उज्जैन। शाजापुर जिले के ग्राम बाईहेड़ा में सरपंच पद के लिए यहां से सास धापूबाई और बहू मांगूबाई के अलावा एक और प्रत्याशी कांताबाई भी चुनाव मैदान में हैं. यहां सरपंच पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हैं. इस ग्राम पंचायत में 1500 से ज्यादा मतदाता हैं, जो सास- बहू और एक अन्य उम्मीदवार में से किसी एक को चुनेंगे. सास -बहू के मुकाबले में यह देखना है मतदाता दोनों में से जीत का सेहरा किसे बांधते हैं या फिर इन दोनों के मुकाबले में तीसरे प्रत्याशी को मौका देते हैं.
सास बहू की टक्कर, असली लड़ाई पिता- पुत्र में : यहां चुनावी मैदान में तो सास व बहू हैं, लेकिन प्रतिष्ठा पिता- पुत्र की दांव पर लगी है. दोनों ही अपनी पत्नियों को जिताने के लिए लगे हैं. एक ही मकान में पिता- पुत्र दोनों अलग-अलग रहते हैं और दोनों ही पत्नियों को आमने सामने चुनाव मैदान में उतारने के लिए अलग- अलग कारण बता रहे हैं.
पिता व पुत्र के अपने-अपने तर्क : पुत्र कैलाश गोस्वामी ने बताया कि उसने पत्नी को इसलिए चुनाव मैदान में उतारा क्योंकि मेरी माता बुजुर्ग और अशिक्षित हैं. इसलिए ग्रामीणों के कहने पर पत्नी को चुनाव लड़वा रहा हूं. गांव के विकास के लिए यह कदम उठाया. वहीं, पिता ने कहा मैं पहले भी ढाई साल सरपंच रहा हूं और मुझे गांव का विकास करना है. सास- बहू के मुकाबले में ईमानदारी की जीत होगी. (Competition Saas and Bahu for sarpanch) (Sarpanch election interesting in Baihera Shajapur)