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इस बदलते मौसम में ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, जानिए आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ से

शहडोल जिले में मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है, जिसके चलते लोगों को सर्दी-जुकाम जैसी कई मौसमी बीमारियां हो रही हैं. इस बदलते मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, इस बारे में ईटीवी भारत ने आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से खास बातचीत की.

Ayurveda and Panchakarma specialist doctor Tarun Singh
आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ तरुण सिंह
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Published : Feb 6, 2020, 9:28 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 10:23 AM IST

शहडोल। जिले में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. कभी गर्मी तो कभी बारिश और ठंड से लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है. जिसके चलते लोगों को सर्दी, जुकाम जैसी कई मौसमी बीमारियां सता रही हैं. इस बदलते मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, इस बारे में ईटीवी भारत ने आयुर्वेदिक और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ तरुण सिंह से खास बातचीत की.

इस बदलते मौसम में ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

इस मौसम में इन्फेक्शन का है खतरा

आयुर्वेदिक और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ तरुण सिंह ने बताया कि मौसम में असमय बदलाव नुकसानदायक है. इस समय तीनों ऋतु एक साथ दिख रही हैं. कभी ठंडी तो कभी गर्मी और कभी बरसात भी हो रही है. आयुर्वेद में इसे द्वैत ऋतु संधि कहा जाता है. इन ऋतुओं में इम्फेक्शन होना बहुत आम बात होता है. खासतौर पर बैक्टीरिअल और वायरल इन्फेक्शन. इससे बचाव के लिए एक्सपोज होने से बचना चाहिए और यदि होना भी पड़े तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गां को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.

ऐसे रखें खानपान का ख्याल

डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं ने बताया कि इस मौसम में ताजी और मौसमी चीजें खाना चाहिए. इसके साथ ही अदरक, लहसुन जैसी तीजों का नियमित प्रयोग करना चाहिए. वहीं गिलोय का सेवन करने से भी इंफेक्शन से बचा जा सकता है.

खानपान में इन्हें करें शामिल

उन्होंने बताया कि किसी खाद्य पदार्थ में छौक या तड़का लगाते समय उसमें सोंठ, काली मिर्च और पीपल या हींग का प्रयोग जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही सलाद में भी सोंठ, पिपली, काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं. जिससे खाने में अग्नि बढ़ती है और इंफेक्शन खत्म होता है. वहीं किसी भी प्रकार की चाय के साथ अदरक का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही हल्दी की चाय का सेवन भी काफी पायदेमंद होता है.

बच्चों के लिए रामबाण है ये चीजें

डॉक्टर तरुण ने बताया कि बच्चों को हल्दी और शहद चटाने से काफी फायदा होता है. यदि किसी बच्चे की नाक बहती है, तो उसके सिर्फ काली मिर्च दें, जिसे बच्चा चूसता रहे. इसके अलावा काली मिर्च को आग में जलाकर उसमें घी लगाकर भी दिया जा सकता है. इससे काफी आराम होता है.

शहडोल। जिले में मौसम लगातार करवट बदल रहा है. कभी गर्मी तो कभी बारिश और ठंड से लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है. जिसके चलते लोगों को सर्दी, जुकाम जैसी कई मौसमी बीमारियां सता रही हैं. इस बदलते मौसम में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, इस बारे में ईटीवी भारत ने आयुर्वेदिक और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ तरुण सिंह से खास बातचीत की.

इस बदलते मौसम में ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

इस मौसम में इन्फेक्शन का है खतरा

आयुर्वेदिक और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ तरुण सिंह ने बताया कि मौसम में असमय बदलाव नुकसानदायक है. इस समय तीनों ऋतु एक साथ दिख रही हैं. कभी ठंडी तो कभी गर्मी और कभी बरसात भी हो रही है. आयुर्वेद में इसे द्वैत ऋतु संधि कहा जाता है. इन ऋतुओं में इम्फेक्शन होना बहुत आम बात होता है. खासतौर पर बैक्टीरिअल और वायरल इन्फेक्शन. इससे बचाव के लिए एक्सपोज होने से बचना चाहिए और यदि होना भी पड़े तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गां को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.

