शाजापुर। एमपी के शाजापुर जिले में किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए गांव गांव में खरीदी केंद्र बनाए गए है. सरकार ने इंतजामों के पुख्ता होने के भी तमाम दांवे किए हैं. मगर यहां एक ऐसा खरीद केंद्र भी है जिसे देख लोग चौक रहे हैं. गांव पगरावद में वेयर हाउस को खरीदी केंद्र बनाया गया है. मगर हैरान करने वाली बात ये है कि इस वेयर हाउस पर छत ही नहीं है, यानि खुले आसमान के नीचे समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है. जबकि एमपी के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले भी गिर रहे हैं और गेंहू भीगने से क्विलिटी खराब होने की भी शिकायतें हैं.
बारिश हुई तो सरकार को होगा नुकसान: मौसम विभाग ने आगामी दिनों में एमपी के कई हिस्सो में बारिश की संभावना जताई है. यदि बारिश होती है, तो बिना छत वाले इस केंद्र पर रखा सरकारी गेहूं भीगकर खराब हो जाएगा और सरकार को लाखों का नुकसान होगा. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना छत वाले केंद्र पर खरीदारी की स्वीकृति किसने जारी की और आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी.
ऐसी क्या मजबूरी थी: गांव पगरावद में बिना छत के वेयर हाउस को गेहूं खरीदी के लिए केंद्र बनाने की स्वीकृति देना कहीं न कहीं प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े करता है तो साथ ही इंतजामों की भी पोल उजागर करता है. वेयरहाउस में कम से कम 1 लाख बोरी रखी जा सकती है. यहां शाजापुर के आस-पास के इलाकों से भी गेहूं बिक्री के लिए आ रहा है. मगर लापरवाही के चलते सवाल यही है कि आखिर अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि बिना छत के केंद्र को खरीदी की स्वीकृति दे दी गई?
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी: इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी देवेंद्र शर्मा का कहना है कि वो इस झमेले में नहीं पड़ना चाहते. इस चक्कर से उन्हे दूर ही रखा जाए तो बेहतर है, उन्होने मीडिया को कहा कि इस बारे में ज्यादा जानकारी वेयरहाउस प्रबंधक दे सकते हैं कि व्यवस्थाएं क्यों लचर हैं. साथ ही उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है. इधर खरीद केन्द्र प्रभारी सचिन परमार से बात की गई तो उनका बयान है कि वो गेंहू खरीद के लिए जिम्मेदार हैं और अपना काम कर रहे हैं. बाकी किसी किस्म की जानकारी देने के लिए वो अधिकृत शख्स नहीं हैं.