शहडोल। पुरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी के दौर से गुजर रही है, वहीं प्रदेश में कुछ ही दिनों में होने वाले उपचुनाव के लिए नेता पुरजोर तैयारियां कर रहे हैं. मुख्यमंत्री से लेकर सभी नेता-विधायक सभी चुनाव में व्यस्त हैं और आम जनता महंगाई से त्रस्त है. आदिवासी जिला शहडोल में महंगाई चरम पर है. यहां सब्जी, राशन, सबके भाव आसमान छू रहे हैं. इस महंगाई की चपेट से डिजल-पेट्रोल भी दूर नहीं है. आलम ये है कि, बढ़ती महंगाई ने हर किसी को त्रस्त है. इस महंगाई के बोझ ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है.
महंगाई की मार झेल रहा आदमी
जिले में इन दिनों आम आदमी पर महंगाई की बड़ी मार पड़ रही है. आलम यह है कि, किराने का लगभग हर सामान महंगा है, वहीं करीब 40 रुपए से कम कोई सब्जी ही नहीं है. पेट्रोल और डीजल के दाम भी अपने चरम पर हैं. एक जगह से दूसरी जगह जाना भी महंगा पड़ रहा है.
- किराना सामान हुआ महंगा
किराना दुकानदारों का कहना है कि, उनकी भी अब कमर टूट चुकी है. इतने महंगे सामान आखिर वो स्टॉक में कैसे लाएं. एक तरह से कहा जाए तो, इस महंगाई की मार से हर वर्ग का व्यक्ति परेशान हैं. क्योंकि मार्केट में भी सभी सामान महंगा मिल रहा है. महंगाई की वजह से ग्राहक भी कम आ रहे हैं. आलम ये है कि, इंसान अब बस किसी न किसी तरह एडजस्ट कर रहा है और इस महंगाई की मार को झेल रहा है.
किराना और डेली नीड्स के हर सामान रखने वाले सुपर मार्केट के व्यापारी शशांक जैन ने बताया कि, कोरोना काल के दौरान प्रॉपर ट्रांसपोर्टेशन न होने के कारण महंगाई तो बढ़ी है. जो थोड़ी कच्ची चीजें हैं, जैसे दाल आदि तो इनका भी इम्पोर्ट प्रॉपर नहीं हुआ है. अभी बीच में ट्रांस्पोर्टेशन नहीं था, मिलें बंद थी, वर्कर्स नहीं थे और लॉकडाउन के दौरान लोगों के बाहन नहीं निकलने की वजह से सामान को स्टॉक करने, खान-पान में कच्ची आइटम का इस्तेमाल बढ़ जाने के कारण महंगाई बढ़ी है.
जिले में किराना सामान के रेट
किराना सामान | फुटकर रेट (रुपए प्रति किलो) |
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लहसुन | 140 |
जीरा | 450 |
अरहर दाल | 130 से 135 |
उड़द दाल | 110 |
मसूर दाल | 100 |
मूंग दाल | 140 |
चना दाल | 75 |
शक्कर | 40 |
गुड़ | 50 |
खाने का तेल | 115 |
काली मिर्च | 700 |
दाल चीनी | 400 |
सोंठ | 200 |
खड़ा धनिया | 120 |
- सब्जियों के दाम ने कर दिया परेशान
किराना सामान ही नहीं, सब्जियों के दाम भी पिछले लंबे समय से बढ़े हुए हैं और लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. आलू और प्याज वो सब्जी है, जो इंसान हर दिन खरीदता और खाता है. एक तरह से ये सदाबहार सब्जी हैं, लेकिन पिछले कुछ महीने से इनके दाम भी औसत लगभग 40 रुपए किलो बने हुए हैं. इसके दाम भी इतने बढ़ें हुए हैं कि, आम इंसान की पहुंच से अब यह दूर होता जा रहा है.
सब्जी व्यापारियों की मानें तो फुटकर में आलू 35 रुपए किलो बिक रहा है, तो वहीं प्याज 40 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि इस समय में ये सब्जियां सस्ती हुआ करती थी. इतना ही नहीं, हरी सब्जियों के दाम तो और भी हैरान करने वाले हैं.
