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इलेक्ट्रिक फ्रिज को मात देने वाले 'चंदिया के घड़े' को लॉकडाउन दे रहा मात - water chilled in summers

गर्मी के सीजन में मिट्टी के घड़े बहुत बिकते हैं, जबकि जिले में भी चंदिया की मिट्टी से बने घड़ों की बहुत डिमांड रहती है, पर लॉकडाउन के चलते इस बार चंदिया के मटकों की बिक्री भी बहुत कम हो रही है.

chandia ke ghade
चंदिया के घड़े
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Published : May 15, 2020, 8:06 PM IST

शहडोल। गर्मी के सीजन में मिट्टी के घड़े बहुत इस्तेमाल होते हैं. हर तबका इसे खरीद भी लेता है, जिले में भी मिट्टी के घड़े की खूब डिमांड रहती है. गर्मी का सीजन आते ही जिला मुख्यालय पर सड़क किनारे कई लोग मिट्टी के घड़े की दुकान लगाए मिल जाते हैं, यहां के घड़े चंदिया के घड़े के नाम से फटाफट बिक जाते हैं. मिट्टी के घड़े में चंदिया बड़ा ब्रांड बन चुका है.

चंदिया के घड़े

यूं तो चंदिया उमरिया जिले में है, लेकिन चंदिया से आकर यहां शहडोल जिले में लोग मिट्टी के घड़े बेचते हैं क्योंकि यहां इनकी डिमांड रहती है, लोग घर से अगर घड़े की तलाश में निकलते हैं तो बस चंदिया के घड़े ही तलाश करते हैं.

बड़ा ब्रांड है 'चंदिया के घड़े'

मिट्टी के घड़े में पानी शीतल रहता है और इसमें रखे जल को पीने से इस तपती गर्मी में तृप्ति भी जल्दी मिल जाती है, साथ ही ये सस्ता भी होता है, इसके लिए चंदिया के घड़े लोग खूब ढूंढ़ते हैं. आलम ये है कि मिट्टी के घड़ों में चंदिया बड़ा ब्रांड बन गया है. चंदिया नाम से ही सारे घड़े बिक जाते हैं. लोगों में चंदिया की मिट्टी से बनाये गए घड़ों की खूब डिमांड रहती है.

चंदिया के घड़े की खासियत

लोगों का कहना है कि चंदिया की मिट्टी से बनाये गए घड़े में पानी से भी मिट्टी की सोंधी खुशबू आती है, ये अच्छे होते हैं और इनमें पानी शीतल होता है. कुछ लोगों का कहना है कि बचपन से घर में चंदिया के घड़े ही आते थे तो घड़े का पानी पीने की आदत सी हो गई है, इसलिए चंदिया के घड़े ही खरीदते हैं.

चंदिया नाम से ही बेच रहे घड़े

कई घड़े वालों ने बताया कि वे चंदिया से हैं और चंदिया में बनाए गए घड़े बेतचे हैं, लेकिन दुकानदार किसी भी घड़े को चंदिया के घड़े के नाम से ही बेच रहे हैं.

लॉकडाउन का असर व्यापार पर

लॉकडाउन का असर हर व्यापार पर पड़ रहा है. ऐसे में मटके बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन का असर बहुत ज्यादा पड़ा है. तीन महीने पहले से गर्मी के सीजन के लिए मटके बनाए जाते हैं और इस समय तक बहुत मटके बिक जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते अबत क मटके नहीं बिके हैं.

शहडोल। गर्मी के सीजन में मिट्टी के घड़े बहुत इस्तेमाल होते हैं. हर तबका इसे खरीद भी लेता है, जिले में भी मिट्टी के घड़े की खूब डिमांड रहती है. गर्मी का सीजन आते ही जिला मुख्यालय पर सड़क किनारे कई लोग मिट्टी के घड़े की दुकान लगाए मिल जाते हैं, यहां के घड़े चंदिया के घड़े के नाम से फटाफट बिक जाते हैं. मिट्टी के घड़े में चंदिया बड़ा ब्रांड बन चुका है.

चंदिया के घड़े

यूं तो चंदिया उमरिया जिले में है, लेकिन चंदिया से आकर यहां शहडोल जिले में लोग मिट्टी के घड़े बेचते हैं क्योंकि यहां इनकी डिमांड रहती है, लोग घर से अगर घड़े की तलाश में निकलते हैं तो बस चंदिया के घड़े ही तलाश करते हैं.

बड़ा ब्रांड है 'चंदिया के घड़े'

मिट्टी के घड़े में पानी शीतल रहता है और इसमें रखे जल को पीने से इस तपती गर्मी में तृप्ति भी जल्दी मिल जाती है, साथ ही ये सस्ता भी होता है, इसके लिए चंदिया के घड़े लोग खूब ढूंढ़ते हैं. आलम ये है कि मिट्टी के घड़ों में चंदिया बड़ा ब्रांड बन गया है. चंदिया नाम से ही सारे घड़े बिक जाते हैं. लोगों में चंदिया की मिट्टी से बनाये गए घड़ों की खूब डिमांड रहती है.

चंदिया के घड़े की खासियत

लोगों का कहना है कि चंदिया की मिट्टी से बनाये गए घड़े में पानी से भी मिट्टी की सोंधी खुशबू आती है, ये अच्छे होते हैं और इनमें पानी शीतल होता है. कुछ लोगों का कहना है कि बचपन से घर में चंदिया के घड़े ही आते थे तो घड़े का पानी पीने की आदत सी हो गई है, इसलिए चंदिया के घड़े ही खरीदते हैं.

चंदिया नाम से ही बेच रहे घड़े

कई घड़े वालों ने बताया कि वे चंदिया से हैं और चंदिया में बनाए गए घड़े बेतचे हैं, लेकिन दुकानदार किसी भी घड़े को चंदिया के घड़े के नाम से ही बेच रहे हैं.

लॉकडाउन का असर व्यापार पर

लॉकडाउन का असर हर व्यापार पर पड़ रहा है. ऐसे में मटके बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन का असर बहुत ज्यादा पड़ा है. तीन महीने पहले से गर्मी के सीजन के लिए मटके बनाए जाते हैं और इस समय तक बहुत मटके बिक जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते अबत क मटके नहीं बिके हैं.

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