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शहडोल की सीपी को मायानगरी में मिली बड़ी सफलता, जानिए कैसे बदल दी एक गाने ने किस्मत

शहडोल की सीपी झा का गाना मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता, इस गाने ट्यूब में ही इस सिंगल वीडियो एल्बम की व्यूवरशिप 3 मिलियन पहुंच चुकी है और लगातार इस गाने को लोग पसंद कर रहे हैं.

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Published : Nov 12, 2019, 3:38 PM IST

सीपी को मायानगरी में मिली बड़ी सफलता

शहडोल। किसी ने सच ही कहा है कि कामयाबी के रास्तों में चाहे तमाम रुकावटें हों, लेकिन मेहनत और कोशिश करने वालों को वो मिलती जरूर है. कुछ ऐसी ही कहानी शहडोल की रहने वाली सीपी झा की है, जो पिछले कई सालों से मुंबई में स्ट्रगल कर रही थीं, लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो वो एक गाने में ही छा गई. आज उनका लिखा और गाया हुआ गाना, 'मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता', युवाओं के जुबां पर है. उनके इस गाने की सफलता को इससे समझ सकते हैं कि अब उन्हें फिल्मों सहित कई जगह से ऑफर मिल रहे हैं.

सीपी को मायानगरी में मिली बड़ी सफलता


किसी भी व्यक्ति के लिए छोटी सी जगह से निकलकर मुंबई जैसी बड़ी जगह पर अपना नाम कमाना, खुद को साबित करना और अपनी काबिलियत साबित करना बड़ी बात होती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शहडोल शहर की रहने वाली सीपी झा, जो पिछले कई सालों से मुंबई में अपने करियर को पंख लगाने के लिए स्ट्रगल कर रही थीं.


कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता
सीपी झा बताती हैं कि जब उनकी उम्र करीब 3 साल की थी, तभी से उन्हें गाने के प्रति रुझान पैदा हुआ था. उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी प्रोफेसर मां का कहना था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद ही कुछ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने पहले इंदौर से एमबीए किया और फिर सीधे मुंबई का रुख कर लिया. जहां वो कई साल से छोटे-मोटे काम कर स्ट्रगल कर रही थीं, लेकिन जिस मंच की तलाश उन्हें थी वो मिल नहीं रहा था. हिम्मत न हार कर खुद को तराशने में लगी रही. इस कड़ी मेहनत का परिणाम आज उनके सामने है. आज उनका खुद का लिखे और गाए हुए गाने को हर कोई पसंद कर रहा है.


इस गाने से मिली सफलता और मिल रहे कई ऑफर
सीपी झा ने अभी हाल ही में टी- सीरीज के एक सिंगल वीडियो एल्बम के लिए गाना खुद लिखा है और गाया है. जिसके बोल हैं- मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता. महज यूट्यूब में ही इस सिंगल वीडियो एल्बम की व्यूवरशिप 3 मिलियन पहुंच चुकी है और लगातार इस गाने को लोग पसंद कर रहे हैं. उन्होंने खुद बताया कि उनके इस गाने के बाद तो उन्हें अब हर तरफ से ऑफर आ रहे हैं. कुछ फिल्मों के भी ऑफर आ रहे हैं. जल्द ही उनके गाये हुए कुछ गाने लोगों के सामने होंगे.


ऐसे मिला इस गाने का आइडिया
सीपी झा के पति राज आशू जो खुद भी बड़े म्यूजिक कंपोजर हैं और पिछले कई सालों से कामयाबी की कई बड़ी इबारतें लिख चुके हैं, वो बताते हैं कि इस गाने का आइडिया भी बड़े ही मजेदार तरीके से आया. सभी लोग बैठे हुए थे तभी ये टैग निकला मेरे नाप की जुत्ती. सीपी झा ने खुद गाने की लिरिक्स लिखी और उनके पति राज आशू इसे कंपोज किया. जिसके बाद ये गाना टी सीरीज को भी बहुत ही पसंद आया और बाद में इस पर वीडियो अल्बम बनाया गया. राज आशू ने कहा कि सीपी झा का बड़े मंच पर ये सिंगिंग डेब्यू है और इस गाने को कामयाबी भी मिल रही है.
मां ने साझा किए अनुभव


सीपी झा की मां जो कि खुद शहडोल में प्रोफेसर हैं, उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी बेटी को गाने का शौक था और आज उसका सपना साकार हो रहा है. उन्होंने कहा कि बेटी की कामयाबी से वे बहुत खुश हैं. सीपी झा की ये कामयाबी उन हजारों-लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो अलग तरह के फील्ड में जाकर बड़ा नाम कमाना चाहते हैं.

