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शादी के 22 साल बाद पहली बार करवा चौथ पर घर आया फौजी पति, पत्नी ने ऐसे की पूजा - वीरों की पत्नियों ने भी रखा करवाचौथ का उपवास

देश की सीमा की हिफाजत कर रहे सैनिक तीज त्योहार पर भी घर नहीं आ पाते, गवली पुरा निवासी राजू गवली शादी के 22 साल बाद पहली बार करवा चौथ के मौके पर घर पर मौजूद हैं, जिसके चलते उनकी पत्नी ने भी वर्दी पहले पति की पूजा कर अपना व्रत तोड़ा.

करवा चौथ पर घर आया फौजी
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Published : Oct 17, 2019, 7:54 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 8:41 PM IST

आगर मालवा। देश के सैनिकों के परिवार का हिस्सा बनना हर किसी के लिए गर्व की बात होती है, जबकि एक मां-बेटी-बहन के साथ एक पत्नी भी इन सैनिकों को वो ताकत देती हैं, जिससे सैनिक सीमा पर खुद को मजबूत बनाए रखता है. पति के दूर रहते हुए भी पत्नी का हौसला कभी कमजोर नहीं होता. ऐसे में करवाचौथ के व्रत पर पति के पास नहीं होने पर भी सैनिकों की पत्नी कभी हताश नहीं होतीं और करवा चौथ पर सरहद पर तैनात पति की लंबी उम्र के लिए चांद को आसमां के चांद में अपने चांद का दीदार कर व्रत तोड़ती हैं.

शादी के 22 साल बाद पहली बार करवा चौथ पर घर आया फौजी पति

सैनिकों की पत्नियों ने रखा निर्जल उपवास

जिले के गवली पूरा में सैनिकों की पत्नियों ने सुबह से निर्जल रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ उपवास रखा और किसी ने मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग के जरिये उपवास खोला तो किसी ने छुट्टी पर आए सैनिक पति को वर्दी में तैयार कर उनकी पूजा कर अपना उपवास खोला.

22 साल में पहली बार आया ऐसा मौका

आगर मालवा जिले के गवली पुरा निवासी राजू गवली साल 1994 में सेना में भर्ती हुए थे और देश की सेवा करते हुए 22 साल बाद ऐसा मौका आया, जब पहली बार राजू अपनी पत्नी अनीता के साथ करवाचौथ के दिन घर पर मौजूद हैं. सैनिक की पत्नी अनीता की ख्वाहिश थी कि वह करवा चौथ के दिन अपने पति की पूजा सैनिक की वर्दी में करें तो सैनिक पति ने भी अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा करते हुए वर्दी पहनकर पत्नी की ख्वाहिश पूरी कर व्रत तुड़वाया.

वीडियो कॉलिंग के जरिये खोला व्रत

इसी तरह क्षेत्र में रहने वाले हेमराज गवली भी भारतीय सेना में तैनात हैं और छुट्टी नहीं मिलने के चलते वे घर नहीं आ पाए. आठ साल के शादीशुदा जीवन में वे सिर्फ दो बार ही अपनी पत्नी के साथ करवाचौथ मना पाए हैं, लेकिन इस बार उनके घर नहीं आने पर उनकी पत्नी कमलेश गवली ने वीडियो कॉलिंग कर अपने पति की पूजा कर उपवास खोला.

आगर मालवा। देश के सैनिकों के परिवार का हिस्सा बनना हर किसी के लिए गर्व की बात होती है, जबकि एक मां-बेटी-बहन के साथ एक पत्नी भी इन सैनिकों को वो ताकत देती हैं, जिससे सैनिक सीमा पर खुद को मजबूत बनाए रखता है. पति के दूर रहते हुए भी पत्नी का हौसला कभी कमजोर नहीं होता. ऐसे में करवाचौथ के व्रत पर पति के पास नहीं होने पर भी सैनिकों की पत्नी कभी हताश नहीं होतीं और करवा चौथ पर सरहद पर तैनात पति की लंबी उम्र के लिए चांद को आसमां के चांद में अपने चांद का दीदार कर व्रत तोड़ती हैं.

शादी के 22 साल बाद पहली बार करवा चौथ पर घर आया फौजी पति

सैनिकों की पत्नियों ने रखा निर्जल उपवास

जिले के गवली पूरा में सैनिकों की पत्नियों ने सुबह से निर्जल रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ उपवास रखा और किसी ने मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग के जरिये उपवास खोला तो किसी ने छुट्टी पर आए सैनिक पति को वर्दी में तैयार कर उनकी पूजा कर अपना उपवास खोला.

22 साल में पहली बार आया ऐसा मौका

आगर मालवा जिले के गवली पुरा निवासी राजू गवली साल 1994 में सेना में भर्ती हुए थे और देश की सेवा करते हुए 22 साल बाद ऐसा मौका आया, जब पहली बार राजू अपनी पत्नी अनीता के साथ करवाचौथ के दिन घर पर मौजूद हैं. सैनिक की पत्नी अनीता की ख्वाहिश थी कि वह करवा चौथ के दिन अपने पति की पूजा सैनिक की वर्दी में करें तो सैनिक पति ने भी अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा करते हुए वर्दी पहनकर पत्नी की ख्वाहिश पूरी कर व्रत तुड़वाया.

