उज्जैन। शाजापुर के बावलिया खेड़ी गांव में एक दलित लड़की को स्कूल नहीं जाने देने के मामले में राजस्व और पुलिस विभाग की टीम ने जांच की. जांच में मामला सच नहीं पाया गया. बावलिया खेड़ी में 23 जुलाई को दो पक्षों में विवाद हुआ था. इसमें दबंगों पर अनुसूचित जाति वर्ग की छात्रा को स्कूल जाने से रोकने के आरोप लगे थे. मामले में प्रशासन ने जांच करवाई, जिसमें यह आरोप झूठे निकले हैं. जांच में असली विवाद कुएं पर अतिक्रमण को लेकर सामने आया जिसे तहसीलदार की समझबूझ से सुलझा दिया गया है. (Shajapur Conflict)
रास्ता रोकने को लेकर हुआ विवाद: बावलिया खेड़ी गांव में कुएं को लेकर हुए विवाद के बाद राजस्व और पुलिस विभाग की टीम यहां पहुंची थी. जहां उन्होंने दोनों पक्षों को समझाइश देकर पूरे मामले को सुलझाने का प्रयास किया. तहसीलदार ने लड़की को स्कूल नहीं जाने देने की बात को लेकर कहा इसमें कोई सच्चाई नहीं है. दोनों पक्षों के बीच रास्ते को लेकर विवाद था और इसी विवाद के चलते मारपीट हुई. बावलियां खेड़ी में एडिशनल एसपी टी.एस बघेल, एसडीओपी दीपा डोडवे, तहसीलदार राकेश जायसवाल, टीआई ए.के शेषा सहित राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम पहुंची और दो साल से चल रहे विवाद को सुलझाया दिया है. (Shajapur Dispute)
तहसीलदार ने सुलझाया दो साल का विवाद: तहसीलदार राकेश जायसवाल ने बताया कि बावलिया खेड़ी में एक सार्वजनिक कुंआ और उसके पास से निकलने के रास्ते पर अतिक्रमण को लेकर दो सालों से विवाद था. गांव के कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रास्ते को बंद कर दिया था. आज मौके पर जाकर दोनों पक्षों को समझाइश देकर रास्ते का विवाद सुलझाया दिया गया है.(Shajapur girl stop to going school)