श्योपुर (Agency, PTI)। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को पहला भोजन परोसा गया. इन्हें भैंसे का मांस परोसा गया. कूनो नेशनल पार्क के वन अधिकारी पीके वर्मा ने पीटीआई को बताया कि रविवार को शाम साढ़े पांच बजे 10 चीतों को क्वारेंटाइन में रखा गया. इन्हें भोजन परोसा गया. इन चीतों ने पूरा खाना खाया है. अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को भारत लाए जाने से पहले उन्हें 15 फरवरी को सुबह करीब 6 बजे दक्षिण अफ्रीका के रूइबर्ग और फिंडा रिजर्व में बोमास में भोजन खिलाया गया था.
एक माह रहेंगे क्वारेंटाइन में : शनिवार को लाए गए 12 चीतों में 10 को कम से कम एक माह के लिए बाड़े में क्वारेंटाइन के तहत रखा जाएगा. इसके बाद उन्हें दूसरे बाड़े में ले जाएगा. इस बारे में फैसला चीतों पर बनी टास्क फोर्स द्वारा लिया जाएगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, चीतों को तीन से चार दिन में एक बार शिकार करने की जरूरत पड़ती है. वे शिकार को एक ही बार में तेजी से खा जाते हैं. इस डर से कि तेंदुए जैसे अन्य शिकारी इसे छीन न लें. दूसरी तरफ, एक बाघ अपने शिकार को धैर्य से खाता है और दूसरे दिन के लिए छोड़ देता है.
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सितंबर में आए थे 8 चीते : बता दें कि दूसरी खेप में 12 चीतों को शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाया गया. पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया के आठ चीतों के पहले समूह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक समारोह में केएनपी में छोड़ा गया था. केएनपी में 20 चीतों में 10 पुरुष और शेष मादा हैं. उनका अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण का हिस्सा है. विलुप्त होने के सात दशक बाद देश में चीतों को फिर से लाने के लिए भारत सरकार का कार्यक्रम है. देश का आखिरी चीता 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मर गया था और प्रजातियों को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. केएनपी उत्तरी छोर पर स्थित है. विध्याचल पर्वत और 700 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है.