श्योपुर। जैदा बिजली फीडर से साल भर पहले बेचे गए पीटीआर को मरम्मत करवाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी चोरी-छिपे झांसी से श्योपुर वापस भले ही लौटा लाए हों, लेकिन कर्मचारियों की पीटीआर चोरी किए जाने के मामले में खुद को विभागीय कार्रवाई से नहीं बचा सकेंगे.
12 अधिकारी-कर्मचारियों को पीटीआर गायब करने का आरोपी माना
दरअसल, जिले के 2 तत्कालीन महाप्रबंधक, डीई, एई और जेई सहित 12 अधिकारी-कर्मचारियों को पीटीआर गायब करने का आरोपी माना गया है. उन्हें नोटिस जारी कर 12 लाख रुपये की रिकवरी किए जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
अफसरों में मचा हडकंप
बता दें कि, बिजली कंपनी के अफसरों ने साल भर पहले जैदा बिजली फीडर के 3 पीटीआर में से 1 को चोरी-छिपे फीडर से गायब करवाकर झांसी के किसी कारोबारी के लिए बेच दिया था, जिसके कुछ पार्टस को खरीदने वाले कारोबारी ने निकालकर किसी को बेच दिया. इसकी जानकारी बिजली विभाग के एमडी स्तर के अधिकारियों के संज्ञान में पहुंची, जिसके बाद विभाग के अफसरों में हडकंप मच गया.
अधिकारियों ने झांसी के कारोबारी से पीटीआर के ढांचे को वापस मंगवाकर बामौर की एक निजी फैक्ट्री में 16 लाख रुपये की लागत से उसके कलपुर्जे डलवा दिए. 4 फरवरी को उसे चोरी-छिपे श्योपुर लाकर जैदा फीडर पर रखवा भी दिया.
स्मार्ट टेक्नोलॉजी होने के बाद भी 40 फीडर से हो रही बिजली चोरी
बिजली कंपनी के आला अधिकारियों ने पीटीआर मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक आरपी विसारिया, तत्कालीन डीई सुभम सिंह, जेई प्रदीपकुमार सनोदिया, जेई लोकेंद्र सिंह जाट सहित 12 अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं, जिनसे 12 लाख रुपये की रिकवरी भी बिजली कंपनी द्वारा की जाएगी.
इस मामले को लेकर महाप्रबंधक आरके अग्रवाल का कहना है कि पीटीआर वापस आया है, जिसको लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया गया है. जो भी वरिष्ठ कार्यालय से आदेश आएगा, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.