शहडोल। किसी ने सच ही कहा है कि कामयाबी के रास्तों में चाहे तमाम रुकावटें हों, लेकिन मेहनत और कोशिश करने वालों को वो मिलती जरूर है. कुछ ऐसी ही कहानी शहडोल की रहने वाली सीपी झा की है, जो पिछले कई सालों से मुंबई में स्ट्रगल कर रही थीं, लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो वो एक गाने में ही छा गई. आज उनका लिखा और गाया हुआ गाना, 'मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता', युवाओं के जुबां पर है. उनके इस गाने की सफलता को इससे समझ सकते हैं कि अब उन्हें फिल्मों सहित कई जगह से ऑफर मिल रहे हैं.

सीपी को मायानगरी में मिली बड़ी सफलता


किसी भी व्यक्ति के लिए छोटी सी जगह से निकलकर मुंबई जैसी बड़ी जगह पर अपना नाम कमाना, खुद को साबित करना और अपनी काबिलियत साबित करना बड़ी बात होती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शहडोल शहर की रहने वाली सीपी झा, जो पिछले कई सालों से मुंबई में अपने करियर को पंख लगाने के लिए स्ट्रगल कर रही थीं.


कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता
सीपी झा बताती हैं कि जब उनकी उम्र करीब 3 साल की थी, तभी से उन्हें गाने के प्रति रुझान पैदा हुआ था. उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी प्रोफेसर मां का कहना था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद ही कुछ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने पहले इंदौर से एमबीए किया और फिर सीधे मुंबई का रुख कर लिया. जहां वो कई साल से छोटे-मोटे काम कर स्ट्रगल कर रही थीं, लेकिन जिस मंच की तलाश उन्हें थी वो मिल नहीं रहा था. हिम्मत न हार कर खुद को तराशने में लगी रही. इस कड़ी मेहनत का परिणाम आज उनके सामने है. आज उनका खुद का लिखे और गाए हुए गाने को हर कोई पसंद कर रहा है.


इस गाने से मिली सफलता और मिल रहे कई ऑफर
सीपी झा ने अभी हाल ही में टी- सीरीज के एक सिंगल वीडियो एल्बम के लिए गाना खुद लिखा है और गाया है. जिसके बोल हैं- मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता. महज यूट्यूब में ही इस सिंगल वीडियो एल्बम की व्यूवरशिप 3 मिलियन पहुंच चुकी है और लगातार इस गाने को लोग पसंद कर रहे हैं. उन्होंने खुद बताया कि उनके इस गाने के बाद तो उन्हें अब हर तरफ से ऑफर आ रहे हैं. कुछ फिल्मों के भी ऑफर आ रहे हैं. जल्द ही उनके गाये हुए कुछ गाने लोगों के सामने होंगे.


ऐसे मिला इस गाने का आइडिया
सीपी झा के पति राज आशू जो खुद भी बड़े म्यूजिक कंपोजर हैं और पिछले कई सालों से कामयाबी की कई बड़ी इबारतें लिख चुके हैं, वो बताते हैं कि इस गाने का आइडिया भी बड़े ही मजेदार तरीके से आया. सभी लोग बैठे हुए थे तभी ये टैग निकला मेरे नाप की जुत्ती. सीपी झा ने खुद गाने की लिरिक्स लिखी और उनके पति राज आशू इसे कंपोज किया. जिसके बाद ये गाना टी सीरीज को भी बहुत ही पसंद आया और बाद में इस पर वीडियो अल्बम बनाया गया. राज आशू ने कहा कि सीपी झा का बड़े मंच पर ये सिंगिंग डेब्यू है और इस गाने को कामयाबी भी मिल रही है.
मां ने साझा किए अनुभव


सीपी झा की मां जो कि खुद शहडोल में प्रोफेसर हैं, उनका कहना है कि बचपन से ही उनकी बेटी को गाने का शौक था और आज उसका सपना साकार हो रहा है. उन्होंने कहा कि बेटी की कामयाबी से वे बहुत खुश हैं. सीपी झा की ये कामयाबी उन हजारों-लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो अलग तरह के फील्ड में जाकर बड़ा नाम कमाना चाहते हैं.

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इसमें तीन वर्जन हैं पहला वर्जन सीपी झा सिंगर, दूसरा वर्जन उनके पति और उस गाने के म्यूजिक कंपोजर राजआसू का है, तीसरा वर्जन सीपी झा की मां का है।


जानिए कैसे एक गाने ने बदल दी किस्मत, आने लगे कई ऑफर, काफी संघर्ष के बाद मिली है ये कामयाबी