ऐसे रखें खानपान का ख्याल

डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं ने बताया कि इस मौसम में ताजी और मौसमी चीजें खाना चाहिए. इसके साथ ही अदरक, लहसुन जैसी तीजों का नियमित प्रयोग करना चाहिए. वहीं गिलोय का सेवन करने से भी इंफेक्शन से बचा जा सकता है.

खानपान में इन्हें करें शामिल

उन्होंने बताया कि किसी खाद्य पदार्थ में छौक या तड़का लगाते समय उसमें सोंठ, काली मिर्च और पीपल या हींग का प्रयोग जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही सलाद में भी सोंठ, पिपली, काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं. जिससे खाने में अग्नि बढ़ती है और इंफेक्शन खत्म होता है. वहीं किसी भी प्रकार की चाय के साथ अदरक का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. इसके साथ ही हल्दी की चाय का सेवन भी काफी पायदेमंद होता है.

बच्चों के लिए रामबाण है ये चीजें

डॉक्टर तरुण ने बताया कि बच्चों को हल्दी और शहद चटाने से काफी फायदा होता है. यदि किसी बच्चे की नाक बहती है, तो उसके सिर्फ काली मिर्च दें, जिसे बच्चा चूसता रहे. इसके अलावा काली मिर्च को आग में जलाकर उसमें घी लगाकर भी दिया जा सकता है. इससे काफी आराम होता है.

Intro:note_ इंटरव्यू आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह का है।

इस बदलते मौसम के बीच ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, जानिए आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ से

शहडोल- जिले में मौसम कब बदल जाये इसकी गारन्टी कोई नहीं ले सकता है, जिले में एक बार फिर से अचानक मौसम ने करवट बदल ली है, कभी बारिश, कभी कोहरा, कभी ठंडी तो कभी गर्मी इस मौसम ने लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डाला है इस तरह के मौसम ने बच्चों और बुजुर्गों की परेशानी बढ़ा दी है।

इसीलिये इस बदलते मौसम में हमने बात की आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से, जिनसे हमने जाना कि आखिर कैसे इस मौसम में हम अपनी सेहत का रखें विशेष ख्याल और क्या रखें सावधानी।




Body:सेहत के लिए सही नहीं है ये मौसम ऐसे रखें ख्याल

आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं मौसम का जब भी बदलाव होता है, असमय पर होता है जब ऋतु निर्धारण नहीं होता है तो जाहिर सी बात है की वो नुकसान दायक होता है, और मौसम का झटके से बदलाव होना बड़ा नुकसानदायक होता है। और इस समय पर तो खास तौर पर तीनों ऋतु एक साथ दिख रही है ठंडी भी है, गर्मी भी हो जाती है बरसात भी होने लग जाती है। तो तीनों ऋतुएं जब एक साथ होती हैं तो आयुर्वेद में इसे द्वैत ऋतु संधि कहा जाता है।


तो इस ऋतु संधियों में ये कहा जाता है जैसे अब मंगलवार का ही माहौल था बारिश होने लगी, थोड़ी ठंडी भी बढ गई तो लोगों की इच्छा होने लग गई कि नहीं कुछ चाट पकोड़े मुगौड़ी खाया जाए तो इस तरह की चीज खाने से मंदाग्नि भी हो जाती है और मंदाग्नि होने के बाद खाना पचता नही है तो एसिडिटी तो होती ही होती है साथ में इन्फेक्शन भी होने के बहुत चांस हो जाते हैं।

इन ऋतुओं में इम्फेक्शन होना बहुत आम बात होता है खासतौर पर बैक्टीरिअल और वायरल इन्फेक्शन और इस कारण से जितनी भी चीजें होती है इस समय पर सबसे ज्यादा ये करना चाहिए कि ज्यादा तर एक्सपोज़ न हों, ऐसे ऋतुओं में और अगर एक्सपोज़ होते हैं तो बहुत ज्यादा साफ सफाई रखें ज्यादा हाइजेनिक कंडीशन होना बहुत जरूरी है। ख़ासतौर पर बच्चों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है, और जो ज्यादा उम्रदराज लोग हैं उनको ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

