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वेंटिलेटर पर स्वास्थ सुविधाएं !

जिले के शुजालुपर सिविल अस्पताल परिसर में गंदा पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से कई स्थानों पर गंदगी जमा हो गई है. जिससे अस्पताल में भर्ती मरीज बदबू से परेशान हैं.

hospital in trouble, शुजालुपर सिविल अस्पताल
शुजालुपर सिविल अस्पताल
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Published : Feb 24, 2021, 10:11 PM IST

शाजापुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लाख दावे किए जा रहे हैं और शासकीय अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. लेकिन जिले के शुजालपुर सिविल अस्पताल सिटी अपनी व्यथा पर आंसु बहा रहा है. सिविल अस्पताल सिटी परिसर में गंदा पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से कई स्थानों पर गंदगी जमा है. यही नहीं अस्पताल का रेड क्रास वार्ड इस तरह का हो चुका है कि यहां पर स्वस्थ्य व्यक्ति भी बीमार हो सकता है.

  • मंत्री के निर्देश के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

इस वार्ड की हालत को देखकर तीन माह पहले निरीक्षण पर आए स्कूल शिक्षा और सामान्य प्रशासन मंत्री इंदर सिंह परमार ने वार्ड का रंग-रोगन और छत से पानी रोकने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. अस्पताल प्रबंधन ने कार्य के लिए स्टीमेट बनाकर भेज दिया. लेकिन इस दिशा में लोक निर्माण विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. बता दें कि प्रसुताओं के अलावा जो भी मरीज भर्ती होते हैं, उन्हे रेड क्रास वार्ड में ही रखा जाता है. इस वार्ड की छत से पानी रिसने के कारण दीवारें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. उनमें सीलन आ चुकी है. जिसके कारण वार्ड में मरीज बदबू से परेशान हो रहे हैं.

पीएम रूम की मरम्मत का काम अटका

सिविल अस्पताल में शव परीक्षण के लिए जो पीएम रूम बना हुआ है. वह काफी जर्जर हालत में है. इसके चलते अस्पताल परिसर में नवीन पीएम रूम बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने काफी समय पहले लगभग साढ़े 13 लाख रुपए मंजूर किए थे. कक्ष निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया सहित वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुके हैं. यह सभी कार्रवाई दिसम्बर 2020 में हो चुकी है. निर्माण एजेंसी को 31 दिसम्बर तक कार्य पूरा करने के लिए कहा गया था. लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि जिस स्थल पर पीएम रूम का निर्माण होना था. वह पर पूर्व से ही धार्मिक स्थल बना हुआ है. जिसके कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शुजालपुर ने धार्मिक स्थल के ओटले को छोड़कर शेष बची जगह पर निर्माण के लिए कहा था. जिसकी पंचनामा कार्रवाई भी की गई थी.

स्वास्थ्य विभाग की उपयंत्री ज्योति अकोदिया ने मौके का निरीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. जिसमें प्रस्तावित निर्माण स्थल पर निर्धारित ड्राइंग अनुसार बची हुई जगह पर काम किया जाना संभव नहीं बताया था. साथ ही पुराने पोस्टमार्टम भवन को तोड़कर उसी जगह नया पीएम रूम का निर्माण करना संभव बताया था. इस मामले में अभी तक कागजी कार्रवाई चल रही है. लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. यदि जिम्मेदारों का रवैया इसी तरह का रहा तो लाखों रुपए में आई यह राशि लैप्स हो सकती है.

विदिशाः जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का है बुरा हाल, तीन सौ बेड पर हो रहा है पांच सौ मरीजों का इलाज

अस्पताल प्रभारी की दलील

सिविल अस्पताल शुजालपुर के प्रभारी डॉ. राजेश तिवारी का कहना है कि अस्पताल के वार्डों के रंग रोगन और वाटर प्रुफिंग का काम लगभग 1 माह पूर्व भेजा जा चुका है और पीएम कक्ष निर्माण की प्रक्रिया वरिष्ठ कार्यालय से की जानी है. इसका पत्र भी संबंधित कार्यालय में भेजा जा चुका है.

शाजापुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लाख दावे किए जा रहे हैं और शासकीय अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. लेकिन जिले के शुजालपुर सिविल अस्पताल सिटी अपनी व्यथा पर आंसु बहा रहा है. सिविल अस्पताल सिटी परिसर में गंदा पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से कई स्थानों पर गंदगी जमा है. यही नहीं अस्पताल का रेड क्रास वार्ड इस तरह का हो चुका है कि यहां पर स्वस्थ्य व्यक्ति भी बीमार हो सकता है.

  • मंत्री के निर्देश के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

इस वार्ड की हालत को देखकर तीन माह पहले निरीक्षण पर आए स्कूल शिक्षा और सामान्य प्रशासन मंत्री इंदर सिंह परमार ने वार्ड का रंग-रोगन और छत से पानी रोकने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. अस्पताल प्रबंधन ने कार्य के लिए स्टीमेट बनाकर भेज दिया. लेकिन इस दिशा में लोक निर्माण विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. बता दें कि प्रसुताओं के अलावा जो भी मरीज भर्ती होते हैं, उन्हे रेड क्रास वार्ड में ही रखा जाता है. इस वार्ड की छत से पानी रिसने के कारण दीवारें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. उनमें सीलन आ चुकी है. जिसके कारण वार्ड में मरीज बदबू से परेशान हो रहे हैं.

पीएम रूम की मरम्मत का काम अटका

सिविल अस्पताल में शव परीक्षण के लिए जो पीएम रूम बना हुआ है. वह काफी जर्जर हालत में है. इसके चलते अस्पताल परिसर में नवीन पीएम रूम बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने काफी समय पहले लगभग साढ़े 13 लाख रुपए मंजूर किए थे. कक्ष निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया सहित वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुके हैं. यह सभी कार्रवाई दिसम्बर 2020 में हो चुकी है. निर्माण एजेंसी को 31 दिसम्बर तक कार्य पूरा करने के लिए कहा गया था. लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि जिस स्थल पर पीएम रूम का निर्माण होना था. वह पर पूर्व से ही धार्मिक स्थल बना हुआ है. जिसके कारण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शुजालपुर ने धार्मिक स्थल के ओटले को छोड़कर शेष बची जगह पर निर्माण के लिए कहा था. जिसकी पंचनामा कार्रवाई भी की गई थी.

स्वास्थ्य विभाग की उपयंत्री ज्योति अकोदिया ने मौके का निरीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. जिसमें प्रस्तावित निर्माण स्थल पर निर्धारित ड्राइंग अनुसार बची हुई जगह पर काम किया जाना संभव नहीं बताया था. साथ ही पुराने पोस्टमार्टम भवन को तोड़कर उसी जगह नया पीएम रूम का निर्माण करना संभव बताया था. इस मामले में अभी तक कागजी कार्रवाई चल रही है. लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. यदि जिम्मेदारों का रवैया इसी तरह का रहा तो लाखों रुपए में आई यह राशि लैप्स हो सकती है.

विदिशाः जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का है बुरा हाल, तीन सौ बेड पर हो रहा है पांच सौ मरीजों का इलाज

अस्पताल प्रभारी की दलील

सिविल अस्पताल शुजालपुर के प्रभारी डॉ. राजेश तिवारी का कहना है कि अस्पताल के वार्डों के रंग रोगन और वाटर प्रुफिंग का काम लगभग 1 माह पूर्व भेजा जा चुका है और पीएम कक्ष निर्माण की प्रक्रिया वरिष्ठ कार्यालय से की जानी है. इसका पत्र भी संबंधित कार्यालय में भेजा जा चुका है.

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