शहडोल- किसी ने सच कहा है कामयाबी भले ही देर से क्यों न मिले, लेकिन मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है, कुछ ऐसी ही कहानी है, शहडोल की रहने वाली सीपी झा की, जो पिछले कई सालों से मुंबई में स्ट्रगल कर रहीं थीं, लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो वो एक गाने में ही छा गईं, और आज उनका लिखा और गाया हुआ गाना, ‘मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता’, युवाओं के जुबां पर है। उनके इस गाने की सफलता को इससे समझ सकते हैं कि अब उन्हें फिल्मों सहित कई जगह से ऑफर मिल रहे हैं।
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एक छोटी सी जगह शहडोल से निकलकर मुंबई जैसे बड़ी जगह पर अपना नाम कमाना, खुद को साबित करना, जहां हर दिन कई टैलेंट संघर्ष करने पहुंचते हैं ऐसी जगह पर दूसरों से खुद को अलग दिखाना, और उनके बीच कंपटीशन से आगे निकलकर अपनी काबिलियत साबित करना, बड़ी बात होती है, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है, शहडोल शहर की रहने वाली सीपी झा ने, जो पिछले कई सालों से मुंबई में अपने करियर को पंख लगाने के लिए स्ट्रगल कर रहीं थीं। लेकिन जब उन्हें मौका मिला, तो उन्होंने उस मौके को हाथों हाथ लिया, और नतीजा आज सबके सामने है।
बहुत संघर्ष के बाद मिली सफलता
सीपी झा बताती हैं कि उन्हें महज 3 साल से ही गाने का शौक था, और वो गाती भी थीं, लेकिन उनकी मां प्रोफेशर हैं तो उन्होंने कहा कि पहले पढाई पूरी करो फिर जो करना है वो करो, और इसीलिए पहले उन्होंने इंदौर से एमबीए किया और फिर सीधे मुंबई का रुख कर लिया, जहां वो कई साल से स्ट्रगल कर रहीं थीं, छोटे मोटे काम कर रहीं थीं, लेकिन जिस मंच की तलाश उन्हें थी वो मिल नहीं रहा था, फिर भी वो हिम्मत नहीं हारी, और खुद को तराशने में लगी रहीं, मेहनत करते गईं और जब उन्हें एक मौका मिला, तो फिर उन्होंने उसे हाथों हाथ लिया, और आज उनके खुद का लिखा हुआ गाना और गाये हुए गाने को हर कोई पसंद कर रहा है।
सीपी झा ने अभी हाल ही में टी सीरीज के एक सिंगल वीडियो एल्बम के लिए गाना खुद लिखा है, और गाया है, ‘मेरे नाप की जुत्ती क्यों नहीं लाता’ नाम का ये गाना इन दिनों सभी की जुबां पर है।
महज यूट्यूब में ही इस सिंगल वीडियो एल्बम की व्यूवरशिप 3 मिलियन पहुंच चुकी है, और लगातार इस गाने को लोग पसंद कर रहे हैं।
अब मिल रहे कई ऑफर
सीपी झा बताती हैं कि उनके इस गाने के बाद तो उन्हें अब हर ओर से ऑफर आ रहे हैं, कुछ फिल्मों के भी ऑफर आ रहे हैं, जल्द ही उनके गाये हुए कुछ गाने लोगों के सामने होंगे।
ऐसे मिला इस गाने का आइडिया
सीपी झा के पति राजआशू जो खुद भी बड़े म्यूजिक कंपोजर हैं, और पिछले कई सालों से कामयाबी की कई बड़ी इबारतें लिख चुके हैं, वो बताते हैं कि इस गाने का आइडिया भी बड़े ही मजेदार तरीके से आया, सभी लोग बैठे हुए थे तभी ये टैग निकला मेरे नाप की जुत्ती, और फिर इसे डेवलप करने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी सीपी झा को कहा, और जब उस गाने के लिरिक्स को उन्होंने देखा तो उन्हें भी बहुत अच्छा लगा, और फिर इसे खुद ही उन्होंने कंपोज किया, और फिर वो गाना बनते बनते ही बहुत अच्छा बन गया, और फिर क्या था, टी सीरीज को भी ये गाना बहुत ही पसंद आया,और फिर ये गाना फाइनली वीडियो एल्बम का रूप ले लिया। राज आशू बताते हैं कि सीपी झा का इस तरह के बड़े मंच में सिंगिंग का ये डेब्यू था। जो बहुत ही अच्छा है, और इस गाने को कामयाबी भी मिल रही है।
मुझे अपनी बेटी पर गर्व है- मां
सीपी झा की मां जो कि खुद शहडोल में प्रोफेशर हैं, कॉलेज में बच्चों को पढ़ाती हैं, वो कहती हैं कि उनकी बेटी को महज 3 साल की उम्र से ही गाने का शौक था, और वो गाना गाने के प्रति काफी डेडिकेटेड रहती थी, और आज उसके बचपन के सपने को साकार करने का मौका मिल रहा है और उसे कामयाबी मिल रही है तो उन्हें भी बहुत खुशी है। Conclusion:गौरतलब है कि जिस तरह से सीपी झा अपने सपने को साकार करने के लिए लगातार मेहनत करती रहीं, हार नहीं मानीं, और फिर उन्हें भले ही देर से ही सही लेकिन कामयाबी मिली, सीपी झा कि ये कामयाबी उन हजारों लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो छोटे शहरों से तो हैं, लेकिन बड़े शहर में जाकर कुछ नाम कमाना चाहते हैं।
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