ETV Bharat / state

जीवनदायिनी 'सीप' की 'मोती' मिट्टी में मिला रही लापरवाही

शहर की जीवनदायिनी सीप नदी में गंदें नालों का पानी मिलने से दूषित हो गई है. शहर को पहचान दिलाने वाली सीप नदी खुद अपने अस्तित्व के लिए जद्दोजहद कर रही है. पूराने समय में लोग सीप नदी की पूजा करते थे, लेकिन आज की परिस्थिती में नदी का पानी पीने लायक भी नहीं बचा है.

Polluted seep river
दूषित सीप नदी
author img

By

Published : Feb 6, 2021, 7:01 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:21 PM IST

श्योपुर। कहते हैं, कि 'जल ही जीवन है' लेकिन वहीं जल किसी की जिंदगी को छीन ले तो? जी हां हम बात कर रहे हैं शहर की जीवनदायिनी सीप नदी की. जो कि जिला मुख्यालय की सभी गंदे नालों को अपने में समा लेने की वजह से नदी के अस्तित्व पर खतरा बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि आज सीप नदी अपने मूल अस्तित्व को खो चुकी है.

  • सूख गया नदी का पानी

आपको बता दें कि शहर के बीचों बीच से होकर गुजरने वाली सीप नदी का पानी शुरुआत में स्वच्छ शीतल व मीठा होता था. लेकिन देखरेख के अभाव में अपना मूल रूप खो चुकी सीप नदी को देखकर इतना तो तय है कि, समय रहते गंदगी छोड़ने से नहीं बचा गया तो नदी गंदे नाले में तब्दील हो जाएगी. सीप नदी में पहले वर्ष भर पानी भरा रहता था. लेकिन इस वर्ष अल्प वर्षा के चलते नदी का पानी अभी से सूख गया है.

दूषित हो रही जीवनदायिनी सीप नदी
  • कोई नहीं ले रहा सफाई की जिम्मेदारी

नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आज तक किसी ने कोई कदम नहीं उठाया है. सीप नदी में बंजारा डैम के पास आने वाले नालों की वजह से पूरी तरह से नदी दूषित हो चुकी है. इस वजह से आने वाले समय में शहर में पेयजल का संकट गहरा सकता है. फिर भी महत्वपूर्ण नदी होने के बावजूद भी दूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन व सामाजिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

Polluted seep river
दूषित सीप नदी
  • लोग करते थे सीप नदी की पूजा

एक समय था कि के सीप नदी के घाटों पर लोग पूजा करने व पीने का पानी भरने के लिए आया करते थे. लेकिन अब वहां पॉलीथिन और कचरा नजर आ रहा है. जगह-जगह रुका हुआ पानी इतना खतरनाक है कि शरीर से लगने पर इंफेक्शन होने का भय भी बना रहता है. अभी भी प्रशासन और स्वच्छता के दूत आगे आकर काम करें तो न केवल सीप नदी रिकवर हो सकती है, बल्कि शहर भी सुंदर दिखेगा. अतिक्रमण करने वालों को भी सबक सिखाने की जरूरत है. ताकि आने वाले समय में लोग जल रेखाओं के अस्तित्व को न मिटा सके.

  • गंदगी की चपेट में यह क्षेत्र

सीप नदी में गंदगी होने से जत्ती घाट, गिर्राज घाट, पंडित घाट, नौलक्खा रोड, कर्बला घाट, रेगर घाट, धोबी घाट, नो घटा, बंजारा डैम, हनुमान मंदिर इन जगहों पर लोगों को बदबू से और गंदगी से जूझना तो पढ़ रहा है. यहां पर बीमारी का खतरा भी मंडरा रहा है.

Polluted seep river
दूषित सीप नदी
  • खेतों में तब्दील हुई नदी

डेढ़ सौ मीटर की चौड़ाई से बहने वाली सीप नदी को 5 फीट चौड़े नाले में सिमटा दिया है. इतना ही नहीं जिन लोगों ने कब्जा किया है वे प्रशासन को चुनौती देकर खेतों में फसल उगा रहे हैं.

  • जिम्मेदारों का यह है कहना

डिप्टी कलेक्टर विजेंद्र यादव का कहना है कि जहां तक सीप नदी का मामला है. उसे हम नगर पालिका सीएमओ से कहकर दिखाएंगे और जो गंदे नाले छोड़े जा रहे हैं उन्हें भी बंद करवाएंगे. कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल का कहना है कि, कांग्रेस सरकार थी उस समय सीप नदी को लेकर एक स्टीमेट तैयार किया था. लेकिन सरकार चली गई. अब भाजपा सरकार है, वह इस नदी की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह शहर की महत्वपूर्ण नदी अगर इस पर कुछ दिनों तक और ध्यान नहीं दिया तो शहर को पीने के पानी की समस्या हो जाएगी. समाजसेवियों ने बताया कि शहरवासियों के लिए महत्वपूर्ण सीप नदी सिर्फ शहर की सुंदरता ही नहीं बढ़ाती, बल्कि लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी के साथ प्रदूषण से भी बचाती थी. वर्तमान में जो हालात हैं उनसे शहर में नई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं.

