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विधायक की बेटी की डिलीवरी का मामला, सिविल सर्जन ने ग्वालियर रेफर करने की कही बात

श्योपुर के विजयपुर से बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी की प्रसव को लेकर नया मोड़ आया है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने विधायक की नाती का हेल्थ बुलेटिन जारी करने के नाम पर मीडिया को प्रेसनॉट जारी कर मामले की जानकारी दी है.

विधायक की बेटी की डिलीवरी का मामला
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Published : Nov 22, 2019, 5:35 AM IST

श्योपुर। जिले के बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी की प्रसव को लेकर शुरू हुए विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. अपनी जिम्मेवारियों से बचने के लिए अन्य मरीजों की तरह विधायक की नातिन को भी जिला अस्पताल प्रबंधन ग्वालियर रेफर करना चाह रहा है. लेकिन विधायक और उनके परिजन नवजात को रेफर नहीं कराना चाहते. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूले लगे है.

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को डर है कि कहीं नवजात के साथ कोई अनहोनी हुई तो सारा दोष उनके सिर पर आएगा. जिसे लेकर उन्होंने गुरुवार को हेल्थ बुलेटेन जारी करने के नाम पर मीडिया को प्रेसनॉट जारी कर मामले की जानकारी दी है. सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए इस हेल्थ बुलेटिन के प्रेसनॉट में लिखा है कि, विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी के नवजात को प्रसव के बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू में गंभीर हालत में भर्ती करवाया गया था. उसकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों द्वारा शिशु का लगातार सुपरविजन किया जा रहा है. लेकिन नवजात शिशु को एडवांस केयर की आवश्यकता है. जिसकी सुविधा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में है. शिशु को ग्वालियर के लिए रेफर करने की सलाह दी गई है. लेकिन परिजन उसे रेफर नहीं करवा रहे है.


बता दें कि विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी अपनी बेटी धोड़ा बाई को 18 नवंबर को जिला अस्पताल में प्रसव कराने के लिए लेकर पहुंचे. जहां शुरुआती जांच के बाद उनकी बेटी को भर्ती किया गया था. जांच में पता चला की विधायक की बेटी की हालत खराब है और ऑपरेशन से ही डिलीवरी की जा सकती है. लेकिन अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के कारण विधायक की बेटी को इंतजार करना पड़ा. क्यों की एक डॉक्टर नसबंदी शिविर में गए थे, जबकि दूसरी डॉक्टर छुट्टी पर थीं.

श्योपुर। जिले के बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी की प्रसव को लेकर शुरू हुए विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. अपनी जिम्मेवारियों से बचने के लिए अन्य मरीजों की तरह विधायक की नातिन को भी जिला अस्पताल प्रबंधन ग्वालियर रेफर करना चाह रहा है. लेकिन विधायक और उनके परिजन नवजात को रेफर नहीं कराना चाहते. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूले लगे है.

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को डर है कि कहीं नवजात के साथ कोई अनहोनी हुई तो सारा दोष उनके सिर पर आएगा. जिसे लेकर उन्होंने गुरुवार को हेल्थ बुलेटेन जारी करने के नाम पर मीडिया को प्रेसनॉट जारी कर मामले की जानकारी दी है. सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए इस हेल्थ बुलेटिन के प्रेसनॉट में लिखा है कि, विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी के नवजात को प्रसव के बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू में गंभीर हालत में भर्ती करवाया गया था. उसकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. डॉक्टरों द्वारा शिशु का लगातार सुपरविजन किया जा रहा है. लेकिन नवजात शिशु को एडवांस केयर की आवश्यकता है. जिसकी सुविधा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में है. शिशु को ग्वालियर के लिए रेफर करने की सलाह दी गई है. लेकिन परिजन उसे रेफर नहीं करवा रहे है.


