शहडोल। एक तरफ कोरोना कहर बरपा रहा है, वहीं प्रशासन की कई तरह की लापरवाही लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. ऐसा ही कुछ हुआ शहडोल में जहां एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसे शहर को बीचों-बीच रिहायशी इलाके में बने श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया. हालांकि सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और शव का दाह संस्कार नहीं होने दिया.
मान गया प्रशासन
स्थानीय लोगों का कहना रहा कि अगर प्रशासन को दाह संस्कार करना है तो शहर से कहीं दूर ले जाकर करे. शहर के बीचों बीच किसी श्मशान घाट में ऐसे कोविड पीड़ित मृत मरीजों का दाह संस्कार करना आम लोगों के लिए खतरा है. हालांकि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने शहर से दूर एक आकाशवाणी के पास एक स्थान चिंन्हित किया है, जहां अब कोरोना से मृत हुए मरीजों का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
ये है महिला
मेडिकल कॉलेज में 63 साल की बुजुर्ग महिला का इलाज चल रहा था, जो काफी सीरियस थी और फिर आज उसकी मौत हो गई. इस महिला को एक निजी अस्पताल से 15 अगस्त को शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
पहले भी किया जा चुका है कोरोना मृतक का संस्कार
इससे पहले भी जिले में कोरोना से पहली मौत के बाद भी इसी श्मशान घाट में उसका दाह संस्कार किया गया था, लेकिन लोगों ने कहा कि पहले रात में दाह संस्कार कर दिया गया, जिससे पता नहीं चला लेकिन अब जब पता लग गया है तो अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.