श्योपुर। कहते हैं, कि 'जल ही जीवन है' लेकिन वहीं जल किसी की जिंदगी को छीन ले तो? जी हां हम बात कर रहे हैं शहर की जीवनदायिनी सीप नदी की. जो कि जिला मुख्यालय की सभी गंदे नालों को अपने में समा लेने की वजह से नदी के अस्तित्व पर खतरा बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि आज सीप नदी अपने मूल अस्तित्व को खो चुकी है.

  • सूख गया नदी का पानी

आपको बता दें कि शहर के बीचों बीच से होकर गुजरने वाली सीप नदी का पानी शुरुआत में स्वच्छ शीतल व मीठा होता था. लेकिन देखरेख के अभाव में अपना मूल रूप खो चुकी सीप नदी को देखकर इतना तो तय है कि, समय रहते गंदगी छोड़ने से नहीं बचा गया तो नदी गंदे नाले में तब्दील हो जाएगी. सीप नदी में पहले वर्ष भर पानी भरा रहता था. लेकिन इस वर्ष अल्प वर्षा के चलते नदी का पानी अभी से सूख गया है.

दूषित हो रही जीवनदायिनी सीप नदी
  • कोई नहीं ले रहा सफाई की जिम्मेदारी

नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आज तक किसी ने कोई कदम नहीं उठाया है. सीप नदी में बंजारा डैम के पास आने वाले नालों की वजह से पूरी तरह से नदी दूषित हो चुकी है. इस वजह से आने वाले समय में शहर में पेयजल का संकट गहरा सकता है. फिर भी महत्वपूर्ण नदी होने के बावजूद भी दूषित होने से बचाने के लिए प्रशासन व सामाजिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

Polluted seep river
दूषित सीप नदी
  • लोग करते थे सीप नदी की पूजा

एक समय था कि के सीप नदी के घाटों पर लोग पूजा करने व पीने का पानी भरने के लिए आया करते थे. लेकिन अब वहां पॉलीथिन और कचरा नजर आ रहा है. जगह-जगह रुका हुआ पानी इतना खतरनाक है कि शरीर से लगने पर इंफेक्शन होने का भय भी बना रहता है. अभी भी प्रशासन और स्वच्छता के दूत आगे आकर काम करें तो न केवल सीप नदी रिकवर हो सकती है, बल्कि शहर भी सुंदर दिखेगा. अतिक्रमण करने वालों को भी सबक सिखाने की जरूरत है. ताकि आने वाले समय में लोग जल रेखाओं के अस्तित्व को न मिटा सके.

  • गंदगी की चपेट में यह क्षेत्र

सीप नदी में गंदगी होने से जत्ती घाट, गिर्राज घाट, पंडित घाट, नौलक्खा रोड, कर्बला घाट, रेगर घाट, धोबी घाट, नो घटा, बंजारा डैम, हनुमान मंदिर इन जगहों पर लोगों को बदबू से और गंदगी से जूझना तो पढ़ रहा है. यहां पर बीमारी का खतरा भी मंडरा रहा है.

Polluted seep river
दूषित सीप नदी
  • खेतों में तब्दील हुई नदी

डेढ़ सौ मीटर की चौड़ाई से बहने वाली सीप नदी को 5 फीट चौड़े नाले में सिमटा दिया है. इतना ही नहीं जिन लोगों ने कब्जा किया है वे प्रशासन को चुनौती देकर खेतों में फसल उगा रहे हैं.

  • जिम्मेदारों का यह है कहना

डिप्टी कलेक्टर विजेंद्र यादव का कहना है कि जहां तक सीप नदी का मामला है. उसे हम नगर पालिका सीएमओ से कहकर दिखाएंगे और जो गंदे नाले छोड़े जा रहे हैं उन्हें भी बंद करवाएंगे. कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल का कहना है कि, कांग्रेस सरकार थी उस समय सीप नदी को लेकर एक स्टीमेट तैयार किया था. लेकिन सरकार चली गई. अब भाजपा सरकार है, वह इस नदी की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह शहर की महत्वपूर्ण नदी अगर इस पर कुछ दिनों तक और ध्यान नहीं दिया तो शहर को पीने के पानी की समस्या हो जाएगी. समाजसेवियों ने बताया कि शहरवासियों के लिए महत्वपूर्ण सीप नदी सिर्फ शहर की सुंदरता ही नहीं बढ़ाती, बल्कि लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी के साथ प्रदूषण से भी बचाती थी. वर्तमान में जो हालात हैं उनसे शहर में नई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं.

Last Updated : Feb 6, 2021, 9:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.