शहडोल। भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ जब 14 सालों तक वनवास में थे, तब भगवान शहडोल के भी कई स्थानों तक पहुंचे, जिसके अलग-अलग प्रमाण यहां के पुराने पुजारी और जानकार बताते हैं. शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 40 से 45 किलोमीटर की दूरी पर लखबरिया धाम स्थित है. यहां रामलला और राम जानकी विराजे हैं. मान्यता है कि वनवास के समय भगवान राम यहां पधारे थे.
प्रसाद में एक बार ही चढ़ता है अन्न
कई सालों से इस मंदिर में रामलला की सेवा कर रहे पुजारी लल्ला महाराज बताते हैं कि श्री राम तपस्वी थे और जो तप में रहता है वो एक बार ही भोजन करता है, इसीलिए इस मंदिर में प्रसाद के रूप में एक बार अन्न का भोग लगाया जाता है और फिर रात में पूजा और आरती के बाद दूध या फल ही चढ़ाते हैं.
पुजारी लल्ला महाराज कहते हैं कि उनके पूर्वज और उनके गुरुओं ने जो उन्हें बताया है, उसके मुताबिक श्री राम अपने वनवास के समय यहां आए जरूर थे, लेकिन रुके नहीं थे. उन्होंने यहां थोड़ा समय व्यतीत किया और फिर यहां से चले गए. यहां श्री राम मंदिर के अलावा इसी मंदिर परिसर में एक सीता रसोई भी है, साथ ही भगवान शिव से जुड़ी कई प्राचीन अमूल्य धरोहरें भी हैं.
ऐसे हुई स्थान की जानकारी
लखबरिया धाम की जानकारी भी बड़े ही आश्चर्यजनक तरीके से हुई. जानकीदास बाई जी कई साल पहले कटनेरी जिला जौनपुर से आईं, जब वो यहां आई तो घनघोर जंगल हुआ करता था. जंगल में आने से ही लोगों को डर लगता था, लेकिन बाई जी जंगल में यहां आईं और उन्होंने इस स्थान के बारे में सबको बताया.
लाख गुफाओं वाला यह लखबरिया धाम धीरे-धीरे जर्जर होने लगा है. आस्था का यह मंदिर अब सरंक्षण की बाट जोह रहा है.