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रेलवे के निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन, निकाली बाइक रैली - रेलवे के निजीकरण का विरोध

रेलवे के निजीकरण को लेकर शहडोल में रेलवे कर्मचारियों और यूनियन ने अलग-अलग तरीकों से अपना विरोध जताया है.

Employees protest against privatization of railway
रेलवे के निजीकरण पर कर्मचारियों का विरोध
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Published : Sep 19, 2020, 8:11 PM IST

शहडोल। इन दिनों रेलवे का निजीकरण काफी सुर्खियों में हैं, जिसको लेकर प्रदर्शन भी काफी ज्यादा हो रहा है. इसी के तहत शहडोल रेलवे स्टेशन में भी रेलवे कर्मचारियों और यूनियन ने अलग-अलग तरीके से विरोध किया.

दरअसल, केंद्र सरकार के भारतीय रेल को निजी हाथों में सौंपने को लेकर ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और साउथ ईस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन का 14 सितंबर से ही लगातार प्रदर्शन जारी था, जो 19 सितंबर तक चला, जिसके अंतर्गत बाइक रैली, मशाल जुलूस और धरना प्रदर्शन तक किया गया. 19 सितंबर के दिन को समापन दिवस के तौर पर मनाया गया, जिसमें रेलवे के कई कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए.


ये रैली रेलवे स्टेशन से रेलवे कॉलोनी होते हुए वापस शहडोल रेलवे स्टेशन पर जा पहुंची, जिसके बाद इस रैली को धरना प्रदर्शन में तब्दील कर दिया गया. इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. यूनियन के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, वो सही नहीं है. इससे आम लोगों और कर्मचारियों को दिक्कत होगी, क्योंकि रेलवे में कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो जाएगी और नई वैकेसियां नहीं निकलेंगी.

इसके अलावा सदस्यों ने कहा कि रेल को लाइफ लाइन कहा जाता है, जिस ट्रेन से हर वर्ग का एक बड़ा तबका सफर करता है, लेकिन अगर इसका निजीकरण कर दिया गया, तो फिर ये ट्रेन गरीब की ट्रेन कभी नहीं रह जाएगी.

शहडोल। इन दिनों रेलवे का निजीकरण काफी सुर्खियों में हैं, जिसको लेकर प्रदर्शन भी काफी ज्यादा हो रहा है. इसी के तहत शहडोल रेलवे स्टेशन में भी रेलवे कर्मचारियों और यूनियन ने अलग-अलग तरीके से विरोध किया.

दरअसल, केंद्र सरकार के भारतीय रेल को निजी हाथों में सौंपने को लेकर ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन और साउथ ईस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन का 14 सितंबर से ही लगातार प्रदर्शन जारी था, जो 19 सितंबर तक चला, जिसके अंतर्गत बाइक रैली, मशाल जुलूस और धरना प्रदर्शन तक किया गया. 19 सितंबर के दिन को समापन दिवस के तौर पर मनाया गया, जिसमें रेलवे के कई कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए.


ये रैली रेलवे स्टेशन से रेलवे कॉलोनी होते हुए वापस शहडोल रेलवे स्टेशन पर जा पहुंची, जिसके बाद इस रैली को धरना प्रदर्शन में तब्दील कर दिया गया. इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. यूनियन के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, वो सही नहीं है. इससे आम लोगों और कर्मचारियों को दिक्कत होगी, क्योंकि रेलवे में कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो जाएगी और नई वैकेसियां नहीं निकलेंगी.

इसके अलावा सदस्यों ने कहा कि रेल को लाइफ लाइन कहा जाता है, जिस ट्रेन से हर वर्ग का एक बड़ा तबका सफर करता है, लेकिन अगर इसका निजीकरण कर दिया गया, तो फिर ये ट्रेन गरीब की ट्रेन कभी नहीं रह जाएगी.

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