शहडोल। आदिवासी बाहुल्य इलाके शहडोल जिला अस्पताल से ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की फिर पोल खुल गई है. इस घटना ने हर किसी को हैरानी में डाल दिया है, और सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि अब क्या सरकारी अस्पताल में भी इलाज के नाम पर पैसे देने पड़ेंगे. इसका खुलासा तब हुआ जब विधायक के ड्राइवर से ऑपरेशन के नाम पर जमकर वसूली की गई.
ऑपरेशन के नाम पर लूट!
दरअसल जैतपुर विधायक का ड्राइवर ऑपरेशन कराने के लिए शहडोल जिला अस्पताल पहुंचा हुआ था, जहां ऑपरेशन करने के लिए जिला चिकित्सालय के सर्जन ने विधायक के ड्राइवर से ₹5000 की डिमांड रखी, ऑपरेशन कराना जरूरी था मजबूरी में ड्राइवर ने किसी तरह ₹4000 में डॉक्टर से बात तय की और डॉक्टर को ₹4000 दे दिए.
विधायक को जब लगी जानकारी
जब इस बात की जानकारी जैतपुर विधायक जयसिंह मरावी को लगी तो वो जिला अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने सिविल सर्जन को इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. मामला जब तूल पकड़ने लगा तो पैसे लेने वाले डॉक्टर ने पैसे वापस करने की बात कही.
डॉक्टर को दिया नोटिस
इस घटनाक्रम को लेकर शहडोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जी एस परिहार का कहना है कि इस संबंध में जानकारी आई है. विधायक जयसिंह मरावी का ड्राइवर भर्ती था,विधायक भी आये हुए थे. संबंधित डॉक्टर को नोटिस दिया गया है, मामले की जांच कराई जा रही है.
ये कोई पहला मामला नहीं
शहडोल जिला चिकित्सालय में आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी जिला चिकित्सालय में मरीजों से पैसे लेने के मामले आए हैं. ऐसे मामलों की शिकायतें भी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची हैं लेकिन कभी भी कोई बड़ा एक्शन डॉक्टरों पर नहीं लिया गया. अब जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक के ड्राइवर से ही सर्जरी के नाम पर पैसे लेने का मामला सामने आ गया और उजागर भी हो गया. देखना दिलचस्प होगा कि अब इस पर क्या कार्रवाई होती है.
डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी
एक बात और यहां बताना जरूरी है कि यह जिला आदिवासी बाहुल्य है.जिला अस्पताल पहुंचने वालों में अधिकांश मरीज ऐसे होते हैं जो गरीब हैं और जिनके पास प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने पैसे नहीं हैं. बावजूद इसके डॉक्टर सर्जरी के नाम पर गरीबों से भी हजारों रुपये ऐंठने में संकोच नहीं करते या ये कहें की घूस लेते हैं. ऐसे डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है.