शहडोल। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल शहडोल मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारियों पर कमिश्नर ने एक्शन लिया है. कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने तीनों कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज शहडोल के डीन डॉक्टर मिलिन्द शिरालकर ने बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए. बता दें यह तीनों आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए सोमवार को पकड़ाए थे.
यह कर्मचारी हुए बर्खास्त
- सुषमा साहू, एनएचएम में पदस्थ स्टाफ नर्स
- उज्जवल द्विवेदी, एनएचएम में पदस्थ लैब टेक्नीशियन
- दीपक गुप्ता, आउटसोर्स यूडीएस में पदस्थ लैब अटेंडेंट
आरोपियों के पंजीयन होंगे निरस्त
मेडिकल कॉलेज शहडोल के कोविड वॉर्ड में काम करने वाले तीनों ही कर्मचारियों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त पाया गया था. कमिश्नर शहडोल संभाग ने बताया कि कोविड केयर वॉर्ड में कार्यरत स्टाफ नर्स की नर्सिंग की डिग्री के पंजीयन को निरस्त किया जाएगा. नर्स को ब्लैक लिस्टेड करने के लिए मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल को पत्र भी लिखा जाएगा. इसी प्रकार लैब ट्रैक्निशियन और लैब अटैण्डेंट के पंजीयन को निरस्त करने के लिए मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल को भी पत्र लिखा जाएगा.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, पुलिस के हत्थे चढ़े 4 आरोपी
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए शहडोल पुलिस लगातार अभियान चला रही है. उसी के तहत सोमवार को शहडोल पुलिस ने बड़ा खुलासा किया था. और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले 4 लोगों को पकड़ा था. जिनसे पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए. जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसमें शहडोल मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारी थे, वहीं एक फार्मा दुकान का मालिक था. इस कालाबाजारी में शामिल एक महिला नर्स भी थी, जो मरीजों को इंजेक्शन न लगाकर उन्हें बचाकर रख लेती. बाद में इसे फार्मा दुकान के मालिक को दे देती थी. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 6 इंजेक्शन और 6 लाख 49 हजार 480 रुपए भी जब्त किए थे.