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खेतों में ही सड़ रही सब्जी, किसान बोले लॉकडाउन की वजह बढ़ी मुसीबत

किसान ने बड़े मेहनत से सब्जी की खेती शुरू की, इस उम्मीद के साथ कि बाजार में बेचकर कमाएंगे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मार्केट में सब्जी की मांग न के बराबर है. सब्जी खेत में सड़कर खराब हो रही है.

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Published : Apr 21, 2020, 8:54 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 10:01 AM IST

vegetable crop is ruined in shahdol
खेतों में ही सड़ रही सब्जी

शहडोल। कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में सब्जी की फसल लगाने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों ने बड़े ही उम्मीदों के साथ अपने खेतों में सब्जियां उगाई थी, लेकिन जब इस फसल से पैसे कमाने का समय आया तो, लॉकडाउन लग गया और मार्केट में सब्जियों की मांग तेजी से घट गई. मांग नहीं होने के चलते किसानों की सब्जियां खेतों में ही सड़ गई, अब उसे जानवर खा रहे हैं.

सब्जी खेत में सड़कर खराब

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि, खेतों में बैगन की फसल किस तरह सड़ने लगी है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि, जिस किसान ने फसल को इतने महीनों से तैयार किया, मेहनत से सींचा और जब सब्जी की फसल तैयार हुई, तो लॉकडाउन लग गया. सब्जी मार्केट में भी कई रूल्स और टाइमिंग आ गईं, जिसकी वजह से थोक मार्केट में भी सब्जियों की आवक ज्यादा और डिमांड कम हो गई.

शहडोल से करीब 20 से 25 किलोमीटर दूर चटहा गांव जहां किसान सत्यकुमार सिंह ने कई एकड़ जमीन में बैगन के सब्जी की फसल लगाई थी. सत्यकुमार सिंह के खेतों में बैगन की फसल पककर सड़ रही है. किसान बताते हैं कि, एक दो बार तो वो जानवरों को चराने के लिए बोल चुके हैं, क्योंकि अब इस फसल का कोई महत्व नहीं है.

सत्यकुमार सिंह कहते हैं, बरसात के समय से बैगन की फसल तैयार कर रहे हैं, जब से फसल तैयार किया पहले बारिश, फिर ओलावृष्टि ने फसल बर्बाद की और अब लॉकडाउन की वजह से बची हुई फसल बिक ही नहीं पाई. किसान कहते हैं मार्केट में कोई सब्जी खरीदने को तैयार नहीं है और फुटकर सब्जी विक्रेता सिर्फ 10 या 5 किलो ही ले रहे हैं, जिससे वो अपने समय के हिसाब से उसे बेच सकें. लगभग ढाई एकड़ में ये फसल लगाई है, जो कि खराब हो चुकी है.

सब्जी की फसल लगाने वाले कई किसानों का हाल बेहाल है, किसान उमेश सिंह ने अपने खेत में टमाटर, लौकी, मिर्ची सब कुछ लगाया था, लेकिन उसे बेच नहीं पा रहे हैं.

गौरतलब है, किसान ने बड़े मेहनत से सब्जी की खेती शुरू की इस उम्मीद के साथ कि इसे बाजार में बेचकर कमाएंगे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो अपनी सब्जियों को बेच नहीं सके, नतीजतन अब सब्जियां खेतों में ही सड़ रही हैं और किसान सिर्फ अफसोस के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा.

शहडोल। कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में सब्जी की फसल लगाने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों ने बड़े ही उम्मीदों के साथ अपने खेतों में सब्जियां उगाई थी, लेकिन जब इस फसल से पैसे कमाने का समय आया तो, लॉकडाउन लग गया और मार्केट में सब्जियों की मांग तेजी से घट गई. मांग नहीं होने के चलते किसानों की सब्जियां खेतों में ही सड़ गई, अब उसे जानवर खा रहे हैं.

सब्जी खेत में सड़कर खराब

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि, खेतों में बैगन की फसल किस तरह सड़ने लगी है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि, जिस किसान ने फसल को इतने महीनों से तैयार किया, मेहनत से सींचा और जब सब्जी की फसल तैयार हुई, तो लॉकडाउन लग गया. सब्जी मार्केट में भी कई रूल्स और टाइमिंग आ गईं, जिसकी वजह से थोक मार्केट में भी सब्जियों की आवक ज्यादा और डिमांड कम हो गई.

शहडोल से करीब 20 से 25 किलोमीटर दूर चटहा गांव जहां किसान सत्यकुमार सिंह ने कई एकड़ जमीन में बैगन के सब्जी की फसल लगाई थी. सत्यकुमार सिंह के खेतों में बैगन की फसल पककर सड़ रही है. किसान बताते हैं कि, एक दो बार तो वो जानवरों को चराने के लिए बोल चुके हैं, क्योंकि अब इस फसल का कोई महत्व नहीं है.

सत्यकुमार सिंह कहते हैं, बरसात के समय से बैगन की फसल तैयार कर रहे हैं, जब से फसल तैयार किया पहले बारिश, फिर ओलावृष्टि ने फसल बर्बाद की और अब लॉकडाउन की वजह से बची हुई फसल बिक ही नहीं पाई. किसान कहते हैं मार्केट में कोई सब्जी खरीदने को तैयार नहीं है और फुटकर सब्जी विक्रेता सिर्फ 10 या 5 किलो ही ले रहे हैं, जिससे वो अपने समय के हिसाब से उसे बेच सकें. लगभग ढाई एकड़ में ये फसल लगाई है, जो कि खराब हो चुकी है.

सब्जी की फसल लगाने वाले कई किसानों का हाल बेहाल है, किसान उमेश सिंह ने अपने खेत में टमाटर, लौकी, मिर्ची सब कुछ लगाया था, लेकिन उसे बेच नहीं पा रहे हैं.

गौरतलब है, किसान ने बड़े मेहनत से सब्जी की खेती शुरू की इस उम्मीद के साथ कि इसे बाजार में बेचकर कमाएंगे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वो अपनी सब्जियों को बेच नहीं सके, नतीजतन अब सब्जियां खेतों में ही सड़ रही हैं और किसान सिर्फ अफसोस के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा.

Last Updated : Apr 22, 2020, 10:01 AM IST
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