अनूपपुर: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) में एक साथ 60 बच्चों के बीमार होने की खबर से हड़कंप मच गई. मीडिया में खबर आने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और पुष्पराजगढ़ एसडीएम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया. उन्होंने बीमार छात्राओं से मुलाकात की. मेस में खाना खाने के बाद छात्राओं की तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें कैंपस के अंदर बने डिस्पेंसरी में भर्ती कराया गया. अब इस पर एमपी विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी 'एक्स' पर पोस्ट कर घटना पर सवाल उठाए हैं.
मेस का खाना खाने से बीमार हुई छात्राएं
यह घटना तब घटी जब छात्राओं ने मेस में खाना खाया, जिसमें आलू की सब्जी, चावल, रोटी और दाल शामिल था. खाने के बाद छात्राओं को सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टियां होने लगी. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए छात्राओं को रात भर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों का कहना है कि सभी को फूड पॉइजनिंग हुई है. कुछ छात्राओं की हालत गंभीर भी बताई जा रही है. घटना की जानकारी लगने पर पुष्पराजगढ़ एसडीएम महिपाल सिंह गुर्जर ने विश्वविद्यालय का दौरा किया और छात्राओं का हाल भी जाना.
बीमार छात्राओं ने मेस का खाने की खराब क्वालिटी को लेकर उनसे शिकायत की. साथ ही उन्होंने बताया कि कई हॉस्टलों में लगे पानी के फिल्टर भी खराब पड़े हैं. एसडीएम ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक जांच समिति के गठन का आदेश दिया.
अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) में 60 छात्राओं के बीमार होने की घटना बेहद चिंताजनक है!
— Umang Singhar (@UmangSinghar) February 25, 2025
यह पहली बार नहीं है, लगातार विश्वविद्यालय से अव्यवस्थाओं और खराब सुविधाओं की खबरें आती रहती हैं। आदिवासी छात्रों के लिए बनाए गए इस विश्वविद्यालय में… pic.twitter.com/6xIN7tDdUh
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उमंग सिंघार ने घटना को बताया चिंताजनक
घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने चिंता जताई और सरकार को खरी-खोटी भी सुनाई. उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU) में 60 छात्राओं के बीमार होने की घटना बेहद चिंताजनक है. यह पहली बार नहीं है. लगातार विश्वविद्यालय से अव्यवस्थाओं और खराब सुविधाओं की खबरें आती रहती हैं."
उमंग सिंघार ने आगे लिखा, "आदिवासी छात्रों के लिए बनाए गए इस विश्वविद्यालय में बुनियादी सुविधाओं तक की कमी क्यों? क्या बीजेपी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं? छात्रों की शिक्षा और स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."