श्योपुर। गुम हुई मवेशी की तलाश करने जंगल गए सरपंच के बेटे का अज्ञात हथियारधारी बदमाशों ने अपहरण कर लिया. वहीं अन्य लोगों को यह कहकर छोड दिया कि सरपंच के बेटे को छुड़वाने के लिए 20 लाख रुपये की फिरौती ले आओ. घटना के बाद अपहृत युवक के परिजनों ने बदमाशों के डर की वजह से विजयपुर थाना पुलिस से कोई शिकायत तक नहीं की है. घटना के बाद गांवड़ी गांव में सनसनी फैल गई.
क्या है पूरा मामला ?
मामला विजयपुर थाना क्षेत्र के गांवड़ी गांव के पास जंगल का है. बताया गया है कि गांवड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच निरी जाटव की मवेशी शनिवार को जंगल से घास चरने के बाद शाम होने तक घर वापस नहीं पहुंची. जिसके बाद सरपंच का बेटा सतीश जाटव अपने नौ साथियों के साथ जंगल में अपनी मवेशी को खोजने के लिए चला गया था. इसी दौरान जंगल में उन्हें हथियारधारी बदमाश मिल गए, जिन्होंने युवकों को डरा-धमकाकर और पूछताछ करके सरपंच के बेटे शतीश को पकड़ लिया और बाकी सभी को वापस घर भेज दिया. साथ ही यह सूचना भी सरपंच तक भिजवा दी कि, उसके बेटे को छोडने के एवज में उन्हें 20 लाख रुपये की फिरौती देनी होगी. बदमाशों द्वारा सरपंच के बेटे के अपहरण की जानकारी जैसे ही गांवड़ी इलाके में फैली तो इलाके में सनसनी मच गई है.
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पुलिस को लिखकर दिया नहीं हुआ बेटे का अपहरण
खास बात यह है कि जिस युवक का अपहरण हुआ है. उसके सरपंच पिता ने मामले की शिकायत करने की बजाए पुलिस को यह लिखकर दे दिया है कि, उनके बेटे का अपहरण नहीं हुआ है. सरपंच के ऐसे बयान दिए जाने के बाद विजयपुर थाना पुलिस गांवड़ी से वापस लौट आई है. जबकि, सरपंच का बेटा प्रवीण जाटव अपने भाई सतीश का अपहण होना बताकर 20 लाख रुपये की फिरौती बदमाशों द्वारा मांगे जाने की बात भी कैमरे के सामने स्वीकार कर चुके हैं. वहीं सरपंच के द्वारा पुलिस से अपहरण की बात छुपाने की वजह बदमाशों का खौफ भी हो सकता है.
पुलिस का क्या है कहना ?
विजयपुर थाने के प्रभारी टीआई संदीप यादव का कहना है कि, उन्हें जैसे ही युवक के अपहरण की जानकारी मिली वैसे ही उन्होने गांवडी गांव पहुंचकर उसके पिता से पूछताछ की लेकिन उन्होने इस घटना से इनकार कर दिया.