शहडोल। मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. शहडोल में पेट्रोल की कीमत 116.48 रुपए तक पहुंच गई है, जबकि डीजल 105.62 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. तेल की बढ़ती कीमत की वजह से आमजन की परेशानी बढ़ गई है. शहडोल में आदिवासी समाज का एक बड़ा वर्ग हर दिन कई किलोमीटर का सफर कर शहर में मजदूरी करने जाता है. लेकिन पेट्रोल के बढ़ते दामों की वजह से अब उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. सरकार से वह सिर्फ एक ही सवाल कर रहे हैं कि आखिर घर चलाएं या बाइक.
पेट्रोल-डीजल के आज के दाम
पेट्रोल और डीजल के दाम एक बार फिर से हर दिन बढ़ने शुरू हो चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आज पेट्रोल की कीमत 116 रुपए 48 पैसे तक पहुंच गई, वहीं डीजल 105 रुपए 62 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है. जिस गति से पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ रहा है उसने आम लोगों को भी परेशानी में डाल दिया है. भोपाल में पेट्रोल (Petrol) के दाम शनिवार को 114.09 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं. वहीं, डीजल की कीमत 103.40 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं. इंदौर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 114.71 और 104.00 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है.
शहर | पेट्रोल के दाम (रुपये प्रति लीटर) | डीजल के दाम (रुपये प्रति लीटर) |
भोपाल | 114.09 | 103.40 |
इंदौर | 114.71 | 104.00 |
ग्वालियर | 113.99 | 103.31 |
जबलपुर | 114.67 | 103.96 |
World Food Day 2021 : ऐसी डाइट से आप रह सकते हैं सेहतमंद, लंबे समय तक दिखेंगे जवान, रिपोर्ट पढ़ें
पेट्रोल ने बढ़ा दी परेशानी
शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है, यहां की ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. बदलते वक्त के साथ यहां भी काफी बदलाव देखने को मिले. एक ओर जहां गांव-गांव सड़कों का जाल बिछा, तो आदिवासी समाज के लोगों में भी एक बदलाव देखने को मिला. दूर-दराज के गांव के लोग भी शहरी इलाकों में मजदूरी करने के लिए पहुंचने लगे. वजह यह रही कि लोगों के पास अब शहरी इलाकों पर जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर करने का साधन जो आ गया.
शहरी मुख्यालय से लोगों का जुड़ाव हो गया, सुविधाएं बढ़ गईं. लेकिन अब पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने एक बार फिर से इन्हें परेशानी में डाल दिया है. अब इन आदिवासी समाज के लोगों के बीच सबसे बड़ी समस्या यही है कि जितनी कमाई नहीं उतने का पेट्रोल लग जाता है, ऐसे में वह अपना घर कैसे चलाएं.
घर चलाएं या बाइक ?
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की वजह से इन दिनों एक बार फिर से गाड़ियों से शहरी इलाकों में या फिर कहीं दूर सफर करके जाने वाले मजदूरों की समस्या बढ़ गई है. अब एक बार फिर से साइकिल में सवार होकर जाने वाले मजदूरों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों का कई ग्रुप ऐसा भी था, जो ऑटो से काम पर जाते थे और ऑटो वालों को कुछ किराया दे देते थे. लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतों ने अब इनकी समस्या भी बढ़ा दी है.
ईटीवी भारत ने जब आदिवासी मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपनी समस्याएं बताईं. मजदूरों ने कहा कि अब तो वह साइकिल से काम पर जा रहे हैं, पेट्रोल करीब 116 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है. बड़ी समस्या है, बाइक चलाएं या फिर घर.
25 से 30 प्रतिशत लोगों ने शुरू की साइकिल
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव आया है. जिले में 25 से 30 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो कभी गाड़ियों से काम पर आते थे, लेकिन अब साइकिल से जाने लगे हैं. कुछ लोगों ने तो दूर काम पर जाना ही बंद कर दिया है. ग्रामीण अपने गांव के आसपास ही काम ढूंढने को मजबूर हैं.
गाड़ियों की बिक्री में आई गिरावट
पिछले कई सालों से बाइक और दूसरी दोपहिया वाहनों की बिक्री करने वाले गुप्ता ऑटोमोबाइल के संचालक राजेश गुप्ता ने बताया कि त्यौहार के समय बिजनेस अच्छा रहता है. लेकिन इस बार गाड़ियों का उठाव कम हो गया है. पिछले साल की तुलना में कम गाड़ियों की बिक्री हो रही है. राजेश गुप्ता ने आगे कहा कि पिछले साल की तुलना में ऑटोमोबाइल बिजनेस लगभग 25 परसेंट तक कम है. मार्केट में लोगों का आना जाना कम हो रहा है. त्योहार हैं, लेकिन ग्राहक उतने नहीं हैं जितने होने चाहिए.
किसानों की भी बढ़ी समस्या