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एमपी के इस शहर में खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे है स्कूली बच्चे

सीनियर दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार का कहना है कि इन दिनों स्कूली बच्चों में गुटखे खाने की लत लग रही है जिस वजह से सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हो रहे है.

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Published : Jun 2, 2019, 2:09 PM IST

खतरनाक बिमारी की चपेट में स्कूली बच्चे

शहडोल। जिले के आदिवासी अंचल में स्कूली बच्चे सबम्यूकस फाइब्रोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हो रहे है. इस बीमारी को लेकर अभिभावकों को अलर्ट किया जा रहा है. बच्चों में जिस तरह से गुटखा, पान मसाला और तंबाकू खाने की लत लग रही है उससे इस बीमारी के खतरे के बढ़ने की आशंका है.

खतरनाक बिमारी की चपेट में स्कूली बच्चे

जानिए क्या है सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी
डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस में मुंह का खुलना कम हो जाता है, जिसको भी सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है जो गाल की मासपेसियां हैं उसकी इलास्टिसिटी कम हो जाती है, जिससे मुंह कम खुलने लगता है. जिसके चलते पीछे के दांत गालों में दिक्कत करने लगते हैं और फिर वहां पर अल्सर क्रिएट होता है. जिसके चलते कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

सबम्यूकस फाइब्रोसिस का न तो मेडिकली, और न ही सर्जिकली कोई ट्रीटमेंट हैं, दवाइयों से भी राहत नहीं मिल सकती है. डॉक्टर के मुताबकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जिंदगी भर कैंसर से जूझना पड़ेगा, इसलिए युवा पीढ़ी को गुटखा, तम्बाखू से बचाएं।

यहां स्कूल के बच्चों में ज्यादा फैल रहा
डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी इस अंचल के स्कूल के बच्चों में पिछले कुछ साल से ज्यादा देखने को मिल रही है. डॉक्टर के मुताबिक सबम्यूकस फाइब्रोसिस से पीड़ित पहले स्कूली बच्चे नहीं होते थे ,लेकिन आजकल हो रहे हैं, 9वीं 10वीं के छात्रों में सबम्यूकस फाइब्रोसिस डेवेलोप हो रहा है

मुंह कैंसर की संख्या बढ़ी है
डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक जितने भी मरीज शहडोल क्षेत्र में भी मुख कैंसर के बहुत से पाए जाते हैं, मुख कैंसर तम्बाखू से फैलता है कुछ नेकलिजेंसी से भी फैलता है. मुख्य कारण तंबाकू है जो रात में लोग एक ही जगह दबा कर सो जाते हैं उससे मुख कैंसर डेवेलप हो जाता है.हेल्थ सर्वे के मुताबकि जितने भी कैंसर हैं उसमें मुख का कैंसर 40 प्रतिशत हो रहा है. मतलब बाकी ज्यादा कैंसर से मुख के कैंसर के मरीज ज्यादा हैं और उसका मुख्य कारण गुटखा, तम्बाखू और सुपारी है.

शहडोल। जिले के आदिवासी अंचल में स्कूली बच्चे सबम्यूकस फाइब्रोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हो रहे है. इस बीमारी को लेकर अभिभावकों को अलर्ट किया जा रहा है. बच्चों में जिस तरह से गुटखा, पान मसाला और तंबाकू खाने की लत लग रही है उससे इस बीमारी के खतरे के बढ़ने की आशंका है.

खतरनाक बिमारी की चपेट में स्कूली बच्चे

जानिए क्या है सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी
डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस में मुंह का खुलना कम हो जाता है, जिसको भी सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है जो गाल की मासपेसियां हैं उसकी इलास्टिसिटी कम हो जाती है, जिससे मुंह कम खुलने लगता है. जिसके चलते पीछे के दांत गालों में दिक्कत करने लगते हैं और फिर वहां पर अल्सर क्रिएट होता है. जिसके चलते कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

