श्योपुर। जब चाहत अधूरी होती है तो इंसान क्या मंदिर और क्या मस्जिद कहीं भी सिर झुकाने से नहीं कतराता, पर जिस दरबार में उसकी फरियाद कबूल हो जाती है तो उसके भरोसे और इबादत को नया नजरिया मिल जाता है, ऐसा ही एक दंपति सालों तक मंदिरों की घंटियां बजाता रहा, गुरुद्वारे में सजदा किया, मस्जिदों में इबादत की, जिसके कई साल बाद उसकी इबादत कबूल हुई और उसकी विरासत संभालने वाला फरिश्ता मिल गया, जिसके बाद हिंदू परिवार में इबादत की आस्था गहरी होती गई.
श्योपुर के सुवालाल खटीक पिछले 25 सालों से हिंदू होकर भी रोजा रखते आ रहे हैं, सुवालाल के साथ ही उनका पूरा परिवार रोजा रखता है. इस्लाम पुरा निवासी सुवालाल खटीक और उनका परिवार सामाजिक सौहार्द की जीती जागती मिसाल है. हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाला ये परिवार 25 साल से रमजान में रोजा रखता आ रहा है. मंडी व्यापारी के मुनीम सुवालाल, उसकी पत्नी और दो बच्चे रमजान के महीने में रोजा रखते हैं, वे पांचों वक्त की नमाज के साथ तरावीह की नमाज भी पढ़ते हैं.
रमजान के अलावा हर साल ईद, शबे बारात और मोहर्रम मनाने वाले सुवालाल की हिंदू धर्म में भी गहरी आस्था है, रमजान के दौरान भी उसके घर में रोजाना पूजा होती है. होली, दिवाली, रक्षाबंधन से लेकर नवरात्रि जैसे त्योहार सुवालाल पूरी आस्था और धूमधाम से मनाते हैं. सुवालाल राव ने बताया कि शादी के 12 साल बाद भी औलाद का मुंह नहीं देख पाए, कई जगह माथा टेकने और घूमने-फिरने के बाद आखिर में सुवाला और उसकी पत्नी मीनाबाई ने रोजा रखने का मन बनाया.
25 साल पहले सुवालाल ने मन्नत मांगी थी, अगर उसके घर बेटे की किलकारी गूंजी तो वह जीवन भर रोजा रखेगा. उसी साल रमजान के 9 माह बाद सुवालाल की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया. उसके बाद से ही वो और उनकी पत्नी रोजा रख रहे हैं, दोनों के अलावा उसका बेटा जो अभी 24 साल का हो गया है, वो भी रोजा रखता है और सभी नमाज भी पढ़ते हैं. खास बात ये है कि सुवालाल को शराब की इतनी बुरी लत है कि वो हमेशा उसमें डूबा रहता है, लेकिन रमजान के पांच दिन पहले से ही शराब छोड़ देता है.