शहडोल में सब्जियों के फुटकर दाम, लगभग में प्रति किलो
सब्जियां | फुटकर दाम (रुपए प्रति किलो) |
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टमाटर | 50 से 60 |
फूल गोभी | 100 |
पत्ता गोभी | 50 |
आलू | 35 |
प्याज | 40 |
बैगन | 40-60 |
शिमला मिर्च | 100 |
भिंडी | 50 |
लौकी | 40 |
कद्दू | 30 |
धनिया | 300 |
गिल्की | 40-50 |
बरबटी | 60 |
अदरक | 100-120 |
सब्जी व्यापारी अमित गुप्ता बताते हैं कि, सब्जियों के दाम पिछले साल से इस साल बहुत महंगी है. इसकी वजह है कि, कोरोना के चक्कर में बाहर की मंडियों से माल आ नहीं पा रहा है और लोकल की सब्जियां भी नहीं आ पा रही हैं. लोकल की सब्जियां, निकलनी स्टार्ट हो जाएं तो महंगाई थोड़ी कंट्रोल हो सकती है. दूसरा महंगाई की वजह है कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम, ऊपर से बड़ी मंडियां बंद रहती हैं. कभी-कभी खुलती हैं, इस कारण और महंगी हैं.
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इतना ही नहीं, कोरोना काल शुरू होने के बाद शहडोल से ही सब्जियां आसपास के क्षेत्रों में भी जाती हैं, जैसे ब्यौहारी, बाणसागर, सागर, बुढ़ार, जैतपुर, जयसिंहनगर इन जगहों पर भी सब्जियां यहीं से सप्लाई हो रही हैं. जबकि माल उतना ही आ रहा है, तो रेट तो बढ़ेगा ही. पहले वहां सब्जियां कुछ बाहर से आ जाती थीं. इसके अलावा लोकल में भी वहां सब्जी आ जाती थी, तो यहां पर दबाव नहीं बनता था, लेकिन अब पूरा दबाव सब्जियों का यहीं पर बन रहा है, जिसकी वजह से रेट भी बढ़ रहे हैं.
- आवागमन भी महंगा
किराना सामान और सब्जियों के दाम की मार तो आम इंसान पर पड़ ही रही है. इसके अलावा एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने के लिए भी शहडोल जिले में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वजह है पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़े हुए हैं. पहले ट्रेन चलती थी, छोटी दूरियों के लिए भी लोग ट्रेन से सफर कर लेते थे, तो लोगों का आवागमन आसान होता था, लेकिन जिले में अभी फिलहाल एक-दो यात्री ट्रेन ही शुरू हो सकी हैं. ऐसे में लोग अपनी पर्सनल गाड़ी या फिर किराए की गाड़ी से एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना कर रहे हैं. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के दाम जिस कदर बढ़े हुए हैं, उसका असर भी लोगों के मासिक खर्च पर असर डाल रहा है.
कहां से खाएं पौष्टिक आहार ?
एक ओर कोरोना महामारी के दौरान खुद को स्वस्थ रखने के लिए कहा जा रहा है कि, पौष्टिक आहार लें, इम्यूनिटी को बढ़ाएं. ऐसी चीजों को ज्यादा से ज्यादा खाएं, जो आपकी इम्यूनिटी को दुरुस्त रखें, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि, इस महंगाई की मार में इंसान उसे खरीदे तो खरीदे कैसे. उस की थाली में पौष्टिक आहार पहुंचे तो पहुंचे कैसे.
आम इंसान पर महंगाई की मार इस कदर पड़ी है कि, लोगों को हर चीज महंगी ही मिल रही है. पहले ही कोरोनाकाल की वजह से लोगों को आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ा है. ऊपर से चारों ओर महंगाई की मार. ऐसे में लोग आम जीवन कैसे गुजारें यही सोचकर उनके हाल-बेहला है. आलम यह है कि, अब लोगों को हर चीज में कटौती करनी पड़ रही है. क्योंकि इस महंगाई की मार ने लोगों की कमर ही तोड़ कर रख दी है.