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किसानों की परेशानी का सबब बने जंगली सुअर, कृषि वैज्ञानिक ने बताए बचाव के उपाय

शहडोल जिले के कई किसानों के लिए जंगली सुअर परेशानी का कारण बने हुए हैं. सुअर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.

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Published : Sep 27, 2019, 12:14 PM IST

किसानों की परेशानी का सबब बने जंगली सुअर

शहडोल। जिले के कई गांवों के किसान जंगली सुअरों के आतंक परेशान हैं. वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों को जंगली सुअरों से फसलों को बचाने के उपाय बताए हैं. वहीं कुछ आसान तरीके भी बताए, जिनकी मदद से जंगली सुअरों के आतंक से फसलों को बचाया जा सके.

किसानों की परेशानी का सबब बने जंगली सुअर

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि जंगली सुअर आदतन एक ही रास्ते से आते-जाते हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए नील्वो नाम के घोल में रस्सी को भिगो लें और फिर उसे सुखाकर एक फीट की ऊंचाई पर सुअरों के आने-जाने के रास्ते में खेत के चारों ओर लगा दें, तो उसकी गंध से सुअर भाग जाते हैं. वहीं आवाज करने वाले यंत्रों के सहारे भी आप सुअरों को भगा सकते हैं.

गौरतलब है कि इस साल सोयाबीन की जगह कई किसानों ने मक्के की खेती की है. मक्के की खेती को जंगली सुअर बर्बाद कर रहे हैं. ऐसे में ये उपाय परेशान किसानों को जंगली सुअरों से निजात दिला सकते हैं.

शहडोल। जिले के कई गांवों के किसान जंगली सुअरों के आतंक परेशान हैं. वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों को जंगली सुअरों से फसलों को बचाने के उपाय बताए हैं. वहीं कुछ आसान तरीके भी बताए, जिनकी मदद से जंगली सुअरों के आतंक से फसलों को बचाया जा सके.

किसानों की परेशानी का सबब बने जंगली सुअर

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि जंगली सुअर आदतन एक ही रास्ते से आते-जाते हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए नील्वो नाम के घोल में रस्सी को भिगो लें और फिर उसे सुखाकर एक फीट की ऊंचाई पर सुअरों के आने-जाने के रास्ते में खेत के चारों ओर लगा दें, तो उसकी गंध से सुअर भाग जाते हैं. वहीं आवाज करने वाले यंत्रों के सहारे भी आप सुअरों को भगा सकते हैं.

गौरतलब है कि इस साल सोयाबीन की जगह कई किसानों ने मक्के की खेती की है. मक्के की खेती को जंगली सुअर बर्बाद कर रहे हैं. ऐसे में ये उपाय परेशान किसानों को जंगली सुअरों से निजात दिला सकते हैं.

Intro:note_ wt कृषि वैज्ञनिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह के साथ है।

जंगली सुअरों से जो किसान हैं परेशान उनके लिए काम की खबर, जानिए कैसे इनसे बचाएं अपनी फ़सल

शहडोल- शहडोल जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां जंगली सुअरों के आतंक से किसान परेशान हैं, किसानों के फसलों को जंगली सुअर बर्बाद कर रहे हैं, अभी हाल ही में किसानों की इस समस्या को हमने दिखाया भी था। और अब कृषि वैज्ञनिकों ने जंगली सुअरों से बचाव के तरीके भी बताए हैं। जिन्हें आज़माकर जंगली सुअरों के आतंक से बचा जा सकता है।


Body:जंगली सुअरों से बचाव के तरीके

जंगली सुअरों से जो किसान अपने फसल को लेकर परेशान हैं, उससे निजात पाने के लिए अपने फसलों को बचाने के लिए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं जंगली सुअर की एक आदत होती है उनका एक रस्ता होता है और वो उसी रास्ते से होकर आते जाते हैं, वो कुछ पर्टिकुलर जैसे मक्का होता है, कुछ जैसे जड़ जिनकी वो खाते हैं, फसलें उनका आने का एक रास्ता होता है, उस आदत को ध्यान में रखते हुए एक घोल है नील्वो उसका ट्रेड नेम है, और रिसोनोलिक एसिड है, अगर उसको रस्सी में ऐसी रस्सी जो घोल को सोख ले, उस रस्सी को करीब एक फिट की ऊंचाई में उनके आने के रास्ते में खेत के चारो ओर हैं वहां पर लगा दिया जाए, तो उसके गन्ध से वो भाग जाते हैं और फिर खेतों में नहीं आते हैं।

दूसरा तरीका ये है कि आवाज करने वाले कुछ यंत्र भी आते हैं जो बड़े सस्ते से 200 से 300 रुपये में तैयार हो जाते हैं उनको अगर लगा दिया जाए तो जब हवा चलती है तो आगे पंखा घूमता है,पीछे वो लगा रहता है, तो आवाज आती है, यही तरीके हैं जो सुअर को खेत में आने से कंट्रोल कर सकते हैं।

घोल नुकसान दायक नहीं

कृषि वैज्ञनिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि इसे हम कहीं स्प्रे नहीं कर रहे बल्कि उसके गन्ध से वो भागते हैं, आधा लीटर नील्वो में चार से पांच लीटर पानी में घोल बनाकर जूट की रस्सी में सुखाकर जिस रास्ते से जंगली सुअर खेतों में आते हैं उसी रास्ते में रस्सी को लगा दें तो उसके गन्ध से ही जंगली सुअर, जंगली जानवर यहां तक कि पालतू जानवर भी उस रास्ते से नहीं आते, उसके गंध से भाग जाते हैं। उसके गंध को पसन्द नहीं करते हैं।


Conclusion:ग़ौरतलब है की इस साल सोयाबीन की जगह पर कई किसानों ने मक्के की खेतीं की है और मक्के की खेतीं में कुछ गांव के किसानों के सामने बड़ी समस्या ये उभरकर आई है की उनके मक्के की फसलों को जंगली सूअर बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में ये उपाय परेशान किसानों को जंगली सुअरों से निजात दिला सकते हैं।
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