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श्योपुर के रैन बसेरे का ETV BHARAT ने किया रियलिटी चेक - ran basera of sheopur

श्योपुर में बने रैन बसेरों का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची और हालात का जायजा लिया, जिसमें यात्रियों को ठहरने की किसी भी तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं पाई गई.

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रैन बसेरे का रियलिटी चेक
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Published : Jan 16, 2020, 2:33 PM IST

श्योपुर। इन दिनों सर्दी का सितम जोरों पर है, लेकिन जिला प्रशासन के रैन बसेरों को अभी तक शुरू नहीं किया गया है, जिसका रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां टीम ने पाया कि यात्री दूसरी जगह से सफर करके श्योपुर पहुंच रहे हैं, जिन्हें किराए के रजाई-गद्दे लाकर रात गुजारनी पड़ रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रैन बसेरे का रियलिटी चेक
बता दें कि जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरे को प्रशासन ने आगंतुकों और यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया था. कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है, ऐसे में जो भी यात्री जिला मुख्यालय पर पहुंचते हैं, उन्हें भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रैन बसेरे को शुरू करने की कोई कवायद नहीं कर रहे हैं.

श्योपुर। इन दिनों सर्दी का सितम जोरों पर है, लेकिन जिला प्रशासन के रैन बसेरों को अभी तक शुरू नहीं किया गया है, जिसका रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां टीम ने पाया कि यात्री दूसरी जगह से सफर करके श्योपुर पहुंच रहे हैं, जिन्हें किराए के रजाई-गद्दे लाकर रात गुजारनी पड़ रही है, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रैन बसेरे का रियलिटी चेक
बता दें कि जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरे को प्रशासन ने आगंतुकों और यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया था. कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है, ऐसे में जो भी यात्री जिला मुख्यालय पर पहुंचते हैं, उन्हें भरी ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रैन बसेरे को शुरू करने की कोई कवायद नहीं कर रहे हैं.
Intro:ऐंकर
श्योपुर, जनवरी के माह में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने आमजन की परेशानी बढ़ा रखी है लेकिन यात्रियों को ठहरने के लिए जिला मुख्यालय पर एक भी रेन बसेरा शुरू नहीं किया गया है ऐसे हालात में रात के समय शहर में आने वाली यात्रियों को इस भरी ठंड मे परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है।





Body:वीओ-1
इन दिनों में सर्दी का सितम जोरों पर है लेकिन प्रशासन द्वारा जिले के रैन बसेरों को अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है जिससे यात्री दूसरी जगह से सफर करके श्योपुर पहुंच रहे हैं और जिला चिकित्सालय में लेकर आए हुए मरीजों के परिजनों को अलाव जलाकर के और शहर से किराए की रजाई गद्दे ला करके रात गुजारनी पड़ रही है जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है







Conclusion:वीओ-1
मामला जिला मुख्यालय पर बनी हुई रेन बेसरा बिल्डिंगों का है इन बिल्डिंगों को प्रशासन द्वारा आगंतुकों के ठहरने यात्रियों के ठहरने के लिए कई साल पहले बनाया गया था लेकिन कई सालों से इन रैन बसेरों को शुरू नहीं किया जा सका है ऐसी में जो भी यात्री जिला मुख्यालय पर पहुंचते हैं तो उन्हें भरी ठंड में परेशानियों को उठाते हुए रेन बसेरे की और आती हैं तो रेन बसेरे भी बंद मिलते हैं ऐसी हालात में सबसे ज्यादा परेशान महिला यात्रियों को उठानी पढ़ रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी रेन बसेरा को शुरू करने कि कोई कवायत नहीं कर रहे हैं


वीओ-3
जिला मुख्यालय पर जिला अस्पताल के पास बने हुए रेन बसेरा बदहाल हालत में है यहां यात्रियों के ठहरने के कोई इंतजाम नहीं है जिससे परेशान यात्रियों का कहना है कि उन्हें रात गुजारने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है रैन बसेरों में तालाब डला रहता हैजिले के रैन बसेरों को शुरू किया जाना चाहिए

बाईट-रामलखन मीणा

वीओ-4 जिला मुख्यालय पर बने रैन बसेरों का रियलिटी चेक करने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची और रेन बसेरा के हालातों का जायजा लिया तो रैन बसेरों के अंदर यात्रियों को ठहरने की किसी भी प्रकार की कोई भी व्यवस्था नहीं है जिला प्रशासन द्वारा जनवरी के माह में पड़ रही ठंड को लेकर भी रैन बसेरों को अभी तक आरंभ नहीं किया जा सका है


अमित शर्मा ईटीवी भारत श्योपुर
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