वीडियो कॉलिंग के जरिये खोला व्रत

इसी तरह क्षेत्र में रहने वाले हेमराज गवली भी भारतीय सेना में तैनात हैं और छुट्टी नहीं मिलने के चलते वे घर नहीं आ पाए. आठ साल के शादीशुदा जीवन में वे सिर्फ दो बार ही अपनी पत्नी के साथ करवाचौथ मना पाए हैं, लेकिन इस बार उनके घर नहीं आने पर उनकी पत्नी कमलेश गवली ने वीडियो कॉलिंग कर अपने पति की पूजा कर उपवास खोला.

Intro:आगर मालवा
-- देश के सैनिक के परिवार का हिस्सा बनना हर किसी के लिए गर्व की बात है। एक मां, बेटी, बहन के साथ ही एक पत्नी भी इन सैनिकों की वीरता को वह ताकत देती है की सैनिक सीमा पर खुद को मजबूत बनाए रखता है। पति दूर भी है तो भी पत्नियों का हौसला कभी कमजोर नहीं होता है ऐसे में करवाचौथ के उपवास के दिन भी पति के पास ना होने पर सैनिक की यह पत्नियां कभी हताश नहीं होती और करवा चौथ पर अपने से दूर सरहद पर तैनात पति की लंबी उम्र के लिए चांद को निहार कर सदा सुहागन रहने का वरदान मांगती है।
कुछ इसी प्रकार शहर के गवली पूरा में सैनिक की पत्नियों ने सुबह निर्जल रहकर अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ उपवास रखा किसी ने मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग के जरिये उपवास खोला तो किसी घर पर छुट्टियों पर आए सैनिक पति को सैनिक की वर्दी में तैयार कर उनकी पूजा कर उपवास खोला।


Body:बता दें कि शहर के गवली पुरा निवासी राजू गवली वर्ष 1994 में सेना में भर्ती हुए थे। देश सेवा की इस नौकरी में 22 साल बाद ऐसा मौका आया जब पहली बार राजू अपनी पत्नी अनीता के साथ करवाचौथ के अवसर पर मौजूद हैं सैनिक की पत्नी अनीता की ख्वाहिश थी कि वह करवा चौथ के दिन अपने पति की पूजा सैनिक की वर्दी में करें तो सैनिक पति ने भी अपनी पत्नी की इच्छा पूरी की और राजू ने सैनिक की वर्दी पहनी उसके बाद अनीता ने राजू को तिलक लगाकर उसकी पूजा की बाद में राजू ने भी अपना कर्तव्य निभाकर अपनी पत्नी का उपवास मिठाई खिलाकर व जल पिलाकर छुड़वाया।
इसी प्रकार इसी क्षेत्र में रहने वाले हेमराज गवली भी भारतीय सेना में कार्यरत होकर असम में तैनात हैं छुट्टी ना मिलने के कारण वे घर नहीं आ पाए। 8 साल के अपने शादीशुदा जीवन में वे दो बार ही अपनी पत्नी के साथ करवाचौथ मना पाए हैं लेकिन इस बार घर नहीं आए तो उनकी पत्नी कमलेश गवली ने मोबाइल के जरिए वीडियो कॉलिंग कर अपने पति की पूजा की ओर उपवास खोला।


Conclusion:सैनिक की पत्नी अनिता गवली ने बताया कि शादी के 22 साल बाद पहला अवसर है कि मैं अपने पति के साथ करवाचौथ मना पा रही हु। मुझे अपने पति पर गर्व है कि वे देश सेवा कर रहे है जब वे नही आ पाते थे थोड़ा अफसोस होता था लेकिन देश सेवा के आगे यह कुछ भी नही है।
अनिता के पति सैनिक राजू गवली ने बताया कि सेना में होने के कारण बहुत कम छुट्टियां मिल पाती है। करवाचौथ पर पत्नी के लास आने की इच्छा होती थी लेकिन अपने कर्तव्य के कारण नही आ पाते थे आज मैं यहाँ मौजूद हु और सैनिक की वर्दी पहनकर अपनी पत्नी का उपवास खोला है।

इसी क्षेत्र में निवासरत सैनिक हेमराज गवली की पत्नी कमलेश गवली ने बताया कि करवाचौथ पर पति के न आने का थोड़ा सा दुख जरूर है लेकिन इस बात का गर्व भी है कि वे और माँ, बहनों की सुरक्षा के लिए देश की सेवा में तैनात है। इस बार भी मोबाईल के जरिये वीडियो कॉलिंग कर पति की पूजा की है।

--- एक तरफ जहां सीमा पर तैनात सैनिक एक तरह से युद्ध की सीमा पर तैनात रहता है वहीं उस सैनिक की पत्नी भी अपने भीतर एक युद्ध कर रही होती है लेकिन वह हर बार युद्ध में उस विश्वास के साथ जीत हासिल कर लेती है कि इससे बड़े मैदान में उनके पति का होना उनसे ज्यादा जरूरी है चाहे इनका पति करवा चौथ पर उनके सामने ना हो अपने पति का यही फर्ज देश की हर महिला को करवा चौथ मनाने का सुकून देता है।
Last Updated : Oct 17, 2019, 8:41 PM IST
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