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गेहूं का भुगतान नहीं होने पर बैंकों के चक्कर काट रहे किसान, सता रही फसल की चिंता

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Published : Jun 27, 2020, 10:55 PM IST

गेहूं का भुगतान नहीं होने पर श्योपुर के सैकड़ों किसानों को बैंक और कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में किसानों को खरीफ की फसल की चिंता सता रही है. वक्त पर पैसे नहीं मिले तो बुवाई में देर हो सकती है.

File photo
फाइल फोटो

श्योपुर। जिले में सैकड़ों किसान बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, उनका कहना है कि करीब डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचे हुए,लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है. इलाके में ये भी बातें चल रहीं हैं कि, जिस गेहूं का पैसा नहीं आया है, वो चोरी हो चुका है. चोरी होने वाले गेहूं की मात्रा 6 हजार क्विंटल है. किसानों का ये भी आरोप है कि, अधिकारियों ने कोई धांधली की है, जिसके चलते उनका भुगतान नहीं हो पाया है. हालांकि चोरी की बात को प्रशासन ने गलत बताया है.

गेहूं के भुगतान में देरी

किसानों का कहना है कि, गेहूं बेचने के बावजूद पैसे नहीं मिले हैं. लिहाजा खरीफ की फसल की बोवनी करने के लिए उन्हें संसाधन जुटाने में परेशानी जा रही है. आर्थिक तंगी के चलते दूसरी फसल भी लेट हो रही है. अपर कलेक्टर सुनील राज नायर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि, कोई गेहूं की चोरी नहीं हुई है. गेहूं तय मानकों पर खरा नहीं उतरा था. इसलिए गोदाम में जमा नहीं हुआ. उसकी गुणवत्ता में सुधार करके प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इनमें से करीब 4,500 क्विंटल का भुगतान भी हो चुका है. बस 1500 क्विंटल गेहूं का भुगतान बचा है, उसे भी जल्द ही करा दिया जाएगा.

श्योपुर। जिले में सैकड़ों किसान बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं, उनका कहना है कि करीब डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचे हुए,लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है. इलाके में ये भी बातें चल रहीं हैं कि, जिस गेहूं का पैसा नहीं आया है, वो चोरी हो चुका है. चोरी होने वाले गेहूं की मात्रा 6 हजार क्विंटल है. किसानों का ये भी आरोप है कि, अधिकारियों ने कोई धांधली की है, जिसके चलते उनका भुगतान नहीं हो पाया है. हालांकि चोरी की बात को प्रशासन ने गलत बताया है.

गेहूं के भुगतान में देरी

किसानों का कहना है कि, गेहूं बेचने के बावजूद पैसे नहीं मिले हैं. लिहाजा खरीफ की फसल की बोवनी करने के लिए उन्हें संसाधन जुटाने में परेशानी जा रही है. आर्थिक तंगी के चलते दूसरी फसल भी लेट हो रही है. अपर कलेक्टर सुनील राज नायर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि, कोई गेहूं की चोरी नहीं हुई है. गेहूं तय मानकों पर खरा नहीं उतरा था. इसलिए गोदाम में जमा नहीं हुआ. उसकी गुणवत्ता में सुधार करके प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इनमें से करीब 4,500 क्विंटल का भुगतान भी हो चुका है. बस 1500 क्विंटल गेहूं का भुगतान बचा है, उसे भी जल्द ही करा दिया जाएगा.

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