बता दें कि विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी अपनी बेटी धोड़ा बाई को 18 नवंबर को जिला अस्पताल में प्रसव कराने के लिए लेकर पहुंचे. जहां शुरुआती जांच के बाद उनकी बेटी को भर्ती किया गया था. जांच में पता चला की विधायक की बेटी की हालत खराब है और ऑपरेशन से ही डिलीवरी की जा सकती है. लेकिन अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के कारण विधायक की बेटी को इंतजार करना पड़ा. क्यों की एक डॉक्टर नसबंदी शिविर में गए थे, जबकि दूसरी डॉक्टर छुट्टी पर थीं.

Intro:ऐंकर
श्योपुर-विधायक की बेटी के प्रसव को लेकर शुरू हुए विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। विधायक की बेटी के नवजात की हालत गंभीर है। जिसे लेकर अन्य मरीजों की तरह विधायक की नातिन को भी जिला अस्पताल प्रबंधन अपनी जिम्मेवारियों से बचने के लिए ग्वालियर रेफर करना चाह रहा है। लेकिन विधायक व उनके परिजन नवजात को रेफर नहीं कराना चाहते। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूले हुए है। देखिए यह रिपोर्ट....

Body:वीओ-1
मामला विजयपुर के बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी धोड़ा बाई के नवजात शिशु का है। जिसकी हालत प्रसव में देरी होने की वजह से नाजुक बनी हुई है। जिसे श्योपुर के जिला असप्ताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया है। जहां नवजात का 02 दिनों से इलाज चल रहा है। लेकिन हालत में सुधार नहीं हो रहा है। जिससे जिला अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूल रहे है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को डर है कि कहीं नवजात के साथ कोई अनहोनी हुई तो सारा मामला उनके सिर पर आएगा। जिसे लेकर उन्होंने गुरुवार को हेल्थ बुलेटेन जारी करने के नाम पर मीडिया को प्रेसनॉट जारी कर मामले की जानकारी दी है। अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए इस हेल्थ बुलेटेन के प्रेसनॉट में लिखा है कि विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी के नवजात को प्रसव के बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू में गंभीर हालत में भर्ती करवाया गया था। उसकी स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों द्वारा शिशु का लगातार सुपरविजन करते हुए उपचार कर रहे है। लेकिन शिशु को एडवांस केयर की आवश्यकता है जिसकी सुविधा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में है। शिशु को ग्वालियर के लिए रेफर करने की सलाह दी गई है लेकिन परिजन उसे रेफर नहीं करवा रहे है। इस प्रेसनोट के जारी करने के पीछे उनका उद्देश्य यही है कि कल वह यह कह सकें कि हमने विधायक से रेफर करवाने के लिए कहा था।

वीओ-2
बीजेपी के विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी धोड़ा बाई को बीते सोमवार को प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रसव ऑपरेशन से होने की बात कही और एनएथीसिया का डॉक्टर नहीं होने की वजह से विधायक की बेटा का 12 घंटे के बाद भी उसका प्रसव नहीं हो सका था। इसके बाद देर रात करीब 11 बजे विधायक की बेटी को जिला अस्पताल से प्रायवेट अस्पताल लाया गया तो एक घंटे के भीतर उसका नॉर्मल प्रसव हो गया। मामला न्यूज 18 ने प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद जिला प्रशासन से लेकर जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों में हडकंप मच गया। मामले की जांच भी जिला प्रशासन ने बुधवार को शुरु की। लेकिन अस्पताल को क्लीनचिट दे दी। अब विधायक की नातिन की तबियत में सुधार नहीं होने की वजह से उनके हाथ-पैर फिर से फूल उठे है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से जब इस वारे में बात की तो वह इस मामले में सफाई देते हुए बोले कि हमारे यहां अच्छा इलाज किया जा रहा है लेकिन उसे रेफर करवाने की जरुरत है....
बाइट
डॉ आर बी गोयल (सिविल सर्जन जिला अस्पताल श्योपुर)
Conclusion:वीओ-3
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए इस प्रेसनोट को लेकर बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी से बात करने की कई वार कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है। लेकिन सिविल सर्जन द्वारा जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन के प्रेसनोट ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों की मरीजों को रैफर करने की पुरानी आदत को एक वार फिर से सामने ला दिया है।
श्योपुर से अमित शर्मा की रिपोर्ट....
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