सबम्यूकस फाइब्रोसिस का न तो मेडिकली, और न ही सर्जिकली कोई ट्रीटमेंट हैं, दवाइयों से भी राहत नहीं मिल सकती है. डॉक्टर के मुताबकि इस गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जिंदगी भर कैंसर से जूझना पड़ेगा, इसलिए युवा पीढ़ी को गुटखा, तम्बाखू से बचाएं।

यहां स्कूल के बच्चों में ज्यादा फैल रहा
डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी इस अंचल के स्कूल के बच्चों में पिछले कुछ साल से ज्यादा देखने को मिल रही है. डॉक्टर के मुताबिक सबम्यूकस फाइब्रोसिस से पीड़ित पहले स्कूली बच्चे नहीं होते थे ,लेकिन आजकल हो रहे हैं, 9वीं 10वीं के छात्रों में सबम्यूकस फाइब्रोसिस डेवेलोप हो रहा है

मुंह कैंसर की संख्या बढ़ी है
डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक जितने भी मरीज शहडोल क्षेत्र में भी मुख कैंसर के बहुत से पाए जाते हैं, मुख कैंसर तम्बाखू से फैलता है कुछ नेकलिजेंसी से भी फैलता है. मुख्य कारण तंबाकू है जो रात में लोग एक ही जगह दबा कर सो जाते हैं उससे मुख कैंसर डेवेलप हो जाता है.हेल्थ सर्वे के मुताबकि जितने भी कैंसर हैं उसमें मुख का कैंसर 40 प्रतिशत हो रहा है. मतलब बाकी ज्यादा कैंसर से मुख के कैंसर के मरीज ज्यादा हैं और उसका मुख्य कारण गुटखा, तम्बाखू और सुपारी है.

Intro:नोट- वर्जन दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार की है।

इस आदिवासी अंचल में स्कूली बच्चे भी हो रहे इस गंभीर बीमारी के शिकार, बच्चों को लेकर सतर्क रहें अभिभावक

शहडोल- शहडोल जिला आदिवासी अंचल के अन्तर्गत आता है और इन दिनों इस अंचल के स्कूली बच्चों में भी एक गंभीर बीमारी देखने को मिल रही है।


सबम्यूकस फाइब्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसके आगोश में इस अंचल के स्कूल के बच्चे भी आ रहे हैं और इसे लेकर अभी से अभिभावकों से लेकर सभी को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि बच्चों में जिस तरह से गुटखा, पान मसाला और तम्बाखू खाने की लत लग रही है और जिस तरह से ये आसानी से उपलब्ध हो रही है उसे देखते हुए इस बीमारी के खतरे के बढ़ने की और आशंका है।

शहडोल जिले के सीनियर दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार जो पिछले कई सालों से यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं और दूर दूर से तरह तरह के मरीज़ इनके पास आते हैं। डॉक्टर जीएस परिहार ने इस क्षेत्र को लेकर जो गंभीर बातें बताई वो वाकई सोचने पर आपको मजबूर कर देगी, अगर आप पैरेंट्स हैं तो ये खबर पढ़ने के बाद आप और सजग हो जाएंगे।


Body:गुटखा तम्बाखू वाले सावधान, खतरनाक है इसका सेवन

जिले के सबसे सीनियर दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि यहां जो इन दिनों युवा जनरेशन में चलन है स्कूल गोइंग जो स्कूल में पढ़ रहे हैं वो आज गुटखे के लत के शिकार हैं, तरह तरह के गुटखे इन दिनों आसानी से उपलब्ध हैं, सामान्य गुटखा हम तम्बाखू के गुटखे की बात नहीं कर रहे हैं जो सामान्य गुटखा आता है उसको खाने से भी आज का युवा सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हो रहा है।

जानिए क्या है सबम्यूकस फाइब्रोसिस बीमारी

डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस में मुंह का खुलना कम हो जाता है, जिसको भी सबम्यूकस फाइब्रोसिस हो जाता है जो गाल की मासपेसियां हैं उसकी इलास्टिसिटी कम हो जाती है, जिससे मुंह कम खुलने लगता है।जिसके चलते पीछे के दांत गालों में गड़ने लगते हैं और फिर वहां पर अल्सर क्रिएट होते हैं जिसके चलते कैंसर डेवलप हो जाता है।

