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डोल ग्यारस 2020: शाजापुर में देवालयों से निकले सुसज्जित डोल, भगवान की भक्ति में डूबे शहरवासी

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Published : Aug 30, 2020, 3:59 AM IST

शाजापुर जिले में डोल ग्यारस पर्व पर भगवान कृष्ण के जयकारे और भक्ति भाव के साथ देवालयों से डोल निकाले गए, जहां कोरोना संक्रमण का खास तौर पर ध्यान रखा गया.

Dol Gyrus Festival
डोल ग्यारस पर्व

शाजापुर। नगर पालिका शुजालपुर में जन्माष्टïमी त्योहार के बाद डोल ग्यारस पर्व पर भगवान कृष्ण के जयकारे और भक्ति भाव के साथ पूजा-अर्चना की गई. इस अवसर पर जहां मंडी क्षेत्र से तीन डोला निकाले गए, तो वहीं सिटी में भगवान कृष्ण की आकर्षक झांकी निकाली गई. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते बिना बैंड-बाजे के सादगी से आयोजन संपन्न किया गया. विभिन्न मंदिरों से निकले डोल की पूजा-अर्चना महिलाओं द्वारा फल, वस्त्र और अन्न भेंट कर की गई. इस मौके पर सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य की कामना भी की गई.

मंडी क्षेत्र के अलावा ब्रजनगर और प्रेमनगर कॉलोनी से भी डोल निकाई गई. साथ ही सिटी के बड़े बाजार में आकर्षक झांकी सजाई गई, जहां लोगों ने प्रभु श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की. वहीं इस पर्व के बारे में श्री राम मंदिर के पूजारी गोविद शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के बाद सबसे ज्यादा इस त्योहार का महत्व होता है. इस दिन भक्तों द्वारा उपवास रखकर भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. इस पर्व को भगवान श्री कृष्ण की ‘जलवा पूजा’ के रूप में भी मनाया जाता है.

जामनेर में भी गुंजे जयकारे

जामनेर में हर वर्ष की तरह इस बार भी डोल ग्यारस पर्व पर भक्त श्रीराम मंदिर से होते हुए कृष्ण मंदिर बड़ा बाजार से होकर नदी पहुंचे, जहां प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए ग्रामीणों द्वारा भगवान की पूजा-अर्चना की गई. हालांकि बारिश के बाद भी उत्साह पर कोई असर देखने को नहीं मिला.

अंचलों में भी हुआ आयोजन
डोल ग्यारस पर्व पर अंचलों के देवालयों में भी भक्तिभाव से कार्यक्रम आयोजित किए गए. साथ ही भगवान के डोल निकाले गए. क्षेत्र स्थित अरन्याकलां गांव, पटलावदा गांव, अमलाय पत्थरकी गांव, रामडी गांव, बिसनखेडी गांव, चितोड़ा गांव सहित अन्य अंचलों में त्योहार धूमधाम से मनाया गया.

शाजापुर। नगर पालिका शुजालपुर में जन्माष्टïमी त्योहार के बाद डोल ग्यारस पर्व पर भगवान कृष्ण के जयकारे और भक्ति भाव के साथ पूजा-अर्चना की गई. इस अवसर पर जहां मंडी क्षेत्र से तीन डोला निकाले गए, तो वहीं सिटी में भगवान कृष्ण की आकर्षक झांकी निकाली गई. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते बिना बैंड-बाजे के सादगी से आयोजन संपन्न किया गया. विभिन्न मंदिरों से निकले डोल की पूजा-अर्चना महिलाओं द्वारा फल, वस्त्र और अन्न भेंट कर की गई. इस मौके पर सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य की कामना भी की गई.

मंडी क्षेत्र के अलावा ब्रजनगर और प्रेमनगर कॉलोनी से भी डोल निकाई गई. साथ ही सिटी के बड़े बाजार में आकर्षक झांकी सजाई गई, जहां लोगों ने प्रभु श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की. वहीं इस पर्व के बारे में श्री राम मंदिर के पूजारी गोविद शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के बाद सबसे ज्यादा इस त्योहार का महत्व होता है. इस दिन भक्तों द्वारा उपवास रखकर भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है. इस पर्व को भगवान श्री कृष्ण की ‘जलवा पूजा’ के रूप में भी मनाया जाता है.

जामनेर में भी गुंजे जयकारे

जामनेर में हर वर्ष की तरह इस बार भी डोल ग्यारस पर्व पर भक्त श्रीराम मंदिर से होते हुए कृष्ण मंदिर बड़ा बाजार से होकर नदी पहुंचे, जहां प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए ग्रामीणों द्वारा भगवान की पूजा-अर्चना की गई. हालांकि बारिश के बाद भी उत्साह पर कोई असर देखने को नहीं मिला.

अंचलों में भी हुआ आयोजन
डोल ग्यारस पर्व पर अंचलों के देवालयों में भी भक्तिभाव से कार्यक्रम आयोजित किए गए. साथ ही भगवान के डोल निकाले गए. क्षेत्र स्थित अरन्याकलां गांव, पटलावदा गांव, अमलाय पत्थरकी गांव, रामडी गांव, बिसनखेडी गांव, चितोड़ा गांव सहित अन्य अंचलों में त्योहार धूमधाम से मनाया गया.

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