शाजापुर। जिले के शुजालपुर में लोकायुक्त DSP शैलेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ शिकायत के बाद उज्जैन लोकायुक्त पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो ने लोकायुक्त पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोप है कि लोकायुक्त पुलिस आवेदन वापस लेने के लिए फरियादी पर दबाव बना रही है. फरियादी ने उज्जैन लोकायुक्त के DSP शैलेन्द्र सिंह ठाकुर के खिलाफ आवेदन दिया है. लोकायुक्त SP ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
जामनेर गांव के रहने वाले कमल सिंह मालवीय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जनपद पंचायत शुजालपुर में आवेदन किया था, जिसकी स्वीकृति के लिए ग्राम सेवक मुकेश चोपड़ा ने कमल से 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. आवेदक ने किश्तों में 8 हजार रुपए दे चुका था, शेष राशी के लिए ग्राम सेवक दबाव बनाने लगा, तो कमल ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस से मामले की शिकायत की. लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप करने के लिए योजना बनाकर एक टेप रिकॉर्डर के माध्यम से ग्राम सेवक की आवाज कमल से रिकॉर्ड करवा ली. DSP ने भ्रष्टाचार की सभी हदें पार करते हुए आरोपी बाबू से ही सेटिंग कर ली और मामला दबाने के लिए मोटी रकम की मांग की.
फरियादी का कहना है की, DSP ने रिकॉर्ड की गई आवाज भी खुद आरोपी को ही सुना दी और कार्रवाई ना करने के लिए मोटी रिश्वत मांगी, फरियादी न्याय के लिए गुहार लगाता रहा है, लेकिन लोकायुक्त DSP शैलेन्द्र सिंह ने फरियादी को आवेदन वापस लेने के लिए कह दिया, तो वो और भी परेशान हो गया. फरियादी ने उज्जैन लोकायुक्त DSP की फोन कॉल्स रिकॉर्ड करके पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त SP से कर दी.
फरियादी ने DSP के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की मांग की, हालांकि लोकायुक्त SP ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.