क्योंकि बच्चे हमेशा बाहर खेलते कूदते रहते हैं, स्कूल आदि जाते हैं इंफेक्शन होने का चांस ज्यादा रहता है। सर्दी खांसी बुखार जल्दी इनको हो सकती है और दूसरे बच्चों को भी इनसे होने का खतरा बना रहता है।

इस मौसम में ऐसे करें परहेज़

आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं सामान्य तौर पर इस मौसम में जो मौसमी चीजें हैं और हल्की चीजें हैं वो खानी चाहिए, दिन में न सोएं, और ज्यादातर इस मौसम में सर्दी खांसी ज्यादा होती है और जब सर्दी खाँसी ज्यादा हो रही है और ज्यादातर लूज मोशन डायरिया इस तरह के कंडीशन ज्यादा आते हैं तो बाहर की चीजें न खाएं साफ सुथरी घर की चीजें खाएं ताज़ी खाएं मौसमी खाएं।

और कुछ चीजों का प्रयोग डेली करें, जैसे अदरक लहसुन का प्रयोग करें, साथ में ये कोशशि करें की गिलोय का सेवन हर कोई करे जैसे कोई बच्चा, 10 साल से कम उम्र का है तो गिलोय का टैबलेट 500 एमजी की अलग अलग फॉर्मेसी अलग अलग नाम से बेचती हैं लेकिन 500 एमजी उसकी निर्धारित मात्रा है।

10 साल से कम उम्र के बच्चे को एक टैबलेट और 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को दो टैबलेट सुबह शाम जरूर लें।


खानपान में ऐसे करें बदलाव, इनका ज्यादा करें इस्तेमाल

आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं इस समय पर क्या होता है की अगर कोई भी चीज आप खाते हैं छौक आदि लगाते हैं तड़का आदि लगाते हैं तो उसमें सोंठ, काली मिर्च और पीपल का प्रयोग जरूर करें ये बहुत ज्यादा जरूरी है इसका प्रयोग करना साथ में बहुत सारे लोग पेय लेते हैं ग्रीन टी लेते हैं कुछ भी लेते हैं नॉर्मल ट्रेडिशनल टी ही लेते हैं तो उसमें अदरक का प्रयोग करें वो बहुत ज्यादा जरूरी है साथ में जब खाना खाते हैं तो उसमें हींग का छोंक लगाएं।


Conclusion:ये भी जरूरी है अगर सलाद लेते हैं तो सलाद में सोंठ पिपली काली मिर्च का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि ये खाने की अग्नि को बढ़ाते हैं और साथ में इन्फेक्शन को भी खत्म करते हैं।

हल्दी की चाय फायदेमंद

हल्दी की चाय पीना इस मौसम में बहुत फायदेमंद होता है अगर आप हल्दी की चाय पीते हैं अगर आप हल्दी की चाय बनाना चाहते हैं तो पानी को उबालें और चायपत्ती की जगह हल्दी को उबालें जैसे चायपत्ती उबालते हैं वैसे और उसमें मिश्री डालकर उसका प्रयोग करें तो गले का इन्फेक्शन नहीं होता है बाहरी चीजो का इन्फेक्शन नहीं होता है तरोताजगी बनी रहती है और अग्नि जो रहती है वो दीपित रहती है, बच्चों को अगर आप हल्दी और शहद चटाते हैं तो फायदा करता है अगर किसी बच्चे की नाक आदि बहती है तो इस समय पर अगर उसको सिर्फ और सिर्फ काली मिर्च दे दें बच्चा सिर्फ चूसता रहे या फिर काली मिर्च को थोड़ा सा आग पर जला दें और काली मिर्च फूल जाती है फूलने के बाद घी से चिपड़ के बोलें की इसे खा जाओ, तो जैसे वो खा लेगा तो लगभग लगभग वो 24 घंटे के लिए वो फ्री हो जाएगा न उसे इन्फेक्शन होगा, न सर्दी खांसी और डाइजेशन भी ठीक रहता है।
Last Updated : Feb 6, 2020, 10:23 AM IST
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