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शाजापुर में 26 जून से खुले धार्मिक स्थल, कलेक्टर ने मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचकर लिया जायजा

कलेक्टर के आदेश के बाद 26 जून से शर्तों के साथ जिले के सभी मंदिरों को खोलने की अनुमति दी गई है. शुक्रवा से सभी धार्मिक स्थलों को शर्तों के साथ खोला गया है. वहीं कलेक्टर मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचे और सभी व्यवस्था देखीं. पढ़िए पूरी खबर...

Collector took stock after reaching Rajrajeshwari temple
धार्मिक स्थल खुलने के बाद कलेक्टर ने लिया मां राजराजेश्वरी मंदिर का जायजा
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Published : Jun 27, 2020, 2:28 AM IST

शाजापुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 25 जून तक जिले के सभी धार्मिक स्थल बंद किए गए थे. जिसके बाद कलेक्टर दिनेश जैन ने आदेश जारी कर 26 जून से शर्तों के साथ मंदिरों को खोलने की अनुमति दी थी. आदेश के तहत पहले ही दिन जिले के सबसे प्राचीन मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचकर कलेक्टर दिनेश जैन ने मां के दर्शन किए और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने मंदिर के पुजारी को शासन के निर्देशों का पालन कराने की बात कही. हालांकि पहले दिन जिले के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली.

मंदिर पहुंचे कलेक्टर ने निरीक्षण कर दर्शनार्थियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश द्वार पर मंदिर समिति सदस्यों के सदस्यों ने सैनेटाइजर की व्यवस्था की हुई थी, मंदिर में आने जाने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए थे. इसके साथ ही माता के दर्शन के लिए आने श्रद्धालुओं से प्रशासन द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करवाया जा रहा था.

नहीं हो सकेंगे गर्भग्रह से दर्शन

मां राजराजेश्वरी मंदिर में सोशल डिस्टेंस का पालन सही तरीके से किया जा सके इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया है कि मां के दर्शन सभा मंडप से ही होंगे. वहीं पुजारियों को छोड़कर किसी को भी गर्भग्रह से दर्शन की अनुमति नहीं है.

मूर्ति को स्पर्श करने की अनुमति नहीं

कलेक्टर दिनेश जैन ने निरीक्षण के दौरान पुजारी को निर्देश दिए कि, कोई भी दर्शन के दौरान मूर्ति, धार्मिक ग्रंथ आदि को स्पर्श की अनुमति न दें. धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत छिड़काव आदि का वितरण वर्जित है, आरती की थाली, मूर्ति आदि पर चढ़ावा कैश के रूप में न दें, डिजीटल ट्रांसफर ऑफ मनी को प्राथमिकता दें, अथवा दान पेटी में दान दें.

कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि धार्मिक प्रतिष्ठान में फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर, चुनरी आदि चढ़ाने की अनुमति भी न दें, मंदिर में घंटी बजाने की अनुमति न दी जाए, रेलिंग का स्पर्श करने से बचने की भी सलाह दें, अधिक भीड़ या बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं है. कोविड 19 संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में प्री-रिकार्डेड भजन, गीत बजाए जाएं, घर से वजू करके आएं, प्रार्थना के लिए जाजम न बिछाई जाए, श्रद्धालु अपनी मेट, कपड़ा स्वयं लाएं और प्रार्थना के बाद उसे वापस ले जाएं. इसके साथ ही अभिवादन के लिए एक-दूसरे को स्पर्श न करें.

शाजापुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 25 जून तक जिले के सभी धार्मिक स्थल बंद किए गए थे. जिसके बाद कलेक्टर दिनेश जैन ने आदेश जारी कर 26 जून से शर्तों के साथ मंदिरों को खोलने की अनुमति दी थी. आदेश के तहत पहले ही दिन जिले के सबसे प्राचीन मां राजराजेश्वरी मंदिर पहुंचकर कलेक्टर दिनेश जैन ने मां के दर्शन किए और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने मंदिर के पुजारी को शासन के निर्देशों का पालन कराने की बात कही. हालांकि पहले दिन जिले के धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली.

मंदिर पहुंचे कलेक्टर ने निरीक्षण कर दर्शनार्थियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश द्वार पर मंदिर समिति सदस्यों के सदस्यों ने सैनेटाइजर की व्यवस्था की हुई थी, मंदिर में आने जाने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए थे. इसके साथ ही माता के दर्शन के लिए आने श्रद्धालुओं से प्रशासन द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करवाया जा रहा था.

नहीं हो सकेंगे गर्भग्रह से दर्शन

मां राजराजेश्वरी मंदिर में सोशल डिस्टेंस का पालन सही तरीके से किया जा सके इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया है कि मां के दर्शन सभा मंडप से ही होंगे. वहीं पुजारियों को छोड़कर किसी को भी गर्भग्रह से दर्शन की अनुमति नहीं है.

मूर्ति को स्पर्श करने की अनुमति नहीं

कलेक्टर दिनेश जैन ने निरीक्षण के दौरान पुजारी को निर्देश दिए कि, कोई भी दर्शन के दौरान मूर्ति, धार्मिक ग्रंथ आदि को स्पर्श की अनुमति न दें. धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत छिड़काव आदि का वितरण वर्जित है, आरती की थाली, मूर्ति आदि पर चढ़ावा कैश के रूप में न दें, डिजीटल ट्रांसफर ऑफ मनी को प्राथमिकता दें, अथवा दान पेटी में दान दें.

कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि धार्मिक प्रतिष्ठान में फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर, चुनरी आदि चढ़ाने की अनुमति भी न दें, मंदिर में घंटी बजाने की अनुमति न दी जाए, रेलिंग का स्पर्श करने से बचने की भी सलाह दें, अधिक भीड़ या बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं है. कोविड 19 संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में प्री-रिकार्डेड भजन, गीत बजाए जाएं, घर से वजू करके आएं, प्रार्थना के लिए जाजम न बिछाई जाए, श्रद्धालु अपनी मेट, कपड़ा स्वयं लाएं और प्रार्थना के बाद उसे वापस ले जाएं. इसके साथ ही अभिवादन के लिए एक-दूसरे को स्पर्श न करें.

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