शहडोल। गर्मी के शुरू होते ही पेयजल संकट गहराने लगा है. जिला मुख्यालय में जहां नल जल की सप्लाई का कोई निश्चित समय नहीं है तो वहीं सप्लाई के समय पानी की रफ्तार भी धीमी है. इसके चलते लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. जिले के नगर परिषद बकहो में ओपन कास्ट माइंस (SECL) से कोयला निकालने के दौरान तालाब नुमा गड्ढे में पानी भर गया था. अब इस पानी को निकाल कर समतलीकरण करने का काम किया जा रहा है. पानी के निकाले जाने से यहां के लोग जल संकट बढ़ने की बात कहते हुए सड़क पर उतर कर विरोध शुरू कर दिया है. (Shahdol Villagers protest)
शहर में पानी की सप्लाई अनिश्चित: शहडोल शहर में नल जल की सप्लाई का निश्चित समय नहीं है. कभी पानी सुबह सात बजे आ जाते है तो कभी 10 बजे आती है. इसके चलते पानी के लिए लोग परेशान रहते हैं. पानी के आने का इंतजार करना पड़ता है. रोजमर्रा के काम प्रभावित हो जाते हैं. आलम ये है कि तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. ऐसे में भरे हुए पानी को निकालने पर लोगों के सामने जल संकट खड़ा हो सकता है. (Mines Management Shahdol)
माइंस प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन: गढ्ढों के इस के पानी का रहवासी कई वर्षों से उपयोग कर रहे हैं. अब प्रशासन इसका समतलीकरण करने का कार्य कर रहा है. अगर गड्ढे नुमा तलाब समतल हुआ तो ग्रामीणों को ही नहीं जानवरों को भी पानी नसीब नहीं हो पाएगा. इसी बात का ग्रमीण अब सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतवानी दी है कि, अगर शारदा माइंस प्रबंधन पानी को निकालकर समतलीकरण करता है, तो वे शारदा माइंस के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.(Sharda Mines in Shahdol )