भोपाल/श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के आसपास रहने वाले लोगों की खुशी नहीं समा रही है. सरकार की महत्वाकांक्षी अंतरमहाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के लिए इस वन्यजीव केंद्र का चयन किया गया है. क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा. नामीबिया से आठ चीते आ रहे हैं. इनमें पांच मादा तो तीन नर चीते हैं. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सुबह 10.45 बजे पार्क के विशेष बाड़ों में इन तीन चीतों को रिहा करने वाले हैं.
ग्रामीण बोले- हमारे लिए गर्व की बात : कूनो नेशनल पार्क के पास सेसाईपुरा गांव में रहने वाले कमल सिंह कहते हैं "श्योपुर जिले के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि पीएम मोदी ने केएनपी को चीतों के पुनर्वास के लिए चुना है. हम चीतों का स्वागत करने के लिए सांस रोककर इंतजार कर रहे हैं।" कराहल निवासी भरत शर्मा ने कहा "हमें उम्मीद है कि अब हमारा भविष्य सुरक्षित है क्योंकि कूनो नेशनल पार्क में चीतों का पुनर्वास किया जाएगा, जो इस क्षेत्र की किस्मत को बेहतर बना देगा. अब हमें विश्वास है कि केएनपी और श्योपुर को दुनिया भर में जाना जाएगा और यह लोगों, खासकर युवाओं के लिए रोजगार के ढेर सारे अवसर पैदा करेगा.
चीतों के साथ पीएम मोदी के आने से उत्साह बढ़ा : चीता प्रोजेक्ट में पीएम मोदी की भागीदारी ने केएनपी के पास स्थित गांवों के निवासियों में बहुत उत्साह पैदा किया है. चीतों और मोदीजी के कूनो नेशनल पार्क और कराहल में पहुंचने से पूरा वन क्षेत्र उत्साहित है. ग्रामीणों का कहना है कि हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं और बस उस भव्य क्षण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. करहल निवासी देवकीनंदन पालीवाल कहते हैं कि यह पहली बार है जब कोई मौजूदा प्रधानमंत्री क्षेत्र का दौरा कर रहा है. हमने पहले कभी लोगों के बीच इस तरह का उत्साह और खुशी नहीं देखी थी.
सात दशक बाद ये अवसर आया : भारत में इन चीतों के विलुप्त होने के सात दशक बाद ये अवसर आया है. योजना के अनुसार इन चीतों को विशेष जेट विमान से मध्य प्रदेश के कूनो लाने से पहले के जयपुर में लैंड होना था. लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव किया गया है. अब नामीबिया फ्लाइट सीधे ग्वालियर आएगी. जहां से उन्हें एक विशेष हेलीकॉप्टर में केएनपी ले जाया जाएगा. मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव जेएस चौहान ने शुक्रवार को कहा, "ग्वालियर से चीतों को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के भारी-भरकम चिनूक हेलीकॉप्टर से केएनपी भेजा जाएगा।" केएनपी में बाड़ों में बसने के बाद यात्रा और रात का खाना दिया जाएगा. मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) उत्तम शर्मा ने कहा कि केएनपी में एक मंच स्थापित किया गया है, जिसके तहत चीतों को ले जाने वाले विशेष बक्से रखे जाएंगे. पीएम मोदी उनमें से तीन को लीवर चलाकर एक बाड़े में छोड़ देंगे. उसके बाद अन्य गणमान्य व्यक्ति शेष चीतों को अपने बाड़ों में छोड़ेंगे.
स्वयं सहायता समूह के सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी : सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन ने अंतिम समय में किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए विंडहोक में विमान में विशेष बक्से लगाने का एक डेमो भी दिखाया. चीतों को रिहा करने के बाद पीएम मोदी उस दिन बाद में कराहल में महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसके लिए विस्तृत व्यवस्था की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के श्योपुर जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जाट, प्रधानमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले कराहल में पेड़ लगाएंगे. उन्होंने कहा कि महिला एसएचजी मोदी को उनके जन्मदिन के अवसर पर स्थानीय रूप से उत्पादित आदिवासी उत्पादों का एक हैम्पर उपहार में देंगी. पीएम इस क्षेत्र के लोगों को चीतों का अब तक का सबसे अच्छा "रिटर्न गिफ्ट" दे रहे हैं. Kuno cheetah project, Eagerly wait African cheetahs, Wave of enthusiasm, villagers pride and happiness, opportunity Seven decades later, PM Modi visit Kuno