सबम्यूकस फाइब्रोसिस का कोई ट्रीटमेन्ट नहीं है न तो मेडिकली, और न ही सर्जिकली थोडी बहुत ट्रीटमेंट हैं लेकिन जो दवाइयां हैं उससे राहत नहीं मिल सकती है।

डॉक्टर के मुताबकि अंततः इस गम्भीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति परेशान होगा, जिंदगी भर कैंसर से जूझेगा। इसलिए युवा पीढ़ी को गुटखा, तम्बाखू से बचाएं।

यहां स्कूल के बच्चों में ज्यादा फैल रहा

डॉक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी इस अंचल के स्कूल के बच्चों में पिछले कुछ साल से ज्यादा देखने को मिल रहा है। स्कूली बच्चों में इस तरह के केस इस अंचल में पहले की अपेक्षा ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसके लिए इस अंचल के स्कूल में हमें जनचेतना फैलानी होगी। कॉलेज में भी इस बीमारी से युवा वर्ग दूर हो।

डॉक्टर के मुताबिक सबम्यूकस फाइब्रोसिस से पीड़ित पहले स्कूली बच्चे नहीं होते थे लेकिन आजकल हो रहे हैं, 9वीं 10वीं के छात्रों में सबम्यूकस फाइब्रोसिस डेवेलोप हो रहा है। आज जो हमको देखने को मिल रहा है इतनी कम उम्र में लोग उससे पीड़ित हो रहे हैं।


मुख कैंसर की संख्या बढ़ी है

डॉक्टर जीएस परिहार के मुताबिक जितने भी मरीज शहडोल क्षेत्र में भी मुख कैंसर के बहुत से पाए जाते हैं, मुख कैंसर तम्बाखू से फैलता है कुछ नेकलिजेंसी से भी फैलता है। मुख्य कारण तम्बाखू है जो रात में लोग एक ही जगह दबा कर सो जाते हैं उससे मुख कैंसर डेवेलप हो जाता है।

आज जो हमारी स्टडी है हेल्थ सर्वे की उसमें जितने भी कैंसर हैं उसमें मुख का कैंसर 40 प्रतिशत हो रहा है। मतलब बाकी ज्यादा कैंसर से मुख के कैंसर के मरीज़ ज्यादा हैं। और उसका मुख्य कारण गुटखा, तम्बाखू और सुपाड़ी है। उससे बचने की जरूरत है।


Conclusion:डाक्टर जीएस परिहार बताते हैं कि सबसे बड़ी चीज है कैंसर तो बहुत देरी से डेवेलोप होता है ये अंतिम स्टेज की बात है लेकिन जो लोग सुपाड़ी गुटखा और तम्बाखू खा रहे हैं उनके दांतों में कीड़ा लगता है वो दांत के दर्द से परेशान रहते हैं।

दूसरा पायरिया रोग मसूढ़ों की बीमारी शुरू हो जाती है मसूढ़ों से खून निकलना, धीरे धीरे मसूढ़ों में मवाद निकलना इन सारी चीजो का गुटखे और तम्बाखू से रिलेशन है। जब मसूढ़ों में पायरिया डिवेलप हो जाता है तो आप ठीक से खा नहीं पाते हैं मसूढ़ों में धीरे धीरे मवाद बन जाता है वो मवाद आपके पेट में जाता है जिससे अल्टीमेटली पूरा सिस्टम आपका गड़बड़ा जाता है ये पूरा सिस्टम हमारे पाचन शक्ति को कमजोर करता है। हमारे दिमाग को कमजोर करता है।

गौरतलब है कि गुटखा, तम्बाखू और सुपाड़ी हमारे सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है और अब ये इस अंचल के कम उम्र के युवाओं को अपने आगोश में ले रहा है जिससे स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे भी सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं ये बहुत ही गम्भीर है और प्रशासन से लेकर अभिभावको को भी सतर्क करने वाली बात है।
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