शहडोल। जिले में एसईसीएल की बंद पड़ी खदान में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में शनिवार को 3 और शव बरामद हुए हैं. इसके साथ ही एसईसीएल की इस बंद पड़ी खदान में मरने वालों की संख्या 7 हो गई है. शुक्रवार को जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया था जब धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल की एक बंद पड़ी खदान में 4 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अमलाई और चचाई थाने में उसी दिन 3 और युवकों की गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद शंका के आधार पर उसी बंद पड़ी खदान में एक बार फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस मामले में लापरवाही बरतने पर खदान प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
मौत की कब्रगाह बनी खदान: शहडोल जिले के धनपुरी थाना अंतर्गत एसईसीएल की धनपुरी यूजी माइन्स जो पिछले कई सालों से बंद पड़ी थी. शुक्रवार 27 जनवरी की दरमियानी रात 4 शव मिले थे जिसके बाद हड़कंप मच गया था. जिसकी मौत की वजह जहरीली गैस की वजह से दम घुटना बताया जा रहा था, और अभी भी उस बंद खदान से बॉडी मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. अमलाई और चचाई थाना क्षेत्र के रहने वाले 3 युवाओं के गुमशुदगी की शिकायत संबंधित थानों में दर्ज कराई गई थी. उसी दिन से 3 और युवक गुमशुदा थे.
कबाड़ की तलाश ने ली जान: घटना के बारे में पुलिस को पता चला था कि उसी रात 3 और युवक भी कबाड़ की तलाश में उसी माइंस में दूसरे मुहाने से अंदर गए थे. जो कि घटना दिनांक से लापता थे. जिसके बाद शंका के आधार पर आज दिनभर सर्च ऑपरेशन चलाया गया और 5 घंटे की कड़ी सर्चिंग के बाद एसईसीएल और पुलिस और प्रशासन की टीम को सफलता मिल गई और इसके साथ ही पुलिस की शंका की भी पुष्टि हो गई. देर शाम खदान से 3 और शवों को बाहर निकाला गया. इसके साथ ही अब बंद पड़ी खदान में मरने वालों की संख्या 7 हो गई है. 4 लोगों के शव बीते शुक्रवार को ही निकाल लिया गया था.
माइनिंग प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर: इस पूरे मामले में एसपी कुमार प्रतीक का कहना है कि ''हमारे पास सूचना आई थी कि तीन लड़के किसी बंद खदान में फंसे हुए हैं, उसके बाद से बाहर देखे नहीं गए हैं. जिसके बाद हमने साइबर सेल से मदद ली लेकिन इनके मोबाइल फोन की लोकेशन खदान के बाहर की आ रही थी, उस तरफ भी हम काम कर रहे थे, और यहां भी पुलिस प्रशासन और एसईसीएल की टीम सर्च ऑपरेशन कर रही थी, उसमें सफलता प्राप्त हुई और देर शाम 3 और बॉडीज वहां से निकाली गई हैं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह बात सामने आई है कि कहीं ना कहीं प्रबंधन की लापरवाही है. जो खदान बंद थी इसमें ढंग से गाइडलाइन का पालन होना था, लेकिन नहीं किया गया, कहीं ना कहीं खदान प्रबंधन भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं. उक्त लापरवाही के लिए प्रबंधन के विरुद्ध भी एक एफआईआर की गई है और आज जो बॉडी मिली है उस पर भी अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. कुल मिलाकर 7 बॉडी रिकवर हो चुकी हैं''.