भोपाल/शहडोल। मध्य प्रदेश में हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल, और मिडिल स्कूल के बाद अब प्राथमिक स्कूलों का भी संचालन आज से शुरू हो गया है. भोपाल समेत प्रदेशभर में प्राथमिक स्कूल में रोनक लौट आई है. भोपाल और शहडोल में पहले दिन स्कूल में बच्चों की संख्या कम देखी गई. शहडोल जिले के ग्रामीण अंचल के प्राथमिक स्कूलों में पहले दिन कितने बच्चे पहुंचे और स्कूल में सुरक्षा के क्या इंतजाम रहे इसका जायजा ईटीवी भारत की टीम ने लिया.
शहडोल जिले में 90 हजार से ज्यादा बच्चे पंजीकृत
आंकड़ों के मुताबिक शहडोल जिले में प्राथमिक स्कूलों की संख्या 1,642 है. जहां पहली से पांचवी तक 90 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं. लेकिन पहले दिन स्कूलों में गिने-चुने बच्चे ही नजर आए.
पहले दिन पहुंचे सिर्फ 18 बच्चे
शहडोल जिले के फतेहपुर गांव के प्राथमिक स्कूल में पहले दिन 18 बच्चे ही पहुंचे, जबकि यहां पहली से पांचवी तक की कक्षा में कुल 48 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में शिक्षक अब्दुल हसन खान बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आए. उन्होंने बताया कि जिस तरह से पहले दिन पेरेंट्स का रिस्पॉन्स दिखा है उस हिसाब से कुछ दिनों में स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ जाएगी.
50% से कम रही बच्चों की उपस्थिति
शहडोल जिले के ही दुबहाई टोला के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक प्रदीप यादव बताते हैं कि उनके स्कूल में कक्षा एक से पांच तक महज 18 बच्चे हैं, जिसमें से पहले दिन 14 बच्चे स्कूल पहुंचे. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों में 50% बच्चे पहुंचे. हालांकि बच्चों में पहले दिन स्कूल पहुंचने का उत्साह देखने को मिला.
अभिभावक भी दिखे उत्साहित
बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में बोलते हुए अभिभावकों ने बताया कि "2 साल से स्कूल बंद है, बच्चे परेशान है. अब जब स्कूल खुल रहे हैं तो बच्चों को स्कूल भेजेंगे. वैसे भी बच्चे गांव में खेलते हैं, और गांव में ही स्कूल है, तो बच्चों को स्कूल भेजने में को कोई परेशानी नहीं है."
बिना मास्क के स्कूल पहुंचे बच्चे
स्कूल खुलने के दौरान शहडोल जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में ज्यादातर छात्र बिना मास्क के ही नजर आए. स्कूल आए बच्चों ने बताया कि उनके पास मास्क नहीं था, इसलिए वो बिना मास्क लगाए ही स्कूल आए गए.