। विनोद का कहना है कि.....

बाईट
विनोद वैरवा शिकायत कर्ता


Conclusion:वीओ-2
जिला अस्पताल में नॉर्मल रिपोर्ट आने पर पांच माह की गर्भवती महिला का अवॉशन करने की तैयारी करली जाती है और अवॉशन हो जाता लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था शायद इस वजह से रीना के गर्भ में पल रही उस जान को दुनिया मे आने से पहले ही जिला अस्पताल की लापरवाह नर्स उसे निकाल फेक देती इस बारे में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से जब बात की तो डॉक्टर और नर्सो की लापरवाही पर पर्दा डालते हुए वह मीडिया के सबालों से बचते हुए डॉक्टरों से इस बारे में बात करने के लिए कहने लगे लेकिन ईटीवी भारत ने उनका ये बयान रेकार्ड कर लिया...

बाईट
डॉ आर बी गोयल सिविल सर्जन जिला अस्पताल श्योपुर
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