शहडोल/अनूपपुर। बेमौसम बारिश ने जहां प्रदेश में ठंड बढ़ा दी है. वहीं आसमान पर छाये बादल ने किसानों के माथे पर परेशानी की लकीर खींच दी है. मध्य प्रदेश के किसान परेशान हैं कि इस बिन मौसम बारिश उनकी मेहनत, उनके फसल को बर्बाद ना कर दे. किसान की समझ नहीं आ रहा है कि वो जल्द से जल्द धान की कटाई पूरी करे या खेतों में जमा धान को भिंगने से बचाए. (Unseasonal rain increased farmer's problems).
बारिश न बन जाये विलेन
शहडोल (Shahdol) जिले में जिस तरह से एक बार फिर से मौसम ने करवट बदली है उसके बाद किसान काफी डरा-सहमा हुआ है. चिंता ये है कि कहीं बारिश उसके लिए विलेन न बन जाए. क्योंकि किसान के 4 महीनों की मेहनत के बाद फसल पककर तैयार है. किसी की फसल क कटाई बाकी है, किसी की फसल खलिहान में पड़ी हुई है, किसी की गहाई चल रही है, कुल मिलाकर पूरी पकी हुई फसल अभी बाहर रखी हुई है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा.
धान की फसल को हो सकता है ज्यादा नुकसान
शहडोल जिले (Shahdol) में धान की फसल की कटाई और गहाई का काम चल रहा है. बता दें कि शहडोल जिले में सबसे ज्यादा बड़े रकबे में धान की फसल की खेती की जाती है. लगभग 1,63,800 हेक्टेयर में धान की खेती होती है और यह धान की फसल पककर तैयार है, क्योंकि जिले में थोड़ी देरी से धान की खेती होती है जिसकी वजह से इन दिनों धान की फसल की कटाई और गहाई ज्यादातर खेत और खलिहान में चल रही है और अगर ऐसे में बारिश होती है तो किसानों की जो मुख्य फसल है धान की फसल उसका बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है.
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खराब मौसम से अनूपपुर के किसानों की बढ़ी चिंता
इधर अनूपपुर (Anuppur) जिले में 2 दिन से लगातार खराब मौसम ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. अनूपपुर जिले में खरीफ फसल की खेती लगभग 1.78 1000 हेक्टेयर और धान लगभग 122 हेक्टेयर में होता है. इन दिनों जिले में धान की कटाई का काम चल रहा है. लेकिन 2 दिनों से मौसम खराब होने की वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कृषक राजेश तिवारी ने बताया कि अगर मौसम की मार हमारे फसल पर पड़ गयी तो हम तो बर्बाद हो जाएंगे. वर्तमान समय में हमारा आधा धान खेत में पड़ा है तो आधा खनिहाल में और हल्की बारिश लगातार हो रही है, जिससे हम लोग काफी चिंतित हैं. वहीं कृषक आदेश शर्मा का कहना है कि महंगाई की मार ने पहले ही तबाह कर रखा है, ऐसे में मौसम का कहर हमारी कमर तोड़ देगा. गरीब किसान भगवान से बस यहीं आशा लगा रहे हैं कि जोरदार बारिश ना हो.