शहडोल। अयोध्या में इन दिनों जमकर तैयारियां चल रही हैं, देशभर में 22 तारीख का लोगों को बड़े ही बेसब्री से इंतजार है. भगवान राम के भक्त अलग-अलग अंदाज में अपनी भक्ति कर रहे हैं. 22 जनवरी को रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. ऐसे में कोई पैदल, कोई दौड़कर तो कोई साइकिल चलाकर अयोध्या पहुंच रहा है. अलग-अलग लोग, भक्ति के अलग-अलग रंग भी देखने को मिल रहे हैं. एक ऐसा ही राम भक्त शहडोल से भी अयोध्या जाने को तैयार है, जो महज 3 दिन में शहडोल से अयोध्या साइकिल से सफर करेंगे.
शहडोल का अनोखा रामभक्त
देश में इन दिनों चारों ओर सिर्फ राम का नाम ही गुंजायमान हो रहा है. हर कोई अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर रहा है. राम की भक्ति में पूरा देश डूबा हुआ है. इस समय भक्ति के अलग-अलग और अनूठे रंग भी देखने को मिल रहे हैं. कोई दंडवत, कोई पैदल, कोई दौड़कर तो कोई साइकिल चलाकर अयोध्या पहुंच रहा है, तो कोई अयोध्या जाने की अभी तैयारी कर रहा है. अलग-अलग लोग, भक्ति के अलग-अलग रंग भी देखने को मिल रहे हैं. इसी राम की भक्ति में शहडोल का एक युवा भी अनोखे अंदाज में अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर रहा है. शहडोल जिला मुख्यालय के रहने वाले नमन राजपूत जिनकी उम्र अभी 21 साल है और यह साइकिल चलाकर शहडोल से अयोध्या जाने की तैयारी में हैं.
सिर्फ तीन दिन और 470 किलोमीटर का सफर
नमन राजपूत बताते हैं कि वह 17 जनवरी को अपनी इस यात्रा पर निकलेंगे और महज तीन दिन में 470 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करेंगे. इस सफर की उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली है. 17 तारीख को नमन राजपूत सुबह 8:00 बजे शहडोल जिला मुख्यालय के अद्भुत कलचुरी कालीन विराट शिव मंदिर से अपनी यात्रा का शुभारंभ करेंगे. जहां उनके कई सारे दोस्त भी मौजूद रहेंगे, हालांकि वो ये सफर अकेले ही करने जा रहे हैं, लेकिन जहां से वो यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहां उनके दोस्त भी उनके इस भक्ति में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे.
नमन बताते हैं कि वो पहले दिन शहडोल से जब निकलेंगे तो 170 किलोमीटर का सफर तय करेंगे और रीवा तक जाएंगे. जहां रीवा में वो स्टे करेंगे और फिर दूसरे दिन रीवा से प्रयागराज तक जाएंगे और फिर प्रयागराज में रुकेंगे और फिर तीसरे दिन वो अयोध्या पहुंच जाएंगे. जो उनका आखिरी दिन होगा. वहीं से उनकी यात्रा की समाप्ति होगी, नमन कहते हैं कि भगवान राम की कृपा रही तो वह समय से अयोध्या पहुंचने में सफल रहेंगे.
11 मंदिरों का दीपक लेकर जा रहे
एक खास बात और है कि नमन राजपूत जो साइकिल से अयोध्या तक की यात्रा कर रहे हैं. उसके लिए उन्होंने विशेष तैयारी भी की है. जिले के 11 अलग-अलग मंदिरों से उन्होंने साइकिल से ही जाकर दीपक लाकर इकट्ठा किया है. उस दीपक को वो अयोध्या में जाकर जलाएंगे, उनका कहना है कि 22 तारीख को अगर उन्हें मौका मिला मंदिर के अंदर जाने का तो 22 तारीख को ही यह दीपक जलाएंगे और अगर मौका नहीं मिलता है तो जहां भगवान श्री राम विराजमान हो रहे हैं उस धरती पर ही उस दीपक को जलाएंगे.
ऐसे बढ़ा साइकिल के प्रति प्रेम
युवा राम भक्त नमन राजपूत कहते हैं कि वह तो वैसे बचपन से ही साइकिल चला रहे हैं, लेकिन साइकिल चलाने के लिए सबसे ज्यादा रुझान और साइकिल के प्रति प्रेम उनका लॉकडाउन के समय से बढ़ा. जब वो फिटनेस के प्रति हमेशा अवेयर रहते हैं, और जब लॉकडाउन के समय में जिम बंद हो गए, बाहर निकलना बंद हो गया, लोगों से मिलना बंद हो गया, तो उन्होंने साइकिल खरीदी और फिर चलाने लगे. हर दिन तो लंबी राइड के लिए साइकिल से नहीं जाते हैं लेकिन हफ्ते में एक दिन वो 100 से 150 किलोमीटर की साइकिल यात्रा जरूर करते हैं.
मन बसे हैं सिर्फ राम
युवा राम भक्त कहते हैं कि बचपन से ही उनका लगाव भगवान राम को लेकर है. छोटे थे तभी से वो मंदिर जाया करते थे. शनिवार मंगलवार के दिन वो अक्सर मंदिर जाते हैं. उसी दिन से उन्होंने ठाना था, जब अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, तो वो वहां जाएंगे, लेकिन पहले ये नहीं सोचा था, की साइकिल से जाएंगे. बचपन से मंदिरों में साइकिल से जाने की जो आदत है. अब अपने इसी आदत के चलते वो अयोध्या भी साइकिल से ही जाने की तैयारी में हैं. इसे लेकर वो काफी खुश भी हैं.
अकेले करेंगे पूरा सफर
युवा राम भक्त नमन राजपूत बताते हैं, कि इस यात्रा पर वो अकेले ही जा रहे हैं. किसी को साथ लेकर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि समय से अपनी यात्रा पूरी करना चाह रहे हैं, इसीलिए वो अकेले ही इस यात्रा पर निकल रहे हैं, हालांकि कुछ दोस्तों ने भी इच्छा जताई थी, लेकिन उन्होंने अकेले जाना ही उचित समझा.