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No मास्क, No दूरी, कोरोना को बुलाने की तैयारी पूरी! संभल जाएं, वरना- भारी पड़ेगी ये लापरवाही

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Published : Oct 22, 2021, 1:23 PM IST

फेस्टिवल सीजन में ज्यादा सावधान रहने की बजाय लोग बेपरवाह दिख रहे हैं, जबकि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है, ऐसे में ये लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए. आप भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें, ऐसा करके ही कोरोना वायरस को भगाया जा सकता है.

no mask no social distancing in shahdol
ना मास्क ना दो गज की दूरी कोरोना को लेकर लापरवाही पूरी

शहडोल। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भयावहता को शायद लोग भूल चुके हैं, देश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप भले ही कम हो गया है, पर ये पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, पर लोग जिस तरह से लापरवाही बरत रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि लोगों के अंदर का डर समाप्त हो गया है. न ही मास्क न दो गज की दूरी, कोरोना बुलाने की तैयारी कर रहे हैं पूरी. शहडोल जिले में कोरोना मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है.

महिला आरक्षण पर शिवराज के दावों की हकीकत, कैबिनेट में सिर्फ 3 महिला मंत्री तो संगठन में महज 12% भागीदारी

करीब एक महीने बाद फिर कोरोना मरीज मिलने से एक ओर जहां स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से एक्टिव हो गया है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों की लापरवाही बढ़ती जा रही है. लोग पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं, अगर कोई मास्क लगाये हुए मिल भी जाए तो उसके ग्रुप में ही लोग उसका मजाक उड़ाते हैं. लोगों का अगर ऐसा ही रवैया रहा तो त्योहार के सीजन में कहीं कोरोना फिर से न हावी हो जाये.

कोरोना को बुलाने की तैयारी है पूरी

जिले के अधिकांश क्षेत्र में लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं. क्या व्यापारी, क्या कर्मचारी और क्या आम जनता कोई भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इतना ही नहीं छात्रों के चेहरे से भी मास्क गायब है, जबकि जिले के शिक्षण संस्थान पूरी तरह से खुल चुके हैं. सड़कों पर जो बच्चे-छात्र नजर आते हैं, उनमें से अधिकतर बिना मास्क के दिखते हैं. कुछ बच्चों के पास मास्क तो रहता है, लेकिन मुंह और नाक की बजाय गले की शोभा बढ़ाता है. ऐसी लापरवाही के बीच अगर कोई पॉजिटिव हो जाता है तो ये बहुत बड़ा खतरा बन सकता है.

मास्क लगाने वालों का बनाते हैं मजाक

कुछ लोग अभी भी कोरोना संक्रमण को लेकर सजग हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे सजग नागरिकों से सीखने की बजाय लापरवाह लोग उनका मजाक बनाते हैं. सतर्क लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस से डर लगता है, सावधानी बरतनी है, सभी को मालूम है कि कोरोना वायरस कहीं भी किसी के माध्यम से आप पर अटैक कर सकता है. ऐसे में हर पल सावधान रहना जरूरी है.

जिले में तीन कोरोना के मरीज

शहडोल जिले में इन दिनों कोरोना के तीन एक्टिव मरीज हैं, तीनों मरीज होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे हैं. जिले में अब तक 10,136 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 9,964 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो 169 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. जिले में वैक्सिनेशन की स्थिति पर नजर डालें तो 19 अक्टूबर तक 7,91,393 लोगों को वैक्सीन लगनी थी, जिसमें से 7,0 1,727 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. यानी 88.66% लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 3,01,220 लोग करीब 38.02% को दूसरी डोज भी लग चुकी है.

शहडोल। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भयावहता को शायद लोग भूल चुके हैं, देश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप भले ही कम हो गया है, पर ये पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, पर लोग जिस तरह से लापरवाही बरत रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि लोगों के अंदर का डर समाप्त हो गया है. न ही मास्क न दो गज की दूरी, कोरोना बुलाने की तैयारी कर रहे हैं पूरी. शहडोल जिले में कोरोना मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है.

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करीब एक महीने बाद फिर कोरोना मरीज मिलने से एक ओर जहां स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से एक्टिव हो गया है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों की लापरवाही बढ़ती जा रही है. लोग पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं, अगर कोई मास्क लगाये हुए मिल भी जाए तो उसके ग्रुप में ही लोग उसका मजाक उड़ाते हैं. लोगों का अगर ऐसा ही रवैया रहा तो त्योहार के सीजन में कहीं कोरोना फिर से न हावी हो जाये.

कोरोना को बुलाने की तैयारी है पूरी

जिले के अधिकांश क्षेत्र में लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं. क्या व्यापारी, क्या कर्मचारी और क्या आम जनता कोई भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इतना ही नहीं छात्रों के चेहरे से भी मास्क गायब है, जबकि जिले के शिक्षण संस्थान पूरी तरह से खुल चुके हैं. सड़कों पर जो बच्चे-छात्र नजर आते हैं, उनमें से अधिकतर बिना मास्क के दिखते हैं. कुछ बच्चों के पास मास्क तो रहता है, लेकिन मुंह और नाक की बजाय गले की शोभा बढ़ाता है. ऐसी लापरवाही के बीच अगर कोई पॉजिटिव हो जाता है तो ये बहुत बड़ा खतरा बन सकता है.

मास्क लगाने वालों का बनाते हैं मजाक

कुछ लोग अभी भी कोरोना संक्रमण को लेकर सजग हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे सजग नागरिकों से सीखने की बजाय लापरवाह लोग उनका मजाक बनाते हैं. सतर्क लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस से डर लगता है, सावधानी बरतनी है, सभी को मालूम है कि कोरोना वायरस कहीं भी किसी के माध्यम से आप पर अटैक कर सकता है. ऐसे में हर पल सावधान रहना जरूरी है.

जिले में तीन कोरोना के मरीज

शहडोल जिले में इन दिनों कोरोना के तीन एक्टिव मरीज हैं, तीनों मरीज होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे हैं. जिले में अब तक 10,136 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 9,964 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो 169 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. जिले में वैक्सिनेशन की स्थिति पर नजर डालें तो 19 अक्टूबर तक 7,91,393 लोगों को वैक्सीन लगनी थी, जिसमें से 7,0 1,727 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. यानी 88.66% लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 3,01,220 लोग करीब 38.02% को दूसरी डोज भी लग चुकी है.

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